Skip to main content

चालू वित्तीय वर्ष में 826 नए उच्च माध्यमिक विद्यालय खुलेंगे।

चालू वित्तीय वर्ष में 826 नए उच्च माध्यमिक विद्यालय खुलेंगे।
 ये विद्यालय उन पंचायतों में खुलेंगे, जहां पहले से उच्च विद्यालय नहीं हैं। शिक्षा विभाग ने सोमवार को नए विद्यालयों व चयनित पंचायतों की सूची जारी की। सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से दसवीं तक की सभी छात्राओं (1.07 करोड़) को छात्रवृत्ति लाभ दिया जाना है। इस मद में व्यय होने वाली राशि 1120 करोड़ रुपये को मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिल चुकी है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक इस वर्ष 1000 माध्यमिक सह उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना होनी है। प्रत्येक पंचायत में एक-एक विद्यालय खोले जाएंगे, जहां पहले से उच्च विद्यालय नहीं हैं। 174 पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। पटना एवं सिवान में भूमि की तलाश में दिक्कत आ रही है। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहयोग से 225 विद्यालय खोले जाएंगे। ये विद्यालय चयनित 75 प्रखंडों में स्थापित होंगे। इसके लिए अगले माह टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उर्दू व बंगला टीईटी तथा दक्षता परीक्षा का रिजल्ट 30 नवम्बर तक घोषित होगा।
इन जिलों में खोले जाएंगे नए विद्यालय
-पटना में 2, अरवल में 25, औरंगाबाद में 23, जहानाबाद में 10, गया में 38, बेगूसराय में 30, भोजपुर में 16, बक्सर में 15, कैमूर में 11, रोहतास में 28, वैशाली में 29, गोपालगंज में 35, नालन्दा में 28, नवादा में 21, शेखपुरा में 5, सारण में 17, सिवान में 1, दरभंगा में 12, भागलपुर में 32, बांका में 18, मुंगेर में 12, जमुई में 21, अररिया में 7, पूर्वी चम्पारण में 31, शिवहर में 5, सीतामढ़ी में 19, पूर्णिया में 19, मुजफ्फरपुर में 64, कटिहार में 6, खगड़िया में 6, लखीसराय में 10, किशनगंज में 12, मधेपुरा में 26, मधुबनी में 61, सहरसा में 18, समस्तीपुर में 27, सुपौल में 33 एवं पश्चिम चम्पारण में 53

Comments

Popular posts from this blog

नियोजित शिक्षक के पक्ष में अभी भी नहीं दिखती सुशासन सरकार  बिहार वन मीडिया/ किरण कुमारी  बिहार में पटना हाइकोर्ट ने पिछले मंगलवार यानि 31 octobar 2017  को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब समान काम के लिए समान वेतन लागू होगा। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने नियोजित शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला लागू किया जाना चाहिए नहीं तो इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। हाइकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की याचिका को सुरक्षित रखते हुए आज इसपर सुनवाई की। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतन की याचिका को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी। समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर राज्य के नियोजिक शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मालूम हो कि बिहार के नियोजित शिक्षक अपनी इस मांग को लेकर काफी दिनों से आंदोलनरत थे। कोर्ट के इस फैसले का विभिन्न शिक्षक संघों ने स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत करार दिया है। नियोजित शिक्षकों की ओर से ...
 बिहार के खनन निरीक्षक करोड़ों के मालिक हैं। खनन अफसरों के घर शुक्रवार को हुई छापेमारी में ये बातें सामने आयी। शुक्रवार को बिहार के दो खनन निरीक्षकों के विभिन्न ठिकानों पर आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने छापा मारा। इन दोनों अधिकारियों वीरेंद्र यादव (गोपालगंज) और झकारी राम (शेखपुरा) के यहां से तकरीबन दस करोड़ की संपत्ति मिली है। पटना में झकारी राम के यहां एक करोड़ 64  लाख 34 हजार नकद मिले। इन नोटों को गिनने के लिए स्टेट बैंक से मशीन मंगानी पड़ी।   इस बीच शुक्रवार को ही जब आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने वीरेंद्र यादव के घर और कार्यालय में छापेमारी की तो परत दर परत सारी चीजें ऊपर आने लगी। छापेमारी उनकी कार्याफय, मुजफ्फरपुर स्थित आवास, पैतृक गांव बरियारपुर में की गयी। शुक्रवार की सुबह मुजफ्फरपुर के रामदयालु नगर मुक्तिनाथ मंदिर स्थित तीन मंजिले मकान में अधिकारियों ने छापा मारा। गुरुवार को पटना के आर्थिक अपराध थाने में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।   अब तक की छापेमारी में लगभग 2 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हो चुका है। वीरेंद्र यादव पिछले कई माह से गोपाल...

समाज का प्रतिदर्पण है साहित्यकार

                                                    समाज का प्रतिदर्पण है साहित्यकार  राम बालक राय /बिहारवन वेब  ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई समस्तीपुर महाविद्यालय समस्तीपुर परिसर में अंग्रेजी विभाग के तत्वाधान में  द एजुकेशन फंक्शन ऑफ़ लिटरेचर विषय पर आयोजित एक दिवसीय शैक्षिक सेमीनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉक्टर प्रभात कुमार ने मिथिलांचल के शैक्षिक व साहित्यिक आयाम को मजबूती से रेखांकित करते हुए कहा की अच्छा साहित्यकार व्यक्ति व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझता है।  वह प्रगतिशीलता की मशाल को हमेशा जलाये रखता है. साहित्यकार के पास सामाजिक विकाश के पक्ष को बल देने हेतु तत्पर रहता है. उनकी अपनी बौद्धिक जिज्ञाषा होती है जिसे वह शब्दो में बाहर लाता है. वे बिना किसी पूर्वाग्रह के समझने की कोशिश करता है। जो  साहित्यकार यह नहीं समझ सका वह समाजोपयोगी कलाकृति का दावा नहीं कर सकता।   किसी ...