-- ग्रामीण संस्कृति व गांव के लोगों के बीच का भाईचारा व अपनापन का मिशाल अब भी कायम
समस्तीपुर। इक्कीसवीं सदी के इस अर्थ युग का लोगों पर हावी होती जा रही प्रभाव के बीच ग्रामीण संस्कृति व गांव के लोगों के बीच का भाईचारा व अपनापन आज भी मिशाल के रूप में समाज को समझने वालो के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। जिले के उजियारपुर प्रखंड के चैता दक्षिणी वार्ड 5 में एक अत्यधिक गरीब व परिस्थिति के मारे व्यक्ति के लड़की की समाजिक सहयोग से धूमधाम से शादी कराकर उसके ससुराल विदा कर लोगों ने एक मिशाल कायम किया। गांव के जिवंत मानवीय मूल्यों की चर्चा क्षेत्र में हो रही है। गरीब के बेटी की शादी में पंचायत व क्षेत्र के कई गणमान्य लोग शामिल हुए तथा लोगों ने अपने स्तर से सहयोग दिए। शादी में डढिया असाधर निवासी सह संभावित जिला परिषद प्रत्याशी राकेश कुमार पप्पू, पूर्व मुखिया सकलदीप राय, सरपंच सुधीर पांडेय, रामकुमार यादव, दिनेश दास, राम अशीष दास, आनंदलाल दास, रामबली दास सहित दर्जनों ग्रामीण व अन्य लोग उपस्थित थे।
नियोजित शिक्षक के पक्ष में अभी भी नहीं दिखती सुशासन सरकार बिहार वन मीडिया/ किरण कुमारी बिहार में पटना हाइकोर्ट ने पिछले मंगलवार यानि 31 octobar 2017 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब समान काम के लिए समान वेतन लागू होगा। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने नियोजित शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला लागू किया जाना चाहिए नहीं तो इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। हाइकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की याचिका को सुरक्षित रखते हुए आज इसपर सुनवाई की। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतन की याचिका को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी। समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर राज्य के नियोजिक शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मालूम हो कि बिहार के नियोजित शिक्षक अपनी इस मांग को लेकर काफी दिनों से आंदोलनरत थे। कोर्ट के इस फैसले का विभिन्न शिक्षक संघों ने स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत करार दिया है। नियोजित शिक्षकों की ओर से ...
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