सहारा शहंशाह अभी कुछ दिनो और रहेंगे कारा मे
किरण कुमारी
बिहारवन टीम
सहारा समूह के सुब्रत राय की याचिका सुप्रीम कोर्ट में फिर से खारिज हो गयी है. सहारा प्रमुख को फिलहाल राहत नहीं मिली है और उन्हें अब भी जेल में ही रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज सुब्रत राय सहारा मामले में सुनवाई करते हुए आज उनकी याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा, जजों पर मानसिक दबाव बनाया गया और उनपर केस छोड़ने के लिए भी दबाव बनाया गया. कोर्ट ने सहारा की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए कहा, निवेशकों को पैसा लौटने पर मज़बूर किय
उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने निवेशकों का धन न लौटाने के कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा खुद को हिरासत में रखे जाने को चुनौती दी थी.
न्यायालय ने कहा हमें याचिका में कोई तथ्य नहीं मिला और हम इसे खारिज करते है. हमने कड़ा रुख तब अपनाया जब रकम लौटाने के लिए समूह को समझाने के हमारे सारे प्रयास नाकाम हो गए. न्यायालय ने कहा कि न्यायिक आदेशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती. हमारे आदेशों की अवमानना से कानून की बुनियाद प्रभावित होती है. हम ऐसे आचरण की निंदा करते हैं क्योंकि हमारे आदेश का पालन करना अनिवार्य है. न्यायालय ने सुब्रत राय से निवेशकों की रकम जमा करने के बारे में नया प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा.
न्यायालय ने सहारा का यह तर्क खारिज कर दिया कि उसने निवेशकों का धन लौटा दिया है. न्यायालय ने कहा कि इसे साबित करने के लिए कोई विश्वसनीय रिकॉर्ड नहीं है. राय की हिरासत वैध है और हमने उन्हें जेल भेजने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है.
राय ने इस याचिका में सेबी के पास निवेशकों का करीब 20 हजार करोड़ रुपये जमा कराने के न्यायिक आदेश का पालन नहीं करने पर उन्हें जेल भेजने के निर्णय को चुनौती दे रखी है. न्यायालय चार मार्च से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय और दो निदेशकों की रिहाई के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के भुगतान संबंधी सहारा के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकता है.
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