इनको हम सिखाएंगे राजनीति: केजरीवाल ,
आज केजरीवाल सरकार का विधानसभा में टेस्ट होगा, लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बहुमत हासिल कर लेगी। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह समर्थन देने के मुद्दे पर कायम है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि हम केजरीवाल साहब को भागने नहीं देंगे। उन्होंने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने में उनका समर्थन करेंगे।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विरोधी पार्टियां राजनीति में नौसिखिया करार देती रही हैं, लेकिन अब वह विरोधियों को राजनीति सिखाने का दम भर रहे हैं। केजरीवाल ने बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्हें राजनीति करना हम सिखाएंगे।
आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली विधानसभा में बृहस्पतिवार को विास मत हासिल करेगी और पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने बुधवार को कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर भाजपा और कांग्रेस को सरकार का समर्थन करना चाहिए। बिन्नी ने यहां संवाददाताओं को बताया ‘जनता से जुड़ी कई योजनाएं हैं जिनका क्रियान्वयन किया जाना है। हमने कांग्रेस और भाजपा दोनों से ही हमारा समर्थन करने के लिए कहा है ताकि हम जनता से किए गए वादे पूरे कर सकें।’ उन्होंने बताया कि केजरीवाल को गले में संक्र मण है और उन्हें आराम करने की सलाह दी गई है। केजरीवाल के आवास के सामने ‘आप’ नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा ‘हमने 18 मुद्दों को दिमाग में रख कर दिल्ली में सरकार बनाई। अगर ‘आप’ विास मत हासिल कर लेती है तो केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार इन मुद्दों पर काम करेगी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या ‘आप’ के पास सरकार चलाने के लिए सिर्फ 24 घंटे हैं, तो सिंह ने बताया ‘हम नहीं जानते कि कल जब विधानसभा में विास प्रस्ताव लाया जाएगा तो क्या होगा।’ दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हुआ और 7 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान सदन में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार विास मत हासिल करेगी।
70 सदस्यीय विधानसभा में ‘आप’ के 28 विधायक हैं और यह संख्या बहुमत से 8 कम है। ‘आप’ के पास कांग्रेस के 8 विधायकों का समर्थन है। भाजपा के 31 सदस्य और उसकी सहयोगी अकाली दल का एक सदस्य है। ‘आप’ ने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए, पहली बार चुने गए विधायक एम एस धीर का नाम कल पहली बार लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मतीन अहमद प्रोटेम स्पीकर होंगे। प्रोटेम स्पीकर विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव तक उसके पद की जिम्मेदारियों का निर्वाह करता है।
बिजली कंपनियों का होगा ऑडिट :
आम आदमी पार्टी की सरकार ने चुनाव के दौरान किया गया एक और वादा पूरा कर दिया। दिल्ली की निजी बिजली वितरण कंपनियों के खातों की जांच कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) से कराई जाएगी। राज्य सरकार की सिफारिश पर उपराज्यपाल नजीब जंग ने बुधवार शाम को ऑडिट का आदेश जारी कर दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि बिजली कंपनियों का जो जवाब आया है, उनमें उनमें कहीं कोई ऐसा कारण नजर नहीं आता है कि उनका ऑडिट ना कराया जा सके। मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा बिजली कंपनियों को नोटिस जारी कर पूछा गया था कि क्यों न उनके खातों की जांच कैग से कराई जाए। बुधवार को कंपनियों ने अपने जवाब में कहा कि ऑडिट का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में कोर्ट के फैसला का इंतजार करना चाहिए। ऑडिट में लगने वाले समय के बाबत केजरीवाल ने बताया कि कैग ने कहा है कि ये तो बिजली कंपनियों के सहयोग पर निर्भर करेगा, लेकिन फिर भी सरकार की कोशिश रहेगी कि कम से कम समय लगे। हाई कोर्ट ही करेगा जांच का फैसला : दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों के खातों की जांच के आदेश भले ही कैग को दे दिए हों, मगर सचाई यही है कि खातों की जांच हो या न हो, यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट को करना है। अदालत यह तय करेगी कि कैग की जांच की परिधि में दिल्ली की निजी बिजली कंपनियां आती हैं या नहीं? कहा यह जा रहा है कि अगर अदालत का फैसला कैग से जांच कराए जाने के खिलाफ हुआ तो सूबे की सरकार की यह कवायद बेकार साबित हो सकती है। वहीं इस मामले में निजी बिजली कंपनियों के दावों के उलट यह भी सच है कि हाई कोर्ट ने उनके खातों की जांच पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है। cradit kesaw kumar patna
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