दिल्ली के रामलीला में दिखा नितीश लीला
केशव कुमार : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की अपनी मांग को दोहराते हुए बिहार के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा की इसका लाभ सिर्फ बिहार को नहीं बल्कि बिहार जैसे अन्य पिछड़े राज्यों को भी होगा और सही मायने में देश का समावेशी विकास होगा। नीतीश ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा की बिहार के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता. नीतीश ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा की दिल्ली में बैठे लोगों को हम बिहारियों की ताकत को पहचानना चाहिए। उन्होंने अपने कार्यकाल में बिहार के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। अगर केंद्र इस समय उसे विशेष दर्जा देता है तो यह विकसित सूबे में शामिल हो सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा की पहली बार दिल्ली में इतनी बड़ी तादाद में बिहारियों ने अपने हक को हासिल करने के लिए अपनी ताकत दिखाई है. नीतीश ने बिहार के पिछड़ेपन का खास तौर पर उल्लेख करते हुए कहा की क्या कारन है की कभी विश्व में शिक्षा का केंद्र रहे बिहार के लोग कहीं और जाने पर मजबूर हुए. नीतीश ने कहा कि देश गवाह है बिहार के गौरवशाली इतिहास का. लेकिन आजादी के बाद क्या कारण है कि यह राज्य पिछड़ता गया। लोग शिक्षा और रोजगार के लिए बिहार से बाहर जाने को मजबूर हुए।
नीतीश ने कहा की हम स्वीकार करते हैं की केंद्र सरकार की तरफ से यह सकारात्मक पहल है. यह पूरी तरह हमरे प्रयासों का नतीजा भी है. दरअसल हम यह आवाज लगातार बुलंद करते रहें हैं की विकास में हमारे साथ नाइंसाफी हुई और विशेष राज्य का दर्जा देने के वर्तमान मानक बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं है. विशेषज्ञों ने भी साफ़ तौर पर माना है की बिहार विकास के तमाम परामीटर पर सबसे निचले पायदान पर है. यह तमाम सूचकांक में राष्ट्रीय औसत से भी काफी पीछे है. थाल्रुद्ध राज्य और विकास में पिछडापन हमारी मांगों को मजबूती देते हैं. इस अर्थ में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानक के तहत भी हमारे साथ विशेष व्यवहार होना चाहिए. नीतीश ने कहा की हम मांग करते हैं की आम बजट में वित्त मंत्री ने जो वादा किया है उसे यथाशीघ्र अमल में लाया जाये.
नीतीश ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा की मुझे मालूम है की दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियों में भी बिहारी मुश्किलों में रह रहे हैं। लेकिन आप लोग हक के लिए ऐसे ही जुटते रहें। तभी दिल्ली में बैठे लोग इस ताकत को पहचान सकेंगे.
बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा आहूत इस रैली में करीब 20-25 हजार लोगों ने शिरकत की. राजनीतिक विश्लेषक इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं. लेकिन पार्टी अध्यक्ष शरद यादव इसे सिरे से ख़ारिज करते हैं. शरद यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा की यह रैली बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करने के लिए बुलाई गई है.
मंच का संचालन वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया. रैली में पार्टी अध्यक्ष शरद यादव, रैली के मुख्या कर्ताधर्ता तथा जद(यू) के बिहार प्रदेशाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री रमई राम, परवीन अमनुलाह, नरेन्द्र सिंह, गौतम सिंह, बिजेंदर कुमार यादव इत्यादि ने शिरकत की.
केशव कुमार : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की अपनी मांग को दोहराते हुए बिहार के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा की इसका लाभ सिर्फ बिहार को नहीं बल्कि बिहार जैसे अन्य पिछड़े राज्यों को भी होगा और सही मायने में देश का समावेशी विकास होगा। नीतीश ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा की बिहार के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता. नीतीश ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा की दिल्ली में बैठे लोगों को हम बिहारियों की ताकत को पहचानना चाहिए। उन्होंने अपने कार्यकाल में बिहार के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। अगर केंद्र इस समय उसे विशेष दर्जा देता है तो यह विकसित सूबे में शामिल हो सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा की पहली बार दिल्ली में इतनी बड़ी तादाद में बिहारियों ने अपने हक को हासिल करने के लिए अपनी ताकत दिखाई है. नीतीश ने बिहार के पिछड़ेपन का खास तौर पर उल्लेख करते हुए कहा की क्या कारन है की कभी विश्व में शिक्षा का केंद्र रहे बिहार के लोग कहीं और जाने पर मजबूर हुए. नीतीश ने कहा कि देश गवाह है बिहार के गौरवशाली इतिहास का. लेकिन आजादी के बाद क्या कारण है कि यह राज्य पिछड़ता गया। लोग शिक्षा और रोजगार के लिए बिहार से बाहर जाने को मजबूर हुए।
नीतीश ने कहा की हम स्वीकार करते हैं की केंद्र सरकार की तरफ से यह सकारात्मक पहल है. यह पूरी तरह हमरे प्रयासों का नतीजा भी है. दरअसल हम यह आवाज लगातार बुलंद करते रहें हैं की विकास में हमारे साथ नाइंसाफी हुई और विशेष राज्य का दर्जा देने के वर्तमान मानक बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं है. विशेषज्ञों ने भी साफ़ तौर पर माना है की बिहार विकास के तमाम परामीटर पर सबसे निचले पायदान पर है. यह तमाम सूचकांक में राष्ट्रीय औसत से भी काफी पीछे है. थाल्रुद्ध राज्य और विकास में पिछडापन हमारी मांगों को मजबूती देते हैं. इस अर्थ में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानक के तहत भी हमारे साथ विशेष व्यवहार होना चाहिए. नीतीश ने कहा की हम मांग करते हैं की आम बजट में वित्त मंत्री ने जो वादा किया है उसे यथाशीघ्र अमल में लाया जाये.
नीतीश ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा की मुझे मालूम है की दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियों में भी बिहारी मुश्किलों में रह रहे हैं। लेकिन आप लोग हक के लिए ऐसे ही जुटते रहें। तभी दिल्ली में बैठे लोग इस ताकत को पहचान सकेंगे.
बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा आहूत इस रैली में करीब 20-25 हजार लोगों ने शिरकत की. राजनीतिक विश्लेषक इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं. लेकिन पार्टी अध्यक्ष शरद यादव इसे सिरे से ख़ारिज करते हैं. शरद यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा की यह रैली बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करने के लिए बुलाई गई है.
मंच का संचालन वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया. रैली में पार्टी अध्यक्ष शरद यादव, रैली के मुख्या कर्ताधर्ता तथा जद(यू) के बिहार प्रदेशाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री रमई राम, परवीन अमनुलाह, नरेन्द्र सिंह, गौतम सिंह, बिजेंदर कुमार यादव इत्यादि ने शिरकत की.
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