Post By वन न्यूज़ लाइव
11 Nov 2017 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज महान शिक्षा शास्त्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को समारोह के माध्यम से याद किया। उन्होंने कहा की मौलाना आज़ाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और देश की आजादी की लड़ाई में उनका बहुत बड़ा योगदान था. पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बिहारवासियों एवं देशवासियों को बधाई दी.
नीतीश कुमार ने कहा, देश में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर शिक्षा दिवस मनाने की मांग की जाती थी. इसी दौरान हमने इसकी शुरुआत का निर्णय किया. मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के पहले शिक्षा मंत्री थे. पांच सितंबर को देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है और 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस को लोग शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, मौलाना आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे. देश की आजादी की लड़ाई में उनका बहुत बड़ा योगदान था. आजादी के साथ ही बंटवारे के कारण सांप्रदायिक तनाव का माहौल बन गया था. आजाद साहब की देश में सांप्रदायिक तनाव को शांत करने में भूमिका तो रही ही, साथ ही अल्पसंख्यकों को यह भरोसा दिलाने में कामयाब रहे कि यह देश तुम्हारा है और इसी देश में तुम रहो.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रख्यात शिक्षाविद् आईआईटी कानपुर में भौतिकशास्त्र के प्रो. हरीश चंद्र वर्मा को वर्ष 2017 का मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया. हरीश चंद्र वर्मा को मुख्यमंत्री ने अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और ढाई लाख रुपये का चेक प्रदान किया.
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