न्यूयॉर्क की एक अदालत ने भारतीय मूल और गोल्डमैन सैक्स के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता को भेदिया कारोबार के मामले में दो की साल सजा सुनाई है। रजत गुप्ता को सजा देते हुए जज ने कहा है कि कोर्ट यह मानता है कि रजत अविश्वसनीय धमार्थ कार्यों से जुड़े होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी हैं, किन्तु अमेरिकी न्यायिक इतिहास से पता चलता है कि अच्छे इंसान भी बुरे काम करते हैं।
निवेश से जुड़े अपराध में सजा पाने वाले रजत गुप्ता अमेरिकी कॉरपोरेट जगत में सबसे ऊंचे स्तर के अधिकारी हैं। इसी साल रजत को कुल 6 में से 4 आरोपों में दोषी करार दिया गया था। रजत की रहम की अपील कोर्ट ने ठुकरा दी है। यद्यपि बिल गेट्स और कोफी अन्नान ने न्यायालय से उनके प्रति नरम रूख अपनाने का आग्रह किया था।
अमेरिका के कारोबारी इतिहास के इस सबसे बड़े भेदिया कारोबार मामले में दशहरे के दिन रजत गुप्ता को सजा सुनाई गई है। गुप्ता के खिलाफ एक साल पहले दिवाली के दिन अमेरिकी अभियोजन पक्ष के वकील प्रीत भरारा ने मैनहट्टन की अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गुप्ता को आठ से दस साल की कैद की सजा देने की मांग की थी।
गुप्ता ग्लोबल निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स और अमेरिकी एफएमसीजी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल के पूर्व डायरेक्टर रह चुके हैं। इस दौरान अपने पद का बेजा इस्तेमाल करते हुए उन्होंने गोल्डमैन सैक्स गोपनीय जानकारी हेज फंड को मुहैया कराई।
भेदिया कारोबार के इस महत्वपूर्ण मामले में रजत गुप्ता के मित्र श्रीलंकाई मूल के हेज फंड कारोबारी राजा राजरत्नम को अदालत पहले ही 11 साल की सजा सुना चुकी है। सजा पाने के बाद रजत गुप्ता ने कहा है कि बचपन में अपने माता-पिता को खोने के बाद से पिछले 18 महीने उनके जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण समय था। इस मामले का जो असर उनके परिवार, उनके दोस्त और उनकी प्यारी संस्थाओं के ऊपर होगा उसका उन्हें बेहद अफसोस है। उन्होनें अपनी पूरी जिंदगी में जो छवि बनाई थी, उसे वो खो चुके हैं।
गुप्ता के वकील ने अदालत से सजा माफ करने की अपील की थी लेकिन अदालत ने रहम की अपील ठुकरा दी। उनके वकील ने कहा था कि गुप्ता अपनी बाकी बची जिंदगी अफ्रीकी देशों में गरीब और बेरोजगार लोगों की सेवा में बिताना चाहेंगे।
ONE NEWS LIVE NETWORK/ SAMASTIPUR रेल मंडल मुख्यालय स्थित समस्तीपु स्टेशन पर प्रतिदिन औसतन 15 हजार यात्री अपने यात्रा का शुभारंभ करते थे। इसमें अधिकांश दैनिक यात्री शामिल हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण फिलहाल यहां यात्रियों की इंट्री पर रोक लगी है। प्लेटफार्म पर सवारी गाड़ी कोच तो लगी है, लेकिन खुलती नहीं है। जिसकी सुरक्षा में आरपीएसएफ को लगाया गया है। प्लेटफार्म पर इन दिनों गश्ती करते हुये आरपीएफ एवं आरपीएसएफ कर्मचारी के अलावे कुछ सफाई कर्मी ही नजर आते हैं।स्टेशन, बस पड़ाव यह नाम सुनते ही लोगों के जेहन में भीड़ भाड़ वाला दृश्य सामने घूमने लगता है। रेलवे स्टेशन एक ऐसा स्थान है, जहां 24 घंटे लोगों का जमघट रहता है। बीच-बीच में ट्रेनों के तेज हार्न एवं यात्रीगण कृपया ध्यान दें, पूछताछ केंद्र से निकली यह आवाज लोगों को अपने गंतव्य स्थान की याद दिलाती रहती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण यहां आज वीरानगी छायी हुई है। देश में पहली बार रेलवे के पहिया इस कदर रूक गया कि पिछले 18 दिनों से स्टेशनों पर यात्रियों की इंट्री नहीं हो पायी है। कोरोना वायरस कोविद 19 को लेकर स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म, प्रतिक्षालय सभी...
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