

बिहारवन न्यूज़ / राम बालक राय
मटिहानी गोदरगावा से लौटकर
इस धरती ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर व साहित्यकार रामशरण शर्मा जैसे कई बिभुतियो को जन्म दी है. इस धरती से हर किसी को प्रेरणा मिलती है। इस धरती पर पहुंच कर मैं अपने को गर्व महसूस करता हु। बेगूसराय हमेशा से साहित्य व संस्कृति के प्रति गहरा लगाव रखते रहा है. उक्त विचार बेगूसराय जिले ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित विप्लवी पुस्तकालय गोदरगावां में प्रो अनिल सदगोपाल ने कहीं. साहित्यकार जब गोदरगावां पहुंचे और ग्रामीण परिवेश में पुस्तकालय की भव्यता व लोगों में पुस्तक व साहित्य के प्रति लगाव देख कर अचंभित हो उठे. साहित्यकारों ने कहा कि हमलोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में जाने का अवसर मिलता है. सभी जगहों पर पुस्तकालय की स्थिति समाप्त होती जा रही है.
लेकिन यहां आने के बाद एक बार फिर उत्साह जागृत होता है कि पुस्तकालय के प्रति अभी भी लोगों की गहरी अभिरुचि है. साहित्यकारों ने कहा कि विप्लवी पुस्तकालय जैसी भव्यता देश के साढ़े पांच हजार गांवों में होने की जरूरत है. तभी हम शिक्षा के प्रति अलख जगाने में कामयाब हो पायेंगे. इसके पूर्व साहित्यकारों के आगमन के दौरान स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से अपने अतिथियों का स्वागत पुष्प वर्षा कर किया. आजाद चौक से लेकर पुस्तकालय प्रांगण तक साहित्यकारों व स्थानीय लोगों के द्वारा शिक्षा बचाओ के तहत मार्च निकाल कर लोगों को जागरूक किया गया. मौके पर साहित्यकारों व अतिथियों ने पुस्तकालय के प्रांगण में स्थापित भगत सिंह, कबीर समेत अन्य विभूतियों पर पुष्प अर्पित करते हुए पुस्तकालय में लगी हुई किताबों का अवलोकन किया. इस मौके पर पुस्तकालय को प्रो अनिल सदगोपाल ने 80 किताबें भेंट की.
पुस्तकालय के प्रेरणास्रोत एवं सांस्कृतिक आंदोलन के प्रणेता डा. पी गुप्ता की प्रतिमा का अनावरण किया गया।
19 मार्च को ही शहीद भगत सिंह और आज का भारत विषय पर चर्चा के दौरान बुद्धिजीवियों का हुआ जुटान। 20 मार्च को देवी वैदेही सभागार में शिक्षा बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया गया । इसमें समान शिक्षा पद्वति पर विमर्श कार्यक्रम में देश के नामचीन हस्ती प्रो. अनिल सदगोपाल, समाजशास्त्री डॉ. हेतुकर झा, शल्य चिकित्सक डॉ. ए हई, डॉ.सत्यजीत, डॉ. अनिल कुमार ठाकुर, प्रो. जी हरे गोपाल, टीवी पत्रकार सुधांसु रंजन सुरजीत थॉकचॉम, प्रो. मधु प्रसाद, चंद्रभूषण चौधरी भी हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में शिक्षक, छात्र, महिला, समाजवादी, गांधीवादी, दलित, लेखक, अंबेदकर विचारक,राज्य स्तरीय संगठन के प्रतिनिधि भी भाग लिया ।
Comments
Post a Comment