जब देश की चर्चा यदि कही होगी तो बिना बि
हार के वह चर्चा अधरी रहेगी .गांघी जी के
anna rally ko sambodhit karte hua |
भ्रष्टाचार के खिलाफ हुंकार भरा अस्सी साल का नौजवान अन्ना
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलनरत गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे देश भर में आंदोलन को नए स्वरूप में खडा करने के बाद आज पटना के गांधी मैदान में एतिहासिक रैली की है । अन्ना ने जयप्रकाश नारायण की जमीन से 'जनतंत्र' रैली का आयोजन कर एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की है।
गांधी और जेपी की कर्मभूमि से अपनी क्रांति का नया अध्याय लिखने वाले अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में एक और अलख जगा कर आंदोलन का दूसरा अध्याय लिख डाला . जन लोकपाल और राइट टू रिजेक्शन के अधिकार के लिए देशव्यापी यात्रा पर निलकने की शुरुआत बिहार से करने की घोषणा के साथ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने इसी बिहार की धरती से आंदोलन खड़ा किया था। जय प्रकाश नारायण का आंदोलन भी यहीं से फूटा और मुल्क में परिवर्तन की आंधी चली थी। बिहार पवित्र भूमि है मै उन महापुरुषों के सानिंध्य में रह कर अपने आप को और उर्यावान महसुस कर रहा हु ।
अन्ना ने ऐतिहासिक गांधी मैदान से जनतंत्र रैली में बापू की खून सने घास से लोगों को व्यवस्था परिवर्तन की शपथ दिलवाई । अन्ना के सहयोगी और पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि लंदन में नीलामी में खरीदी गई महात्मा गांधी के खून सने घास से अन्ना हजारे लोगों को व्यवस्था परिवर्तन की शपथ दिलवाई है । इस खून सनी मिटटी को कमल मोरारका ने यह ब्रिटेन में नीलामी के दौरान खरीदी है और ब्रिटेन से इसे पटना लाया गया है।
अन्ना हजारे ने जनतंत्र रैली को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्तर का " जनतंत्र मोर्चा " बनाने का एलान किया .यह मोर्चा चुनावों से दूर रहेगा.अन्ना ने देशभर में लोगों को जागरूक करने के लिए नया अभियान शुरू किया.उन्होनें कहा कि अब व्यवस्था में बदलाव ही हमारा लक्ष्य है.अन्ना ने कहा है कि यह बदलाव लोकपाल, चुनाव में उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने और ग्रामसभाओ को सत्ता देने से आएगा.कृषि क्षेत्र की उपेक्षा पर तो अन्ना ध्यान खीचेंगे ही साथ ही किसान संगठनों को भी एकजुट करने की कोशिश करेंगे.
अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कभी गंभीर नहीं दिखी। इस सरकार में भ्रष्टाचार को खत्म करने का माद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि जन लोकपाल के साथ-साथ राइट टू रिजेक् शन का अधिकार भी लोगों को मिलना चाहिए। ग्राम सभा को और अधिकार देने की जरूरत है। हजारे ने कहा कि संपूर्ण परिवर्तन के बगैर देश के 120 करोड़ लोगों को न्याय नहीं मिलेगा। लिहाजा, उन्होंने तय किया है कि अगले महीने वह चार राज्यों के दौरे पर निकलेंगे और उसके बाद उनका यह क्रम साल-डेढ़ साल तक चलेगा। घर-घर जाकर लोगों को बताना होगा। उन्होंने पूछा: प्रजातंत्र कहां हैं? कहां है लोकशाही?
जनतांत्रिक मोर्चा के लिए अन्ना ने लोगों से सुझाव देने की अपील भी की. इसके लिए उन्होंने कुछ टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं.( जनतंत्रअन्नाहजारे.ओआरजी ०९९२३५९९२३४ ) , ( जनतंत्र मोर्चा ०९६५६२६८६८० )
इस बार नई टीम के साथ अन्ना अपने आंदोलन की फिर से शुरुआत पटना के गाधी मैदान से की और इसके लिए उन्होंने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन को चुना । इस बार अन्ना आंदोलन की शुरुआत भी एक नई टीम के साथ हुई । उनके साथ हमेशा मंच पर नजर आने वाले पुराने साथी इस बार नजर नहीं आये । अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास, अरविंद गौड़ और संजय सिंह जैसे लोग अन्ना के आंदोलन से दूरी बना कर रखी है . पटना में उनकी रैली के पोस्टर पर न कोई पुराना नारा है और न ही कोई पुराना साथी। आज की जनतांत्रिक रैली के बैनरों और पोस्टरों पर अन्ना के साथ रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ही नजर आ रहे हैं। अन्ना हजारे ने इस बार के अपने आंदोलन को व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ शुरू करने का फैसला किया ।
अन्ना टीम की और से इस रैली में पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह, किरण वेदी, संतोष भारतीय, गिलानी कतार, भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी पंचम लाल सहित देश के जाने-माने चिंतक, बुद्धिजीवी, समाजसेवी लोगों ने मच से अपने बिचार व्यक्त किये .
जनतंत्र रैली में जेपी के पूर्व सहयोगी लखनउ के राम धीरज, राजीव हेमकेशव और राकेश रफी इसके अलावा भूमि सुधार का अभियान चला रहे पीवी राजगोपाल, जल संरक्षण आंदोलन से जुड़े मैगसायसाय पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह, वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय प्रमुख रूप से उपस्थित रहें
kesaw kumar For Biharone.orgभ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलनरत गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे देश भर में आंदोलन को नए स्वरूप में खडा करने के बाद आज पटना के गांधी मैदान में एतिहासिक रैली की है । अन्ना ने जयप्रकाश नारायण की जमीन से 'जनतंत्र' रैली का आयोजन कर एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की है।
गांधी और जेपी की कर्मभूमि से अपनी क्रांति का नया अध्याय लिखने वाले अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में एक और अलख जगा कर आंदोलन का दूसरा अध्याय लिख डाला . जन लोकपाल और राइट टू रिजेक्शन के अधिकार के लिए देशव्यापी यात्रा पर निलकने की शुरुआत बिहार से करने की घोषणा के साथ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने इसी बिहार की धरती से आंदोलन खड़ा किया था। जय प्रकाश नारायण का आंदोलन भी यहीं से फूटा और मुल्क में परिवर्तन की आंधी चली थी। बिहार पवित्र भूमि है मै उन महापुरुषों के सानिंध्य में रह कर अपने आप को और उर्यावान महसुस कर रहा हु ।
अन्ना ने ऐतिहासिक गांधी मैदान से जनतंत्र रैली में बापू की खून सने घास से लोगों को व्यवस्था परिवर्तन की शपथ दिलवाई । अन्ना के सहयोगी और पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि लंदन में नीलामी में खरीदी गई महात्मा गांधी के खून सने घास से अन्ना हजारे लोगों को व्यवस्था परिवर्तन की शपथ दिलवाई है । इस खून सनी मिटटी को कमल मोरारका ने यह ब्रिटेन में नीलामी के दौरान खरीदी है और ब्रिटेन से इसे पटना लाया गया है।
अन्ना हजारे ने जनतंत्र रैली को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्तर का " जनतंत्र मोर्चा " बनाने का एलान किया .यह मोर्चा चुनावों से दूर रहेगा.अन्ना ने देशभर में लोगों को जागरूक करने के लिए नया अभियान शुरू किया.उन्होनें कहा कि अब व्यवस्था में बदलाव ही हमारा लक्ष्य है.अन्ना ने कहा है कि यह बदलाव लोकपाल, चुनाव में उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने और ग्रामसभाओ को सत्ता देने से आएगा.कृषि क्षेत्र की उपेक्षा पर तो अन्ना ध्यान खीचेंगे ही साथ ही किसान संगठनों को भी एकजुट करने की कोशिश करेंगे.
अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कभी गंभीर नहीं दिखी। इस सरकार में भ्रष्टाचार को खत्म करने का माद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि जन लोकपाल के साथ-साथ राइट टू रिजेक् शन का अधिकार भी लोगों को मिलना चाहिए। ग्राम सभा को और अधिकार देने की जरूरत है। हजारे ने कहा कि संपूर्ण परिवर्तन के बगैर देश के 120 करोड़ लोगों को न्याय नहीं मिलेगा। लिहाजा, उन्होंने तय किया है कि अगले महीने वह चार राज्यों के दौरे पर निकलेंगे और उसके बाद उनका यह क्रम साल-डेढ़ साल तक चलेगा। घर-घर जाकर लोगों को बताना होगा। उन्होंने पूछा: प्रजातंत्र कहां हैं? कहां है लोकशाही?
जनतांत्रिक मोर्चा के लिए अन्ना ने लोगों से सुझाव देने की अपील भी की. इसके लिए उन्होंने कुछ टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं.( जनतंत्रअन्नाहजारे.ओआरजी ०९९२३५९९२३४ ) , ( जनतंत्र मोर्चा ०९६५६२६८६८० )
इस बार नई टीम के साथ अन्ना अपने आंदोलन की फिर से शुरुआत पटना के गाधी मैदान से की और इसके लिए उन्होंने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन को चुना । इस बार अन्ना आंदोलन की शुरुआत भी एक नई टीम के साथ हुई । उनके साथ हमेशा मंच पर नजर आने वाले पुराने साथी इस बार नजर नहीं आये । अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास, अरविंद गौड़ और संजय सिंह जैसे लोग अन्ना के आंदोलन से दूरी बना कर रखी है . पटना में उनकी रैली के पोस्टर पर न कोई पुराना नारा है और न ही कोई पुराना साथी। आज की जनतांत्रिक रैली के बैनरों और पोस्टरों पर अन्ना के साथ रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ही नजर आ रहे हैं। अन्ना हजारे ने इस बार के अपने आंदोलन को व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ शुरू करने का फैसला किया ।
अन्ना टीम की और से इस रैली में पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह, किरण वेदी, संतोष भारतीय, गिलानी कतार, भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी पंचम लाल सहित देश के जाने-माने चिंतक, बुद्धिजीवी, समाजसेवी लोगों ने मच से अपने बिचार व्यक्त किये .
जनतंत्र रैली में जेपी के पूर्व सहयोगी लखनउ के राम धीरज, राजीव हेमकेशव और राकेश रफी इसके अलावा भूमि सुधार का अभियान चला रहे पीवी राजगोपाल, जल संरक्षण आंदोलन से जुड़े मैगसायसाय पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह, वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय प्रमुख रूप से उपस्थित रहें
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