नालंदा के पुरातत्व अश्थल हो बिश्वा बिरासत में सामील नितीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोधगया की तरह नालंदा के पुरातत्व स्थल को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में दर्जा दिलाने की मांग की.मुख्यमंत्री ने कहा कि खान और खनिज संपदा झारखंड में चले जाने के बाद हमारा ‘कोर कंपीटेंस’ यहां के विरासत स्थल और कृषि रह गया है. केंद्र सरकार को नालंदा को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास करना चाहिए. इससे बोधगया की तरह विदेशी पर्यटक भारी संख्या में आयेंगे और अर्थव्यवस्था सुदृढ होगी.पटना में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की एक पुस्तक ‘बिहार विकास और संघर्ष’ के विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार एक साल तक प्रयास करे तो नांलदा विश्व धरोहर सूची में शामिल हो जाएगा, जितना प्रयास नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के लिए हो रहा है नालंदा स्थल के लिए भी होना चाहिए.उन्होंने कहा कि बिहार में प्रथम लोकतंत्र की धरती वैशाली, भागलपुर में विक्रमशिला, नव पाषाण युग के स्थल चिरांद (छपरा) जैसे कई स्थल हैं, जिनकी खुदाई केंद्र सरकार को करने में मदद करनी चाहिए. बिना केंद्र के मदद के इस वर्ष बिहार में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 10 लाख तक पहुंचने वाली है. विदेशी पर्यटकों के आगमन की रफ्तार गोवा से अधिक है. यदि तीन चार विश्व धरोहर स्थल हो जाए तो पर्यटक बढेंगे. केंद्र की मदद मिल जाए तो हम विकास करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार के विकास की दर टिकाऊ होगी. योजना आयोग ने बीते पांच वर्ष में बिहार की औसत विकास दर को अंतिम तौर पर 12.11 प्रतिशत बताया है. 12वीं पंचवर्षीय योजना को लेकर राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की आगामी बैठक में फिर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठायेंगे.मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की जनसंख्या में बिहार का योगदान आठ प्रतिशत है जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में यह योगदान 2.9 प्रतिशत है. हम चाहते हैं कि बिहार देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत तक योगदान करे. इसके लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.विशेष दर्जा के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि बिहार की मांग से सभी राज्य विशेष दर्जा की मांग करने लगेंगे. मैंने उनसे कहा है कि एक मानदंड बनाकर विकास दर में पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.बार-बार हमला करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को परोक्ष तौर पर आड़े हाथ लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम विकास की बात करते हैं और जनता को गोलबंद करते हैं तो लोग कलही हो जाते हैं. लोगों को अपनी राजनीतिक तालाबंदी का डर सता रहा है. उन्हें जब अवसर मिला तो चादर तान कर लंबे वक्त तक सोते रहे. हम अवसर को चुनौतियों के रूप में लेते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोधगया की तरह नालंदा के पुरातत्व स्थल को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में दर्जा दिलाने की मांग की.मुख्यमंत्री ने कहा कि खान और खनिज संपदा झारखंड में चले जाने के बाद हमारा ‘कोर कंपीटेंस’ यहां के विरासत स्थल और कृषि रह गया है. केंद्र सरकार को नालंदा को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास करना चाहिए. इससे बोधगया की तरह विदेशी पर्यटक भारी संख्या में आयेंगे और अर्थव्यवस्था सुदृढ होगी.पटना में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की एक पुस्तक ‘बिहार विकास और संघर्ष’ के विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार एक साल तक प्रयास करे तो नांलदा विश्व धरोहर सूची में शामिल हो जाएगा, जितना प्रयास नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के लिए हो रहा है नालंदा स्थल के लिए भी होना चाहिए.उन्होंने कहा कि बिहार में प्रथम लोकतंत्र की धरती वैशाली, भागलपुर में विक्रमशिला, नव पाषाण युग के स्थल चिरांद (छपरा) जैसे कई स्थल हैं, जिनकी खुदाई केंद्र सरकार को करने में मदद करनी चाहिए. बिना केंद्र के मदद के इस वर्ष बिहार में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 10 लाख तक पहुंचने वाली है. विदेशी पर्यटकों के आगमन की रफ्तार गोवा से अधिक है. यदि तीन चार विश्व धरोहर स्थल हो जाए तो पर्यटक बढेंगे. केंद्र की मदद मिल जाए तो हम विकास करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार के विकास की दर टिकाऊ होगी. योजना आयोग ने बीते पांच वर्ष में बिहार की औसत विकास दर को अंतिम तौर पर 12.11 प्रतिशत बताया है. 12वीं पंचवर्षीय योजना को लेकर राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की आगामी बैठक में फिर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठायेंगे.मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की जनसंख्या में बिहार का योगदान आठ प्रतिशत है जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में यह योगदान 2.9 प्रतिशत है. हम चाहते हैं कि बिहार देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत तक योगदान करे. इसके लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.विशेष दर्जा के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि बिहार की मांग से सभी राज्य विशेष दर्जा की मांग करने लगेंगे. मैंने उनसे कहा है कि एक मानदंड बनाकर विकास दर में पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.बार-बार हमला करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को परोक्ष तौर पर आड़े हाथ लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम विकास की बात करते हैं और जनता को गोलबंद करते हैं तो लोग कलही हो जाते हैं. लोगों को अपनी राजनीतिक तालाबंदी का डर सता रहा है. उन्हें जब अवसर मिला तो चादर तान कर लंबे वक्त तक सोते रहे. हम अवसर को चुनौतियों के रूप में लेते हैं.
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