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नालंदा को विश्‍व धरोहर घोषित करायेंगे
दुनिया का था पहला आवासीय विवि
यूनेस्को को केंद्र सरकार भेजेगी प्रस्ताव : मोंटेक, अर्मत्य भी पहल करेंगे










नालंदा विवि की मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक     सभीफोटो क्रेडिट : केशव कुमार
राजगीर के कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को नालंदा विवि की मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में मौजूद सांसद एनके सिंह,नोबेल विजेता प्रो अर्मत्य सेन,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया. (बायें से) नालंदा विवि के आस-पास के इलाके भी होंगे विकसित -
दुनिया का था पहला आवासीय विवि5वीं सदी में इसका निर्माण हुआदुनिया में पहचानत्न स्थल व इलाके का विकासत्नपर्यटकों की संख्या में इजाफात्नरोजगार व सम्मान में बढ.ोतरीयूनेस्को की इस परियोजना का मकसद दुनिया के सांस्कृतिक व प्राकृतिक स्थलों को सुरक्षित रखना है.
प्राचीन नालंदा विश्‍वविद्यालय को विश्‍व धरोहर में शामिल किये जाने की मांग को उस समय नया मुकाम मिला,जब मंगलवार को नोबेल विजेता प्रो अर्मत्य सेन,योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने इस पर सहमति जतायी. देश-दुनिया की इन बड.ी हस्तियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भरोसा-दिलाया कि वे बिहार सरकार की इस मांग को पूराने की पहल भी करेंगे. श्री अहलुवालिया ने तो यहां तक कहा कि इस प्रस्ताव को केंद्र के माध्यम से यूनेस्कों को भेजवाने में सहयोग देंगे. राजगीर में आयोजित नालंदा विश्‍वविद्यालय की मोनीटरिंग कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा विश्‍वविद्यालय को विश्‍व धरोहर घोषित करने की मांग से संबंधित प्रस्ताव रखा,जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जतायी. मुख्यमंत्री ने प्राचीन नालंदा विश्‍वविद्यालय के खंडहर को विश्‍व धरोहर घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि भारत सरकार इसके लिए यूनेस्को को प्रस्ताव भेजे. इसमें अब और विलंब नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री नोबेल विजेता व अर्थशास्त्री स्टिगलेट के समक्ष भी यह मांग उठा चुके हैं.

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आयोजित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,शिक्षा मंत्री पीके शाही, कुलाधिपति प्रो अर्मत्य सेन,सांसद एनके सिंह, सिंगापुर के विदेश मंत्री जार्ज इयो,अर्थशास्त्री प्रो लार्ड मेघनाथ देसाई,प्रो तानशेनसेन,प्रो सुगाता बोस,डॉ हसन विराजुडा,प्रो परापोड,डॉ नरेंद्र जाधव,अंजना शर्मा,सुसुमु नाकानीशी,बिहार के मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे.

बैठक के बाद नालंदा विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रो गोपा सब्बरवाल ने कहा,नालंदा विश्‍वविद्यालय में वर्ष 2014 से पढ.ाई शुरू होगी और पहला बैच 2016 में पासआउट होगा. इसके पहले उम्मीद है कि नालंदा विश्‍वविद्यालय के खंडहरों को विश्‍व धरोहर का दर्जा मिल जायेगा. मॉनीटरिंग कमेटी के सदस्यों ने प्राचीन नालंदा विवि के खंडहर को भी देखा. साथ ही उस जगह का भी दौरा किया, जहां नालंदा विश्‍वविद्यालय का निर्माण किया जाना है.

महाबोधि मंदिर को है दर्जा : दुनिया के 962 स्थलों को यूनेस्को ने विश्‍व धरोहर घोषित किया है, भारत में ताजमहल,कोणार्क सूर्य मंदिर,अजंता-एलोरा की गुफाएं,कुतुब मीनार,महाबोधि मंदिर,गया आदि विश्‍व धरोहर हैं.

विश्‍व को नयी दिशा देगा विवि : सेन
नोबेल पुरस्कार विजेता व अर्थशास्त्री प्रो अर्मत्य सेन ने पत्रकारों को बताया कि नालंदा विश्‍वविद्यालय की दुनिया में अलग पहचान होगी. यह विश्‍वविद्यालय दुनिया को एक नयी दिशा देगी. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. प्रारंभ में इसमें दो विषयों- हिस्टोरिकल और इकोलॉजी एंड इन्वायरमेंट की पढ.ाई शुरू होगी. बाद में कई अन्य विषयों की पढ.ाई होगी.

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