संयोजन राम बालक रॉय
उत्सुक होकर बच्चो ने कलाम साहब से सिखा विज्ञानं के गुर
विज्ञानं को चुनौती के रूप में लिया स्कूली बच्चो ने
पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने सोमवार को दरभंगा स्थित विज्ञानं मेले में कहा कि विज्ञान में क्रांति से ही भविष्य की चुनौतियों का सामना संभव है। बिहार में विज्ञान, कृषि व पर्यटन के क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। बच्चों में विज्ञान के क्षेत्र में उड़ान भरने की चाहत है। बस नई पीढ़ी को संवारने की जरूरत है। वे लहेरियासराय स्थित पंडित नेहरू स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय मेगा साइंस फेयर के उद्घाटन के बाद महती सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों में आगे बढ़ने की तमन्ना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन व रास्ता चाहिए। मेगा साइंस फेयर इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। पिछले सात साल से बिहार विज्ञान में क्रांति से ही चुनौतियों का सामना में विकास, शांति व समृद्धि के लिए काम हो रहा है। यहां कृषि व कृषि पर आधारित उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। मगर कृषि योग्य भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजन इसमें बाधक है। यह एक ज्वलंत समस्या है। इसका समाधान किसान को-ऑपरेटिव के विकास से ही संभव है। राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यहां अनाज रखने के लिए गोदामों की कमी है। मूल्य पर नियंत्रण नहीं है एवं बाजार पर कुछ लोगों का कब्जा है। इससे निपटने के लिए बिहार सरकार सामुदायिक कृषि बाजार पद्धति का विकास करे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार में पर्यटन के विकास की असीम संभावना है। सूबे में हो रहा वैज्ञानिक चेतना का विकास : नीतीश : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सूबे में वैज्ञानिक चेतना का विकास हो रहा है। यह नई पीढ़ी का सौभाग्य है कि आज हमारे बीच कलाम साहब जैसे वैज्ञानिक हैं। हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री नेहरू स्टेडियम में तीन दिवसीय मेगा साइंस फेयर के उद्घाटन के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां की नई पीढ़ी में विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ा है। अतीत में भी बिहार विज्ञान का केंद्र था। यह राज्य फिर से विज्ञान का केंद्र बनेगा। इस कड़ी में आर्यभट्ट ज्ञान व अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। विज्ञानं के विकास में स्कूली बच्चो का योगदान को लेकर बिहार में यह दूसरी बार आयोजन है .जुलाई में भी इसी तरह का आयोजन औगेस्ट फाउंडेशन तथा विकशित भारत फाउंडेशन की ओर से विद्यालयों में किया गया था . 24 दिसंबर को इसी आयोजन का अगली करी के रूप में सौ से अधिक बचचो ने कलम साहब से प्रत्यक्ष विज्ञानं के गुर को शिखा . नए उपकरण भी प्राप्त किये .
उत्सुक होकर बच्चो ने कलाम साहब से सिखा विज्ञानं के गुर
विज्ञानं को चुनौती के रूप में लिया स्कूली बच्चो ने
पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने सोमवार को दरभंगा स्थित विज्ञानं मेले में कहा कि विज्ञान में क्रांति से ही भविष्य की चुनौतियों का सामना संभव है। बिहार में विज्ञान, कृषि व पर्यटन के क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। बच्चों में विज्ञान के क्षेत्र में उड़ान भरने की चाहत है। बस नई पीढ़ी को संवारने की जरूरत है। वे लहेरियासराय स्थित पंडित नेहरू स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय मेगा साइंस फेयर के उद्घाटन के बाद महती सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों में आगे बढ़ने की तमन्ना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन व रास्ता चाहिए। मेगा साइंस फेयर इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। पिछले सात साल से बिहार विज्ञान में क्रांति से ही चुनौतियों का सामना में विकास, शांति व समृद्धि के लिए काम हो रहा है। यहां कृषि व कृषि पर आधारित उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। मगर कृषि योग्य भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजन इसमें बाधक है। यह एक ज्वलंत समस्या है। इसका समाधान किसान को-ऑपरेटिव के विकास से ही संभव है। राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यहां अनाज रखने के लिए गोदामों की कमी है। मूल्य पर नियंत्रण नहीं है एवं बाजार पर कुछ लोगों का कब्जा है। इससे निपटने के लिए बिहार सरकार सामुदायिक कृषि बाजार पद्धति का विकास करे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार में पर्यटन के विकास की असीम संभावना है। सूबे में हो रहा वैज्ञानिक चेतना का विकास : नीतीश : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सूबे में वैज्ञानिक चेतना का विकास हो रहा है। यह नई पीढ़ी का सौभाग्य है कि आज हमारे बीच कलाम साहब जैसे वैज्ञानिक हैं। हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री नेहरू स्टेडियम में तीन दिवसीय मेगा साइंस फेयर के उद्घाटन के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां की नई पीढ़ी में विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ा है। अतीत में भी बिहार विज्ञान का केंद्र था। यह राज्य फिर से विज्ञान का केंद्र बनेगा। इस कड़ी में आर्यभट्ट ज्ञान व अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। विज्ञानं के विकास में स्कूली बच्चो का योगदान को लेकर बिहार में यह दूसरी बार आयोजन है .जुलाई में भी इसी तरह का आयोजन औगेस्ट फाउंडेशन तथा विकशित भारत फाउंडेशन की ओर से विद्यालयों में किया गया था . 24 दिसंबर को इसी आयोजन का अगली करी के रूप में सौ से अधिक बचचो ने कलम साहब से प्रत्यक्ष विज्ञानं के गुर को शिखा . नए उपकरण भी प्राप्त किये .
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