Skip to main content
By One News Live
हीट वेव
जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते तापमान के कारण चलने वाली गर्म हवाएं यानी हीटवेव्स एक सामान्य बात हो गई हैं। लेकिन, गौर करने वाली बात यह है कि पहले के मुकाबले अब यह ज्यादा घातक और जानलेवा हो चली हैं। वैज्ञानिकगों ने आगाह किया है कि यह गर्म हवाएं आपको 27 अलग-अलग तरीकों से न सिर्फ प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि आपकी जिंदगी तक छीन सकती हैं। हवाई विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए अध्ययन में पाया गया है कि यह गर्म हवाएं इंसान के जीवन के लिए खतरा बन गई हैं। वैज्ञानिकों ने पांच ऐसे शारीरिक तंत्र की पहचान की है, जो शरीर के 7 अंगों को प्रभावित कर रहे हैं। सबसे खतरनाक तरीका है हृदयघात, लिवर फेलियर और ब्रेन डैमेज। रिसर्च से जुड़े प्रमुख लेखक डॉ. कैमिलो मोरा के अनुसार, गर्म हवाओं के कारण मरना किसी आतंकी फिल्म की तरह है, जिसमें 27 बुरे अंत होते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि जलवायु परिवर्तन के कारण सामने आ रहे इन खतरों को लेकर पूरी मानव-जाति एक तरह की संतुष्ट है।
वैश्विक तापमान कम करना होगा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित इस शोध में लेखकों ने लिखा है कि जलवायु परिवर्तन को ठीक करने के लिए भी वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे इस तापमान को कम करने की जरूरत है। लेखकों के अनुसार, पिछले दशक में 1 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान के कारण गर्महवाओं के चलते के जीवन को खतरे में 230 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह परिणाम इस बात को समझने के लिए काफी है कि बेशक पृथ्वी पर 1 डिग्री सेल्सियस तक गर्म बने रहने का लक्ष्य हो लेकिन, लोगों के जीवन को खतरा इसमें भी बरकरार है।
शोधकर्ताओं ने पेश की समीक्षा
शोधकर्ताओं ने मौत के 27 प्रकारों की सूची के साथ चिकित्सा अनुसंधान की एक व्यवस्थित समीक्षा पेश की है। उन्होंने इस बात को उजागर किया है कि इस घातक और जानलेवा हीट का असर इंसान के शरीर की गर्माहट की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। शरीर में जब अत्यधिक हीट बढ़ जाती है, तो मस्तिष्क का एक हिस्सा, जिसे हाइपोथैलेमस कहते हैं, प्रतिक्रिया करता है। यह रक्त के प्रवाह को त्वचा की ओर धकेलने का निर्देश देता है। रक्त को ठंडा करने के उद्देश्य से मस्तिष्क का यह भाग ऐसा करता है। रक्त के त्वचा की ओर धकेले जाने से शरीर के अन्य अंगों में इसका संचार कम हो जाता है। इसके चलते उन रासायनिक यौगिकों को नुकसान पहुंचता है, जो वह बनाते हैं। इस स्थिति को ischemia (अरक्तताजन्य) कहते हैं।
दूसरा, शरीर का तापमान जब आदर्श तापमान से अधिक हो जाता है, तो इससे हमारी कोशिकाओं को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचता है। इसे हीट साइटोटॉक्सिसिटी कहा जाता है। दोनों ही स्थितियां मस्तिष्क, हृदय, किडनी, लिवर और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं और मृत्यु का कारण बन सकती हैं। ischemia और ‘हीट साइटोटॉक्सिसिटी’ जानलेवा हो सकती हैं। ये दोनों ही अटैक मौत के खतरे को बढ़ाते हैं। इनमें से सबसे खराब और बर्बर तरीका है शारीरिक अंगों (किडनी, लिवर, हृदय, फेफड़ों) तक रक्त संचार की कमी का होना। इसके चलते मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट्स (खून के थक्के) बन जाते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

नियोजित शिक्षक के पक्ष में अभी भी नहीं दिखती सुशासन सरकार  बिहार वन मीडिया/ किरण कुमारी  बिहार में पटना हाइकोर्ट ने पिछले मंगलवार यानि 31 octobar 2017  को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब समान काम के लिए समान वेतन लागू होगा। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने नियोजित शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला लागू किया जाना चाहिए नहीं तो इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। हाइकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की याचिका को सुरक्षित रखते हुए आज इसपर सुनवाई की। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतन की याचिका को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी। समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर राज्य के नियोजिक शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मालूम हो कि बिहार के नियोजित शिक्षक अपनी इस मांग को लेकर काफी दिनों से आंदोलनरत थे। कोर्ट के इस फैसले का विभिन्न शिक्षक संघों ने स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत करार दिया है। नियोजित शिक्षकों की ओर से ...
 बिहार के खनन निरीक्षक करोड़ों के मालिक हैं। खनन अफसरों के घर शुक्रवार को हुई छापेमारी में ये बातें सामने आयी। शुक्रवार को बिहार के दो खनन निरीक्षकों के विभिन्न ठिकानों पर आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने छापा मारा। इन दोनों अधिकारियों वीरेंद्र यादव (गोपालगंज) और झकारी राम (शेखपुरा) के यहां से तकरीबन दस करोड़ की संपत्ति मिली है। पटना में झकारी राम के यहां एक करोड़ 64  लाख 34 हजार नकद मिले। इन नोटों को गिनने के लिए स्टेट बैंक से मशीन मंगानी पड़ी।   इस बीच शुक्रवार को ही जब आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने वीरेंद्र यादव के घर और कार्यालय में छापेमारी की तो परत दर परत सारी चीजें ऊपर आने लगी। छापेमारी उनकी कार्याफय, मुजफ्फरपुर स्थित आवास, पैतृक गांव बरियारपुर में की गयी। शुक्रवार की सुबह मुजफ्फरपुर के रामदयालु नगर मुक्तिनाथ मंदिर स्थित तीन मंजिले मकान में अधिकारियों ने छापा मारा। गुरुवार को पटना के आर्थिक अपराध थाने में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।   अब तक की छापेमारी में लगभग 2 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हो चुका है। वीरेंद्र यादव पिछले कई माह से गोपाल...

समाज का प्रतिदर्पण है साहित्यकार

                                                    समाज का प्रतिदर्पण है साहित्यकार  राम बालक राय /बिहारवन वेब  ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई समस्तीपुर महाविद्यालय समस्तीपुर परिसर में अंग्रेजी विभाग के तत्वाधान में  द एजुकेशन फंक्शन ऑफ़ लिटरेचर विषय पर आयोजित एक दिवसीय शैक्षिक सेमीनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉक्टर प्रभात कुमार ने मिथिलांचल के शैक्षिक व साहित्यिक आयाम को मजबूती से रेखांकित करते हुए कहा की अच्छा साहित्यकार व्यक्ति व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझता है।  वह प्रगतिशीलता की मशाल को हमेशा जलाये रखता है. साहित्यकार के पास सामाजिक विकाश के पक्ष को बल देने हेतु तत्पर रहता है. उनकी अपनी बौद्धिक जिज्ञाषा होती है जिसे वह शब्दो में बाहर लाता है. वे बिना किसी पूर्वाग्रह के समझने की कोशिश करता है। जो  साहित्यकार यह नहीं समझ सका वह समाजोपयोगी कलाकृति का दावा नहीं कर सकता।   किसी ...