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मानव सभ्यता के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा ख़तरा

                   वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इस 48वीं वार्षिक बैठक
बिहार वन  न्यूज़/राम बालक राय
 विश्व आर्थिक मंच (WEF) के स्विटजरलैंड के दावोस शहर में 48वें समिट में आज पीएम नरेंदर मोदी प्लेनरी सेशन को संबोधित किये । उन्होंने अपने संबोधन में  कहा कि वदावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इस 48वीं वार्षिक बैठक में शामिल होते हुए मुझे बेहद हर्ष की अनुभूति हो रही है  है। सबसे पहले मैं क्लॉजश्वाब को उनकी इस पहल पर और डब्लूईएफ को एक सशक्त और व्यापक मंच बनाने पर बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि आज गरीबी, अलगाववाद, बेरोजगारी हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है इस दरार को हमें दूर करना होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि मानव सभ्यता के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा ख़तरा है।

मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है, कई द्वीप डूब गए हैं या फिर डूबने की कगार पर हैं. प्रकृति को बचना भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारत ने अपना बिजली उत्पादन 60 गीगावॉट तक पहुँचा दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि उनके विजन में एक महत्वकांक्षी एजेंडा है जिसका उद्देश्य है दुनिया के हालात सुधारना। उन्होंने इस एजेंडे को आर्थक और राजनीतिक चिंतन से बहुत मजबूती के साथ जोड़ दिया है। साथ ही साथ ही गर्मजोशी भरे स्वागत-सत्कार के लिए मैं स्विट्जरलैंड की सरकार और उसके नागरिकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्ता करना चाहता हूं।
दावोस में  भारत के प्रधानमंत्री की आख़िरी यात्रा सन् 1997 में हुई थी, जब एच डी  देवेगौड़ा भारत के प्रधानमंत्री  थे। 1997 में भारत का GDP सिर्फ़ 400 बिलियन डॉलर से कुछ अधिक था।

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