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Afzal-Guru

अफजल से उससे उसकी आखिरी ख्वाहिश के बारे में पूछा गया। उसने आखिरी ख्वाहिश के रूप में ‘कुरान’ की एक प्रति मांगी। उसके पास कुरान की एक प्रति पहले से थी। किन्तु फिर भी आखिरी ख्वाहिश के तौर पर उसने यही मांग की। उसे यह उपलब्ध करा दिया गया।

पहले कसाब और अब अफजल गुरु! आज सुबह अफजल गुरू को फांसी दी गई। अफजल को फांसी होगी, यह 3 फरवरी को ही तय हो गया था। 3 फरवरी को ही महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफजल गुरू की दया याचिका को खारिज कर दिया था। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को भी दे दी गई थी।गृह मंत्रालय इसके बाद सक्रिय हुआ और आज 9 फरवरी को सुबह 5ः25 बजे उसे फांसी पर लटका दिया गया। दया याचिका खारिज होने के बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को इसकी सूचना दी। अफजल तिहाड़ जेल में बंद था और यह दिल्ली में है। इसलिए दिल्ली सरकार को सूचना देना आवश्यक था।तिहाड़ जेल में सिर्फ महानिदेशक विमला मेहरा को ही इसकी खबर थी। इस पूरे मिशन को एकदम गुप्त रखा गया था। 9 फरवरी को अफजल को फांसी होगी, इसकी खबर तिहाड़ जेल नंबर 3 के अधिकारियों के अतिरिक्त किसी को नहीं दी गई। अफजल को जेल नंबर 3 में ही फांसी पर लटकाया गया।शुक्रवार, 8 फरवरी को अफजल को फांसी के बारे में बता दिया गया था। उससे उसकी आखिरी ख्वाहिश के बारे में पूछा गया। उसने आखिरी ख्वाहिश के रूप में ‘कुरान’ की एक प्रति मांगी थी। उसके पास इसकी एक प्रति पहले से थी। किन्तु फिर भी आखिरी ख्वाहिश के तौर पर उसने यही मांग की। उसे यह उपलब्ध करा दिया गया था।रात में उसके सेल में खाने-पीने की कई चीजें भी रखी गई थीं। किन्तु उसने कुछ भी नहीं खाया। रात भर में उसने दो-तीन गिलास पानी पीया। रात भर वह सो नहीं सका। सुबह अधिकारियों ने जब संतरी से पूछा कि क्या अफजल जग गया है, तो उसका कहना था कि वह रात भर सोया ही नहीं।

डॉक्टरों ने उसका परीक्षण किया। वह ठीक था। किन्तु वह थोड़ा घबराया हुआ था। उसे मौत का परवाना पढ़कर सुनाया गया। आखिरी समय में अफजल बिना कॉलर का कुर्ता पहने हुए था। आज सुबह 8 बजे अफजल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके करीब 15 मिनट बाद सरकार की ओर से अफजल के मौत पुष्टि की गई।

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