बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने आयोजित किया गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षक समाज व सरकार विषयक सेमिनार
बिहारवन वेब टीम /
राम बालक रॉय
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की राज्य इकाई से लेकर जिला इकाई तक सरकार से 10 बिन्दुओ पर लगातार अपनी मांग रखती है /राज्य सरकार व शिक्षा मंत्री केवल आश्वाशन के जरिये अपना काम चला रही है। जानना जरुरी है की वो १० मांग है क्या
1 सामान काम के बदले सामान वेतन लागु किया जाय
2 नियमित शिक्षक की भाँति सेवाशर्त
3 सभी अप्रशिक्षित को ग्रेड पे 2015 से
4 सभी स्नातक पास शिक्षको को एक साथ स्नातक ग्रेड में सामंजन
5 सभी अप्रशिक्षित को एक साथ दो वर्षीय प्रशिक्षण
6 पाठ्य पुस्तक की ससमय उपलब्धता
7 जीविका दीदी के विद्यालय निरीक्षण के निर्णय को अविलम्ब वापसी
8 एक्छिक स्थानांतरण
9 अनुकंपा पर बहाली में प्रशिक्षित की बाध्यता समाप्त करने
शिक्षक नेता ने आरजेडी को यह भी याद कराया की जब वह सरकार में नही थी तो तेजस्वी ने सामान काम का समान वेतन देने का लिखित भरोसा दिया था इसलिए अब वह जब खुद सत्ता में है तो उन्हें यह लागू करना चाहिए साथ ही यह भरोसा दिया की हम शिक्षक का यही सोच है की "आप के न बाप के "जो मेरे लिए सोचेगा हम उसी के।
आनंद कौशल सिंह प्रदेश सचिव, बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ
10 संघ के पदधारक को अवकाश
बिहार सरकार ने शिक्षा में व्यापक सुधार के उद्देश्य से सूबे में भारी पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली कर ली लेकिन जब मीडिया में लगातार दिखाए गए रिपोर्ट के माध्यम से इस बात का खुलासा हुआ कि स्कूलों में छात्रों की संख्या भले बढ़ गयी हो लेकिन उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नही मिल पा रही है तब सरकार ने यैसे शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े नियम बना डाले। लेकिन अब यही शिक्षक इस बात के लिए दबाब बना रहें हैं कि अगर सरकार हमसे बेहतर शिक्षा की अपेक्षा करती है तो उसे पहले कोर्ट के निर्देश के मुताबिक समान काम के समान वेतन के सिद्धान्त को लागू करना होगा।समस्तीपुर में रविवार को ''गुणवत्तापूर्व शिक्षा में शिक्षक ,समाज एवं सरकार की भूमिका ''विषय पर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी जब शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव ने मंच पर बैठे जिला शिक्षा अधिकारी और जेडीयू के विधायक विद्यासागर निषाद और आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन के सामने ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों और सरकार की बखिया उधेड़ दी। साथ ही यह चेतावनी भी दे डाली कि अगर सरकार और उनके अधिकारी जल्द उनका शोषण करना बन्द नही करते तो आगामी बजट सत्र चलने नही दिया जाएगा और पुरे बिहार का चक्का जाम कर दिया जायेगा। इस स्थिति में दोनों विधायकों और जिला शिक्षा अधिकारी पशोपेश नजर आये। एक समय तो यैसा आया की सार्वजनिक तौर पर लगातार अपने ऊपर लग रहे आरोपो से खिन्न होकर DEO मंच से ही उठ कर जाने लगे। फिर दर्शक दीर्घा में बैठे दूसरे शिक्षकों ने नारेबारी करते हुए उनकी हुडिंग शुरू कर दी तो उन्होंने अपना सर झुकाकर चुपचाप बैठना ही मुनासिब समझा।
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