संजय कुमार राजा /आर बी राय
बिहार वन वेब टीम
पटना में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की साइंस सिटी का निर्माण जल्द शुरू होगा। इसके लिए 397 करोड़ खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृत राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को दी। 94 करोड़ जल्द ही बिहार काउंसिल ऑन साइंस सिटी एंड टेक्नोलॉजी को बिहार आकस्मिकता निधि से दिया जाएगा, ताकि काम जल्द शुरू हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 11 प्रस्तवों पर सहमति दी गई। गौरतलब हो कि राजेंद्रनगर में स्थित मोइनुल हक स्टेडियम के नजदीक करीब 20 एकड़ भूमि में साइंस सिटी का निर्माण होना है। साइंस सिटी में वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित कई प्रदर्श दीर्घा का निर्माण होगा। इसमें वैज्ञानिक सिद्धांतों की अनुभूति और इनका आम जन-जीवन में हो रहे प्रोयोगों को भी दिखाया जाएगा। पर्यटन स्थल के रूप में भी इसका विकास होगा।
सीधे लाभुकों के खाते में जाएगा पैसा
राज्य सरकार अब संबंधित लाभुकों के खाते में सीधे राशि का भुगतान करेगी। ट्रेजरी से पहले बैंक और फिर लाभुकों के खाते में राशि जाने की व्यवस्था नहीं रहेगी। ट्रेजरी से सीधे संवेदकों, वेंडरों, आपूर्तिकर्ताओं और अन्य लाभुकों के खाते में राशि जाएगी। इसको लेकर कंप्रीहेन्सिव ट्रेजरी मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम के अंतर्गत ई-पेमेंट की व्यवस्था लागू करने की कैबिनेट ने सहमति दे दी।
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पटना में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की साइंस सिटी का निर्माण जल्द शुरू होगा। इसके लिए 397 करोड़ खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृत राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को दी। 94 करोड़ जल्द ही बिहार काउंसिल ऑन साइंस सिटी एंड टेक्नोलॉजी को बिहार आकस्मिकता निधि से दिया जाएगा, ताकि काम जल्द शुरू हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 11 प्रस्तवों पर सहमति दी गई। गौरतलब हो कि राजेंद्रनगर में स्थित मोइनुल हक स्टेडियम के नजदीक करीब 20 एकड़ भूमि में साइंस सिटी का निर्माण होना है। साइंस सिटी में वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित कई प्रदर्श दीर्घा का निर्माण होगा। इसमें वैज्ञानिक सिद्धांतों की अनुभूति और इनका आम जन-जीवन में हो रहे प्रोयोगों को भी दिखाया जाएगा। पर्यटन स्थल के रूप में भी इसका विकास होगा।
सीधे लाभुकों के खाते में जाएगा पैसा
राज्य सरकार अब संबंधित लाभुकों के खाते में सीधे राशि का भुगतान करेगी। ट्रेजरी से पहले बैंक और फिर लाभुकों के खाते में राशि जाने की व्यवस्था नहीं रहेगी। ट्रेजरी से सीधे संवेदकों, वेंडरों, आपूर्तिकर्ताओं और अन्य लाभुकों के खाते में राशि जाएगी। इसको लेकर कंप्रीहेन्सिव ट्रेजरी मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम के अंतर्गत ई-पेमेंट की व्यवस्था लागू करने की कैबिनेट ने सहमति दे दी।
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