बिहार के खनन निरीक्षक करोड़ों के मालिक हैं। खनन अफसरों के घर शुक्रवार को हुई छापेमारी में ये बातें सामने आयी। शुक्रवार को बिहार के दो खनन निरीक्षकों के विभिन्न ठिकानों पर आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने छापा मारा। इन दोनों अधिकारियों वीरेंद्र यादव (गोपालगंज) और झकारी राम (शेखपुरा) के यहां से तकरीबन दस करोड़ की संपत्ति मिली है। पटना में झकारी राम के यहां एक करोड़ 64 लाख 34 हजार नकद मिले। इन नोटों को गिनने के लिए स्टेट बैंक से मशीन मंगानी पड़ी।
इस बीच शुक्रवार को ही जब आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने वीरेंद्र यादव के घर और कार्यालय में छापेमारी की तो परत दर परत सारी चीजें ऊपर आने लगी। छापेमारी उनकी कार्याफय, मुजफ्फरपुर स्थित आवास, पैतृक गांव बरियारपुर में की गयी। शुक्रवार की सुबह मुजफ्फरपुर के रामदयालु नगर मुक्तिनाथ मंदिर स्थित तीन मंजिले मकान में अधिकारियों ने छापा मारा। गुरुवार को पटना के आर्थिक अपराध थाने में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अब तक की छापेमारी में लगभग 2 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हो चुका है। वीरेंद्र यादव पिछले कई माह से गोपालगंज में इस पद पर कार्यरत हैं। उन्हें सीवान जिले का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
छापेमारी के समय वीरेंद्र यादव घर पर ही थे। उनके मुजफ्फरपुर आवास से सवा लाख रुपये नकद, जमीन के कई कागजात, लाखों रुपये के एलआईसी पॉलिसी, कई बैंकों के डेढ़ दर्जन खाते मिले हैं। उनके पैतृक गांव बरियारपुर के घर से दो लाख रुपये नकद, जमीन के दर्जनों दस्तावेज व एक गैस एजेंसी का कागज मिला है। बैंक एकाउंट की छानबीन में उनके व रिश्तेदारों के नाम से 85 लाख जमा हैं, जिसे बंद कर दिया गया है। मुजफ्फरपुर से मिले बैंक एकाउंट में 35 लाख व बरियारपुर स्थित गांव से मिले एकाउंट में 50 लाख रुपये जमा हैं .क्रेडिट दैनिक भास्कर पटना
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