सुनीता जी / समस्तीपुर
19 जून 2016
इतिहास याद करेगा भावना जैसी बेटियां को
भावना के पिता तेज नारायण कंठ को विश्वास था की बेटिया एक दिन गांव की ही नहीं बल्कि समूचे बिहार का नाम रौशन करेगी। उन्होंने अपने पिता के सपने को सच कर दिया।
उनके पिता को अपने परवरिश पर आज नाज़ हो रहा है।
भावना बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी। भावना का जनम दरभंगा जिले के बाउर गांव में हुआ था।
भावना की इस उपलब्धि पर पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम साहब के दोस्त व रक्षा वैज्ञानिक मानव बिहारी वर्मा समेत चाचा मुकुल बिहारी वर्मा तथा ग्रामीण काफी खुश है। भावना के पिता इंडियन आयल कारपोरेशन में अधिकारी है।
माँ पिता व बेटियां सभी ने अपना फ़र्ज़ अदा किया।
एक और जहां एक बचचा के लिए बिहार बदनाम हो रहा है वही एक भावना को लेकर बिहार गौरवान्वित हो रहा है। जय बिहार। अपना बिहार।
19 जून 2016
इतिहास याद करेगा भावना जैसी बेटियां को
भावना के पिता तेज नारायण कंठ को विश्वास था की बेटिया एक दिन गांव की ही नहीं बल्कि समूचे बिहार का नाम रौशन करेगी। उन्होंने अपने पिता के सपने को सच कर दिया।
उनके पिता को अपने परवरिश पर आज नाज़ हो रहा है।
भावना बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी। भावना का जनम दरभंगा जिले के बाउर गांव में हुआ था।
भावना की इस उपलब्धि पर पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम साहब के दोस्त व रक्षा वैज्ञानिक मानव बिहारी वर्मा समेत चाचा मुकुल बिहारी वर्मा तथा ग्रामीण काफी खुश है। भावना के पिता इंडियन आयल कारपोरेशन में अधिकारी है।
माँ पिता व बेटियां सभी ने अपना फ़र्ज़ अदा किया।
एक और जहां एक बचचा के लिए बिहार बदनाम हो रहा है वही एक भावना को लेकर बिहार गौरवान्वित हो रहा है। जय बिहार। अपना बिहार।
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