चत सत्ता सत्ता के करीब पहुंचकर भाजपा में फिर से दिख रहे मतभेद
तरूण कुमार BOTeam
सत्ता के करीब पहुंचकर भाजपा में फिर से दिख रहे मतभेद और दूरी को मिटाने की कवायद तेज हो गई। सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को जहां लोकसभा अध्यक्ष पद देने पर लगभग सहमति बन गई है। वहीं सुषमा स्वराज को लेकर खींजारी है। माना जा रहा है कि सुषमा नाराज हैं और वह कोई बड़ी जिम्मेदारी चाहती हैं। बहरहाल, इन विवादों को छोड़ दिया जाए तो नरेंद्र मोदी के कैबिनेट का खाका पूरी तरह तैयार हो गया है। आडवाणी के लोकसभा अध्यक्ष बनने की स्थिति में मोदी ही राजग के भी अध्यक्ष होंगे जबकि संयोजक के पद पर शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना या तेदेपा के किसी नेता को बिठाया जा सकता है। बुधवार को गांधीनगर में हुई बैठक के बाद दिल्ली में दिन भर भाजपा और संघ की बैठकों का दौर चलता रहा। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आवास पर संघ नेता सुरेश सोनी, संगठन महामंत्री रामलाल, संगठन सचिव वी सतीश और सौदान सिंह की बैठक हुई। बाद में महासचिव अमित शाह भी वहां पहुंचे। लंबी बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनकी भूमिका पर चर्चा की।
तरूण कुमार BOTeam
सत्ता के करीब पहुंचकर भाजपा में फिर से दिख रहे मतभेद और दूरी को मिटाने की कवायद तेज हो गई। सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को जहां लोकसभा अध्यक्ष पद देने पर लगभग सहमति बन गई है। वहीं सुषमा स्वराज को लेकर खींजारी है। माना जा रहा है कि सुषमा नाराज हैं और वह कोई बड़ी जिम्मेदारी चाहती हैं। बहरहाल, इन विवादों को छोड़ दिया जाए तो नरेंद्र मोदी के कैबिनेट का खाका पूरी तरह तैयार हो गया है। आडवाणी के लोकसभा अध्यक्ष बनने की स्थिति में मोदी ही राजग के भी अध्यक्ष होंगे जबकि संयोजक के पद पर शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना या तेदेपा के किसी नेता को बिठाया जा सकता है। बुधवार को गांधीनगर में हुई बैठक के बाद दिल्ली में दिन भर भाजपा और संघ की बैठकों का दौर चलता रहा। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के आवास पर संघ नेता सुरेश सोनी, संगठन महामंत्री रामलाल, संगठन सचिव वी सतीश और सौदान सिंह की बैठक हुई। बाद में महासचिव अमित शाह भी वहां पहुंचे। लंबी बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनकी भूमिका पर चर्चा की।
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