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जान-माल की रक्षा के उपाय करने पर जोर दिया गया
10 अक्तूबर को मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को संभावित तूफान से निबटने व सतर्कता बरतने का निर्देश दिया था. पेडों व कमजोर छत के नीचे कमजोर वर्ग के लोगों को नहीं रहने के लिए सचेत करने के निर्देश दिये थे.
14 अक्तूबर को दशहरे के दिन भी मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों के साथ सभी डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और निरंतर चौकसी करने व जानमाल की रक्षा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये.
तूफान आने के पहले मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में आपदा प्रबंधन विभाग और मुख्य सचिव के स्तर पर बैठकेंकी गयीं और चौकसी व जान-माल की रक्षा के उपाय करने पर जोर दिया गया.
पूर्णिया में टूट कर गिरे केले के पौधे
तेज हवा, बारिश और बाढ़ ने लगभग 400 करोड़ रुपये के केले के पौधों को नुकसान पहुंचा दिया. छठ पर्व में केला बेच कर लाभ कमाने की उम्मीद कर रहे किसानों को जबरदस्त आर्थिक क्षति हो गयी. छठव्रतियों को केले की अधिक कीमत चुकानी तय है. इतना ही नहीं, बचे गये केले के पौधों को विल्ट बीमारी का खतरा उत्पत्र हो गया है.

कई राज्यों में भेजा जाता है : प्रति हेक्टेयर केले की खेती से किसानों को तीन से साढ़े तीन लाख की आय होती है. यहां से केला पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, झारखंड आदि भेजे जाते हैं. केवल पटना मंडी में ही सालाना 100-150 करोड़ का कारोबार होता है
ओडि़शा और आंध्र तटों पर आये चक्रवाती तूफान फैलिन का बिहार पर भी भारी असर पड़ा. ओडि़शा में जहां सरकारी चुस्ती के कारण महज 28 लोगों की मौत हुई और लाखों लोगों को बचा लिया गया, वहीं बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगातार निर्देश और मॉनीटरिंग के बावजूद अफसरों की सुस्ती से कम-से-कम 36 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि, राज्य सरकार ने सिर्फ छह लोगों की मरने की पुष्टि की है, जिनके परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिया जायेगा. दुर्गा पूजा के दौरान आये इस तूफान से एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार और फसल बरबाद हो गये. चार सौ करोड़ रुपये के केले की फसल को नुकसान पहुंचा है. 

पूजा के दौरान आये आंधी-तूफान से पंडाल निर्माताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा. खुदरा व्यापारियों और खोमचेवालों की रीढ़ टूट गयी. दो दिनों के मेले के अवसर पर इन लोगों ने भारी तैयारी कर रखी थी. लेकिन, भारी वर्षा के कारण लोग घरों में दुबके रहे और जिन दुकानदारों ने अपना स्टॉल लगाये, वे भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गये. राजधानी पटना में बिजली-पानी का संकट रहा. मुगलसराय-गया रेलखंड में कर्मनाशा और छपरा-मुजफ्फरपुर रेलखंड में राम दयालु के पास पटरी पर पेड़ गिरने से ट्रेन सेवा बाधित रही.sourse p k daily

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