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नारायण मूर्ति की वापसी से इंफोसिस भरने लगी दम
कर्नाटक  देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस में नारायण मूर्ति की वापसी के साथ ही वित्तीय तस्वीर बदलने लगी है। मूर्ति के असर से चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 21.4 फीसद उछलकर 2,875 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह अक्टूबर-दिसंबर 2012 में 2,369 करोड़ रुपये था।
कंपनी के गिरते प्रदर्शन को देखते हुए पिछले साल जून में मूर्ति ने इंफोसिस में अपनी दूसरी पारी एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर शुरू की थी। उसके बाद से कंपनी का प्रदर्शन सुधरने लगा है। इंफोसिस के सीईओ और एमडी एसडी शिबुलाल ने शुक्रवार को नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि तीसरी तिमाही शानदार रही। इस अवधि में राजस्व भी 25 फीसद बढ़कर 13,026 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 10,424 करोड़ रुपये था। शिबुलाल ने बताया कि पिछली दो तिमाहियों में कंपनी द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा हमें शुद्ध मुनाफे में दोहरे अंक में उछाल के तौर पर मिला। दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 54 नए ग्राहक जोड़े हैं। इनमें से एक पांच करोड़ डॉलर का भी है। इन नतीजों से उत्साहित होकर कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजस्व वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 24.4-24.9 फीसद कर दिया है।
शिबुलाल ने कहा कि उपभोक्ताओं में भरोसा जाग रहा है। मगर अभी भी लागत को लेकर ग्राहक सतर्कता बरत रहे हैं। पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में बड़े ग्राहक मिलेंगे, जिससे अगली तिमाहियों के प्रदर्शन में भी सुधार होता रहेगा। इस तिमाही में इंफोसिस को कुल राजस्व का 60 फीसद हिस्सा अमेरिका से और 24.9 फीसद यूरोप से मिला है। स्रोत एपपेर 

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