ONE NEWS LIVE NETWORK/ SAMASTIPUR
रेल मंडल मुख्यालय स्थित समस्तीपु स्टेशन पर प्रतिदिन औसतन 15 हजार यात्री अपने यात्रा का शुभारंभ करते थे। इसमें अधिकांश दैनिक यात्री शामिल हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण फिलहाल यहां यात्रियों की इंट्री पर रोक लगी है। प्लेटफार्म पर सवारी गाड़ी कोच तो लगी है, लेकिन खुलती नहीं है। जिसकी सुरक्षा में आरपीएसएफ को लगाया गया है। प्लेटफार्म पर इन दिनों गश्ती करते हुये आरपीएफ एवं आरपीएसएफ कर्मचारी के अलावे कुछ सफाई कर्मी ही नजर आते हैं।स्टेशन, बस पड़ाव यह नाम सुनते ही लोगों के जेहन में भीड़ भाड़ वाला दृश्य सामने घूमने लगता है। रेलवे स्टेशन एक ऐसा स्थान है, जहां 24 घंटे लोगों का जमघट रहता है। बीच-बीच में ट्रेनों के तेज हार्न एवं यात्रीगण कृपया ध्यान दें, पूछताछ केंद्र से निकली यह आवाज लोगों को अपने गंतव्य स्थान की याद दिलाती रहती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण यहां आज वीरानगी छायी हुई है। देश में पहली बार रेलवे के पहिया इस कदर रूक गया कि पिछले 18 दिनों से स्टेशनों पर यात्रियों की इंट्री नहीं हो पायी है। कोरोना वायरस कोविद 19 को लेकर स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म, प्रतिक्षालय सभी जगह सन्नाटा पसरा हुआ है। समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित स्टेशन के अलावे दरभंगा, सहरसा, मधुबनी, मोतिहारी सहित सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
सवा लाख यात्री करते थे यात्रा
रेल मंडल के सभी स्टेशनों से प्रतिदिन लगभग सवा लाख से अधिक यात्री यात्रा करते थे। लॉकडाउन के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद है, नतीजतन सवारी गाड़ी के अलावे मेल एक्सप्रेस का परिचालन बंद है। सीनियर डीसीएम सरस्वती चंद्र ने बताया कि रेल मंडल में प्रतिदिन औसतन एक लाख दस हजार यात्री यूटीएस टिकट लेकर यात्रा करते थे, जबकि 12 से 13 हजार यात्री पीआरएस टिकट पर यात्रा करते थे। मिली जानकारी के अनुसार इन यात्रियों से रेल मंडल को प्रतिदिन डेढ़ करोड़ की आय होती थी।
समस्तीपुर में पहुंचते थे 15 हजार
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