समस्तीपुर के डॉक्टर बने यमराज
चंद रुपये के लिए कर ली गर्भ की चोरी
मामले की परताल करने पहुची बीबीसी लन्दन की टीम
मिथिलांचल की धरती समस्तीपुर यु तो हमेशा किसी न किसी करणवश चर्चा में बना रहता है .परन्तु बिगत छह माह से धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के कारनामो के कारन सूबे ही नहीं अपितु समूचे देश और दुनिया में चर्चित रहा .अभी हाल ही में बीबीसी लन्दन की टीम और बिहार टाइम्स के निदेशक अजय कुमार समस्तीपुर के गर्भाशय मामले की परताल करने पहुची .उनके मुताबिक समस्तीपुर के जिलाधिकारी कुंदन कुमार भी मानते है की उपरोक्त मामले में भारी लुट खसूट हुई है।चाँद रुपयों की खातिर बी पी एल महिलाओ को जिनकी आयु 25 से 35 बरस की है लगभग 503 ऐसी महिलाओ को बिना जरुरत के गर्भासय निकल दिए गये।जानकारों के मुताबिक यह एक तरह का गर्भ चोरी का मामला बनता है। और यह घटना सिर्फ देश के अन्दर बिहार के समस्तीपुर में घटा।सूत्रों के मुताबिक यह मामला तब प्रकाश में आया जब सर्कार के स्वास्थ्य महकमो पर करोरो खर्च के बाबजूद हॉस्पिटल के अन्दर तमाम उपकरण के बाबजूद एक भी परिवार नियोजन के दौरान गर्भासय सर्जरी का मामला आया.और रास्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा बी पी एल महिलाओ को अतिरिक्त सुविधा के अंतर्गत इलाज करवाया गया इसके लिए बिभाग श्रम बिभाग,और बिमा कंपनीयो के बीच समझौता हुआ।इस समझौता के तहद स्मार्ट कार्ड धारियों को उनके इलाज पर हुआ खर्च का 50 % खर्च बिमा कम्पनी देती है। इस योजना का अधिकाधिक लाभ के लिए समस्तीपुर के 17 नर्सिंग होम ने को ICICI LOMBARD को लगभग साढ़े 12 करोर रुपये का चुना लगाया।जिला से लेकर अनुमंडल तक एक चोर से लेकर दुसरे छोर तक के छोटे से बरे अस्पताल ने खूब दुबकी लगायी।स्मार्ट कार्ड पर कुल कितनी सर्जरी हुई कितने रूपये किस नर्सिंग होम ने डकारे।इसके लिए कुछ संयांखाकी बिबरन का जिक्र अत्यावश्यक है। एक नज़र
समस्तीपुर सदर अनुमंडल में 3689 ,पटोरी अनुमंडल में 809, दलसिंगसराई में 745 रोसेरा में 260 कुल मिलकर जिले में 5503 महिलाओ का गर्भासय पैसो की लालच में निकल गया।मामले की बानगी तो देखिये सिर्फ दो अस्पताल ककृष्ण अस्पताल और माला नर्सिंग होम ने लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान का दावा बिमा कंपनी को दिया गया।बिमा कंपनी के कान खरे हुए और भुगतान रोक दिया।अखबारों की सुर्खिया इस खबर ने बटोरी . जिलाधिकारी की नज़र गयी और मामले की गंभीरता को देखते हुए डी एम् साहब ने छह सदस्यी एक टीम का गठन किया जिसमे निवर्तमान अनुमंडलाधिकारी सदर एम् राम्चान्द्रदु जिला आपूर्ति पदाधिकारी रंजन कुमार सिन्हा जिला योजना पदाधिकारी उदय प्रकाश सिंह तथा एक नर्स को सामिल किया गया।जाँच दल के मुताबिक कुल 17 नर्सिंग होम में कुल 11000 परिवार नियोजन के मामले आये जिसमे 50 फीसदी मामले में बिना जरुरत के गरभसय निकल दिया गया।
बिमा कंपनी ICICI LOMBARD ने जो प्रति लाभार्थी 12 हज़ार रुपये की दर से भुगतान किया गया उसके मुताबिक 1. कृष्ण अस्पताल 1 करोड़ 28 लाख 24 हज़ार 570 रुपये
2. मिश्रा नर्सिंग होम 97 लाख 18 हज़ार 750 रुपये
3. भवानी नर्सिंग होम 9 लाख 83 हज़ार 680 रुपये
4. माँ धूमावती अस्पताल 13 लाख 38 हज़ार 625 रुपये
5. राम ज्योति अस्पताल 33 लाख 75 हज़ार 250 रुपये
6. लाइफ लाइन हॉस्पिटल 35 लाख 29 हज़ार 250 रुपये
7. महाभूमि संसथान 14 लाख 86 हज़ार 875 रुपये
8. माँ तर नर्सिंग होम 28 लाख 66 हज़ार 750 रुपये
9. कृष्ण हॉस्पिटल पटोरी 55 लाख 42 हज़ार 200 रुपये
10.बिष्णु हॉस्पिटल 16 लाख 80 हज़ार रुपये
11. प्रज्ञा सदन पटोरी 1 लाख 91 हज़ार
12 लखोटिया अस्पताल 32 लाख 24 हज़ार 350 रुपये
13 दयामंती अस्पताल 19 लाख 32 हज़ार 325 रुपये
14 एल बी मेमोरियल 17 लाख 27 हज़ार 450 रुपये
15. सिखा हेल्थ केयर 6 लाख 98 हज़ार 250 रुपये
16 माला नर्सिंग होम 1 करोड़ 16 लाख रुपये है .
इस गर्भ चोरी और भी खंघालने के लिए तिन सदस्यी डॉक्टर की टीम दुबारा जाँच की जिसमे डॉक्टर एस एन दास ,डॉक्टर सुधा वर्मा , डॉक्टर राजेश कुमार को लगाया गया।जनके बाद बात सामने आया की एल बी मेमोरियल ने 48 % प्रज्ञा सेवा सदन 60 % सिखा बिष्णु 30 % भवानी नुर्सिब्ग होम 43 % कृष्ण हॉस्पिटल 45 % गर्भासय अनावश्यक रूप से निकल गया .एन महिलाओ की आयु 25 से 35 के बीच है .
बिमा कंपनी ने सैकरो मामलो को अमान्य कर दिया यानिआप्रेसन हुआ ही नहीं और पैसे निकल लिए गए . सिर्फ रुपये निकलने की खातिर स्मार्ट कार्ड का प्रयोग किया गया। उपरोक्त मामला अभी भी जिलाधिकारी महोदय के न्यायलय में चल रहा है
श्रम संसाधन मंत्री जनार्दन सिग्रीवाल समेत रास्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम भी समस्तीपुर आई . सभी ने रिपोर्ट दिया आल एज वेल .
अब लाख टेक की बात तो ये है की दुसरो को जीवन दान देने वाले डॉक्टर धरती के भगवन यदि यमराज का रूप धारण कर ले तो स्थिति का सहज अंदाज़ा आप खुद कर सकते है। गरीब महिलायों के लिए योजना तो जरुर बनती है पर इसका लाभ का अनुपात तो बिचोइलिये ही उठा लेते है
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इन गरीबो के नाम पर लुटे गए रूपये |
मामले की परताल करने पहुची बीबीसी लन्दन की टीम
मिथिलांचल की धरती समस्तीपुर यु तो हमेशा किसी न किसी करणवश चर्चा में बना रहता है .परन्तु बिगत छह माह से धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के कारनामो के कारन सूबे ही नहीं अपितु समूचे देश और दुनिया में चर्चित रहा .अभी हाल ही में बीबीसी लन्दन की टीम और बिहार टाइम्स के निदेशक अजय कुमार समस्तीपुर के गर्भाशय मामले की परताल करने पहुची .उनके मुताबिक समस्तीपुर के जिलाधिकारी कुंदन कुमार भी मानते है की उपरोक्त मामले में भारी लुट खसूट हुई है।चाँद रुपयों की खातिर बी पी एल महिलाओ को जिनकी आयु 25 से 35 बरस की है लगभग 503 ऐसी महिलाओ को बिना जरुरत के गर्भासय निकल दिए गये।जानकारों के मुताबिक यह एक तरह का गर्भ चोरी का मामला बनता है। और यह घटना सिर्फ देश के अन्दर बिहार के समस्तीपुर में घटा।सूत्रों के मुताबिक यह मामला तब प्रकाश में आया जब सर्कार के स्वास्थ्य महकमो पर करोरो खर्च के बाबजूद हॉस्पिटल के अन्दर तमाम उपकरण के बाबजूद एक भी परिवार नियोजन के दौरान गर्भासय सर्जरी का मामला आया.और रास्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा बी पी एल महिलाओ को अतिरिक्त सुविधा के अंतर्गत इलाज करवाया गया इसके लिए बिभाग श्रम बिभाग,और बिमा कंपनीयो के बीच समझौता हुआ।इस समझौता के तहद स्मार्ट कार्ड धारियों को उनके इलाज पर हुआ खर्च का 50 % खर्च बिमा कम्पनी देती है। इस योजना का अधिकाधिक लाभ के लिए समस्तीपुर के 17 नर्सिंग होम ने को ICICI LOMBARD को लगभग साढ़े 12 करोर रुपये का चुना लगाया।जिला से लेकर अनुमंडल तक एक चोर से लेकर दुसरे छोर तक के छोटे से बरे अस्पताल ने खूब दुबकी लगायी।स्मार्ट कार्ड पर कुल कितनी सर्जरी हुई कितने रूपये किस नर्सिंग होम ने डकारे।इसके लिए कुछ संयांखाकी बिबरन का जिक्र अत्यावश्यक है। एक नज़र
समस्तीपुर सदर अनुमंडल में 3689 ,पटोरी अनुमंडल में 809, दलसिंगसराई में 745 रोसेरा में 260 कुल मिलकर जिले में 5503 महिलाओ का गर्भासय पैसो की लालच में निकल गया।मामले की बानगी तो देखिये सिर्फ दो अस्पताल ककृष्ण अस्पताल और माला नर्सिंग होम ने लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान का दावा बिमा कंपनी को दिया गया।बिमा कंपनी के कान खरे हुए और भुगतान रोक दिया।अखबारों की सुर्खिया इस खबर ने बटोरी . जिलाधिकारी की नज़र गयी और मामले की गंभीरता को देखते हुए डी एम् साहब ने छह सदस्यी एक टीम का गठन किया जिसमे निवर्तमान अनुमंडलाधिकारी सदर एम् राम्चान्द्रदु जिला आपूर्ति पदाधिकारी रंजन कुमार सिन्हा जिला योजना पदाधिकारी उदय प्रकाश सिंह तथा एक नर्स को सामिल किया गया।जाँच दल के मुताबिक कुल 17 नर्सिंग होम में कुल 11000 परिवार नियोजन के मामले आये जिसमे 50 फीसदी मामले में बिना जरुरत के गरभसय निकल दिया गया।
बिमा कंपनी ICICI LOMBARD ने जो प्रति लाभार्थी 12 हज़ार रुपये की दर से भुगतान किया गया उसके मुताबिक 1. कृष्ण अस्पताल 1 करोड़ 28 लाख 24 हज़ार 570 रुपये
2. मिश्रा नर्सिंग होम 97 लाख 18 हज़ार 750 रुपये
3. भवानी नर्सिंग होम 9 लाख 83 हज़ार 680 रुपये
4. माँ धूमावती अस्पताल 13 लाख 38 हज़ार 625 रुपये
5. राम ज्योति अस्पताल 33 लाख 75 हज़ार 250 रुपये
6. लाइफ लाइन हॉस्पिटल 35 लाख 29 हज़ार 250 रुपये
7. महाभूमि संसथान 14 लाख 86 हज़ार 875 रुपये
8. माँ तर नर्सिंग होम 28 लाख 66 हज़ार 750 रुपये
9. कृष्ण हॉस्पिटल पटोरी 55 लाख 42 हज़ार 200 रुपये
10.बिष्णु हॉस्पिटल 16 लाख 80 हज़ार रुपये
11. प्रज्ञा सदन पटोरी 1 लाख 91 हज़ार
12 लखोटिया अस्पताल 32 लाख 24 हज़ार 350 रुपये
13 दयामंती अस्पताल 19 लाख 32 हज़ार 325 रुपये
14 एल बी मेमोरियल 17 लाख 27 हज़ार 450 रुपये
15. सिखा हेल्थ केयर 6 लाख 98 हज़ार 250 रुपये
16 माला नर्सिंग होम 1 करोड़ 16 लाख रुपये है .
इस गर्भ चोरी और भी खंघालने के लिए तिन सदस्यी डॉक्टर की टीम दुबारा जाँच की जिसमे डॉक्टर एस एन दास ,डॉक्टर सुधा वर्मा , डॉक्टर राजेश कुमार को लगाया गया।जनके बाद बात सामने आया की एल बी मेमोरियल ने 48 % प्रज्ञा सेवा सदन 60 % सिखा बिष्णु 30 % भवानी नुर्सिब्ग होम 43 % कृष्ण हॉस्पिटल 45 % गर्भासय अनावश्यक रूप से निकल गया .एन महिलाओ की आयु 25 से 35 के बीच है .
बिमा कंपनी ने सैकरो मामलो को अमान्य कर दिया यानिआप्रेसन हुआ ही नहीं और पैसे निकल लिए गए . सिर्फ रुपये निकलने की खातिर स्मार्ट कार्ड का प्रयोग किया गया। उपरोक्त मामला अभी भी जिलाधिकारी महोदय के न्यायलय में चल रहा है
श्रम संसाधन मंत्री जनार्दन सिग्रीवाल समेत रास्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम भी समस्तीपुर आई . सभी ने रिपोर्ट दिया आल एज वेल .
अब लाख टेक की बात तो ये है की दुसरो को जीवन दान देने वाले डॉक्टर धरती के भगवन यदि यमराज का रूप धारण कर ले तो स्थिति का सहज अंदाज़ा आप खुद कर सकते है। गरीब महिलायों के लिए योजना तो जरुर बनती है पर इसका लाभ का अनुपात तो बिचोइलिये ही उठा लेते है
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