Skip to main content

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सरकार की नीति प्रभावित : पूरण कुमार

                               गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सरकार की नीति प्रभावित :एज्या यादव   


 बिहारवनवेब/ राम बालक राय

मोहिउद्दीननगर विधायक एज्या यादव ने नियोजित शिक्षको के सम्मलेन सह समागम की उदघाटन करते हुए कहा की टीचर्स इज सरोगेट मदर से शुरुआत की. उन्होंने कहा की किसी भी संस्था में एक सामान काम के लिए असमान वेतन का प्रावधान काम के स्तर को प्रभावित करता है. नियोजित शिक्षको की मांग के जायज बताया।  उन्होंने कहा की वेतन में अपनाने वाली दोयम दर्जे की नीति शिक्षको के समर्पण को प्रभावित करती है..  एज्या यादव  एज्या यादव। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ   समस्तीपुर की मोहनपुर इकाई द्वारा आयोजित शैक्षिक सेमिनार का जिले में सातवी कड़ी के रूप में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की लड़ाई लड़ रही है.

       शिक्षको के साथ सौतेलापन के खिलाफ लड़ेंगे लड़ाई

 बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पुराण कुमार ने कहा की सरकार शिक्षको के साथ साथ बच्चो के साथ हकमारी कर रही है. सूबे के 2 करोड़ बच्चो में आधे को अब तक पुस्तक उपलब्ध नहीं हुआ. वही बच्चो के भविष्य को गढ़ने वाले शिक्षक के साथ सौतेलापन व्यव्हार के खिलाफ सरकार से लड़ाई लड़ेंगे।
   
        बगैर सांगठनिक लड़ाई के हम जीत नहीं सकते  राम चंद्र राय

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला  अध्यक्ष राम चंद्र राय ने कहा की सांगठनिक मजबूती से ही हम असमान वेतन की लड़ाई जित सकते है ऐसे में हमारा समर्पण प्रभावित हो रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अमित कुमार वही संचालन साहित्यकार व कवि बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर व संजीव आर्य  किया।  कार्यक्रम में जिला परिषद् अध्यक्ष प्रेमलता देवी विकाश रंजन सुरेंद्र रॉय हरी नारायण सिंह हरी राजीव वर्मा कुमार गौरव अभय आज़ाद नन्द किशोर रॉय राम बालक राय आदि




     

Comments

Popular posts from this blog

नियोजित शिक्षक के पक्ष में अभी भी नहीं दिखती सुशासन सरकार  बिहार वन मीडिया/ किरण कुमारी  बिहार में पटना हाइकोर्ट ने पिछले मंगलवार यानि 31 octobar 2017  को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब समान काम के लिए समान वेतन लागू होगा। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने नियोजित शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला लागू किया जाना चाहिए नहीं तो इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। हाइकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की याचिका को सुरक्षित रखते हुए आज इसपर सुनवाई की। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतन की याचिका को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी। समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर राज्य के नियोजिक शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मालूम हो कि बिहार के नियोजित शिक्षक अपनी इस मांग को लेकर काफी दिनों से आंदोलनरत थे। कोर्ट के इस फैसले का विभिन्न शिक्षक संघों ने स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत करार दिया है। नियोजित शिक्षकों की ओर से ...
 बिहार के खनन निरीक्षक करोड़ों के मालिक हैं। खनन अफसरों के घर शुक्रवार को हुई छापेमारी में ये बातें सामने आयी। शुक्रवार को बिहार के दो खनन निरीक्षकों के विभिन्न ठिकानों पर आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने छापा मारा। इन दोनों अधिकारियों वीरेंद्र यादव (गोपालगंज) और झकारी राम (शेखपुरा) के यहां से तकरीबन दस करोड़ की संपत्ति मिली है। पटना में झकारी राम के यहां एक करोड़ 64  लाख 34 हजार नकद मिले। इन नोटों को गिनने के लिए स्टेट बैंक से मशीन मंगानी पड़ी।   इस बीच शुक्रवार को ही जब आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने वीरेंद्र यादव के घर और कार्यालय में छापेमारी की तो परत दर परत सारी चीजें ऊपर आने लगी। छापेमारी उनकी कार्याफय, मुजफ्फरपुर स्थित आवास, पैतृक गांव बरियारपुर में की गयी। शुक्रवार की सुबह मुजफ्फरपुर के रामदयालु नगर मुक्तिनाथ मंदिर स्थित तीन मंजिले मकान में अधिकारियों ने छापा मारा। गुरुवार को पटना के आर्थिक अपराध थाने में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।   अब तक की छापेमारी में लगभग 2 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हो चुका है। वीरेंद्र यादव पिछले कई माह से गोपाल...

समाज का प्रतिदर्पण है साहित्यकार

                                                    समाज का प्रतिदर्पण है साहित्यकार  राम बालक राय /बिहारवन वेब  ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई समस्तीपुर महाविद्यालय समस्तीपुर परिसर में अंग्रेजी विभाग के तत्वाधान में  द एजुकेशन फंक्शन ऑफ़ लिटरेचर विषय पर आयोजित एक दिवसीय शैक्षिक सेमीनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉक्टर प्रभात कुमार ने मिथिलांचल के शैक्षिक व साहित्यिक आयाम को मजबूती से रेखांकित करते हुए कहा की अच्छा साहित्यकार व्यक्ति व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझता है।  वह प्रगतिशीलता की मशाल को हमेशा जलाये रखता है. साहित्यकार के पास सामाजिक विकाश के पक्ष को बल देने हेतु तत्पर रहता है. उनकी अपनी बौद्धिक जिज्ञाषा होती है जिसे वह शब्दो में बाहर लाता है. वे बिना किसी पूर्वाग्रह के समझने की कोशिश करता है। जो  साहित्यकार यह नहीं समझ सका वह समाजोपयोगी कलाकृति का दावा नहीं कर सकता।   किसी ...