बिहार वन न्यूज़ डेस्क। बिहार के दरभंगा के डॉ मानस बिहारी वर्मा को पद्म श्री अवॉर्ड देने की घोषणा से मिथिलांचलवासी फुले नहीं समां रहे है। हाल में एयरफोर्स के बेड़े में शामिल 'तेजस' विमान की नींव रखने वाले वैज्ञानिकों में एक वैज्ञानिक डॉ मानस बिहारी वर्मा भी इसी गांव से हैं।ज्ञात हो कि समस्तीपुर पूसा स्थित डॉक्टर राजेंदर प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आना था। वही उनके खासे मित्र मानस बिहारी वर्मा से भी मिलने कार्यक्रम था। इस क्रम में उनका आदेश था की श्री वर्मा को जानकारी दी जाय की राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे कलाम साहब आपसे मिलना चाहते है। तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय दरभंगा में। .......खोजा गया। तब जाकर दोनों की मुलाकात हुई। दोनों महापुरुषो की मुलाकात का नतीजा हुआ की मिथिलांचल की धरती दरभंगा में पहली वॉर 21 स्कूलों के बच्चे आमने सामने अपने राष्ट्रपति अंकल से प्रत्यक्ष बात किये। आजभीइस दिशा में ऑगस्ट फाउंडेशन कीओरसे कार्यकाल रहा है।
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निकटतम सहयोगी रहे।
-2005 में एलसीए के प्रोग्राम डायरेक्टर और एयरनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के डायरेक्टर रहते हुए रिटायर हुए।
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निकटतम सहयोगी रहे।
-2005 में एलसीए के प्रोग्राम डायरेक्टर और एयरनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के डायरेक्टर रहते हुए रिटायर हुए।
दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी एवं पश्चिमी कमला तटबंध के मध्य अवस्थित पूर्णतः बाढ़ ग्रस्त एक छोटे से गांव बाउर में 1946 में जन्मे डॉ मानस बिहारी वर्मा का भारत का तेज बढ़ाने वाली 'तेजस' के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मानस वर्मा की शुरूआती पढ़ाई लिखाई गांव के ही जवाहर हाइस्कूल, मधेपुर में ही हुई है। यहां से 10वीं पास कर पटना साइंस कॉलेज और बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से उच्च और तकनीकी शिक्षा प्राप्त किया।
-2001 में हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) 'तेजस' ने पहली बार उड़ान भरा था। तब श्री वर्मा एलसीए प्रोजेक्ट के डायरेक्टर थे।
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