साभार बिहार खोजखबर . कॉम
बिहार के बिना देश का समावेशी विकास संभव नही: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जदयू उसी दल को समर्थन देगी, जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा।उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है बिहार के लोग जाति या वर्ग के मु्द्दे पर नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर एकजुट हुए हैं।
नीतीश ने कहा कि जब भी उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए मुलाकात का समय मांगा, प्रधानमंत्री ने समय नहीं दिया। पटना में अधिकार रैली के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार अपना अधिकार लेकर रहेगा। उनका कहना है कि यह केंद्र की सरकार का कर्तव्य बनता है कि विकास के तमाम पैमानों पर राज्य को राष्ट्रीय औसत के करीब लाए। कुमार ने मांग की कि जितने भी राज्य विकास के पैमाने के राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं उन्हें विशेष सहायता दी जानी चाहिए।
नीतीश ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “तकनीकी कारणों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने की बात की जाती रही है, परंतु तर्क के आधार पर वे इन कारणों को बदलना नहीं चाहते। बिहार पर्वतीय राज्य नहीं है, न ही यह समुद्र से घिरा है, जो खान व प्राकृतिक संसाधन थे, वे झारखंड में चले गए। बिहार के पास कुछ है, तो यहां के मेहनती लोग। अब तक जिन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है वे बिहार से ज्यादा विकसित हैं। उनका तर्क है कि देश में उन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा पहले मिलना चाहिए जो पिछड़े हुए हैं। केंद्र की इस नीति की आलोचना करते हुए कुमार ने केंद्र की सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।”
नीतीश कुमार ने चेताया कि अगर केंद्र सरकार अब भी यदि बिहार के साढ़े 10 करोड़ लोगों की आवाज नहीं सुनती है, तो मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली का आयोजन किया जाएगा और उस मौके पर भी पटना की तरह दिल्ली को भी बिहारियों से पाट दिया जाएगा।
1.2012.
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