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Showing posts from December, 2012
         साइरस मिस्त्री संभालेंगे टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा की विरासत रतन टाटा ने उधोग जगत का बिराम देते हुए    टाटा आज 75 वर्ष की आयु पूरी कर समूह की बागडोर 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को सौंपेंगे. मिस्त्री को पिछले साल टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था. इस महीने की शुरुआत में उन्हें औपचारिक तौर पर समूह का चेयरमैन नियुक्त किया गया. रतन टाटा ने जेआरडी टाटा से समूह की कमान लेने के बाद बतौर चेयरमैन 21 वर्ष तक समूह को नेतृत्व प्रदान किया. वहीं टाटा संस में 18 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले शपूरजी पलोनजी परिवार के सदस्य मिस्त्री का चयन पांच सदस्यीय चयन समिति द्वारा किया गया.टाटा के कार्यकाल में समूह का राजस्व कई गुना बढ़कर 2011.12 में कुल 100.09 अरब डालर :करीब 4,75,721 करोड़ रुपये: पहुंच गया जो 1971 में महज 10,000 करोड़ रुपये था. टाटा समूह को एक बहुराष्ट्रीय उद्योग समूह में तब्दील करने की दूरदृष्टि के तहत रतन टाटा के नेतृत्व में समूह ने विदेश में कई कंपनियों के अधिग्रहण किए. इसमें 2000 में ब्रितानवी ब्रांड टेटली का 45 करोड़ डालर में अधिग्रहण शामिल है. रतन टाटा न
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  राज्य को विशेष दर्जा  की मांग को राष्ट्रीय विकास परिषद में उठाये  जबकि योजना आयोग ने उन्हें कोई राहत नहीं देते हुए कहा कि पूर्वी राज्य विशेष दर्जे के लिए मौजूदा योग्यताओं को पूरा नहीं करता. राष्ट्रीय विकास परिषद की कल होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए राजधानी आये नीतीश ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम से उनके निवास पर मुलाकात कर यह मांग उठायी. उम्मीद की जा रही है कि बैठक में भी वह इसी मांग को उठायेंगे. चिदंबरम के साथ मुलाकात में मुख्यमंत्री ने उस ज्ञापन की प्रति उन्हें सौंपी जो पूर्व में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिया जा चुका था. यह मुलाकात ऐसे दिन हुई जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा कि बिहार विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा पाने की मौजूदा योग्यताओं को पूरा नहीं करता. अहलुवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार उस मौजूदा योग्यता को पूरा नहीं करता जिसके अनुसार किसी राज्य को विशेष श्रेणी का प्रदेश होने के लिए योग्य माना जाता है. हम मानते हैं कि बिहार और कुछ भागों में विशेष समस्याएं हैं तथा बीजीआरएफ :
संयोजन  राम बालक रॉय   उत्सुक होकर बच्चो ने कलाम साहब से सिखा विज्ञानं के गुर विज्ञानं को चुनौती के रूप में लिया स्कूली बच्चो ने  पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने सोमवार को दरभंगा स्थित विज्ञानं मेले में कहा कि विज्ञान में क्रांति से ही भविष्य की चुनौतियों का सामना संभव है। बिहार में विज्ञान, कृषि व पर्यटन के क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। बच्चों में विज्ञान के क्षेत्र में उड़ान भरने की चाहत है। बस नई पीढ़ी को संवारने की जरूरत है। वे लहेरियासराय स्थित पंडित नेहरू स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय मेगा साइंस फेयर के उद्घाटन के बाद महती सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों में आगे बढ़ने की तमन्ना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन व रास्ता चाहिए। मेगा साइंस फेयर इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। पिछले सात साल से बिहार विज्ञान में क्रांति से ही चुनौतियों का सामना में विकास, शांति व समृद्धि के लिए काम हो रहा है। यहां कृषि व कृषि पर आधारित उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। मगर कृषि योग्य भूमि का छोटे-छोटे टुकड़ों में वि
हरिजन विद्यालयों में चालू हुआ कंप्यूटर शिक्षा : शुशील कुमार मोदी अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग ने बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ-साथ कम्प्यूटर एवं मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम की अत्याधुनिक जानकारी देने के लिए 'कम्प्यूटर एडेड लर्निग' कार्यक्रम को लागू किया है। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को अनुग्रह नारायण सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के सभागार में इस कार्यक्रम का उद्घाटन दीप जलाकर किया। पहले चरण में यह योजना 51 अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय और 15 अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालयों में लागू की गयी। इससे एससी/एसटी वर्ग के 16 हजार छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। उप मुख्यमंत्री ने आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में अंग्रेजी बोलने तथा कम्प्यूटर शिक्षा के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों के लिए 'स्पोकेन इंग्लिश' योजना को शीघ्र लागू किया जाएगा। कम्प्यूटर और अंग्रेजी का ज्ञान आज विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफलता के लिए जरूरी है। 'अन्ना ने पूरे देश को जगाया' उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सामाजिक कार्यकर्ता अ

lagu ho comman school system mukuchand dube

        साभार जागरण लागू हो सामान्य स्कूली शिक्षा प्रणाली : मुचकुंद दुबे  देश भर में सामान्य स्कूल प्रणाली लागू होने के बाद ही स्कूली शिक्षा में सुधार हो सकता है। उक्त बातें बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ व वालन्ट्री फोरम फार एजुकेशन, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए सामान्य स्कूल प्रणाली आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. मुचकुंद दूबे ने पटना में कहीं। गुरुवार को तीन सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। प्रो. दूबे ने कहा कि जब वे सामान्य स्कूल प्रणाली आयोग के अध्यक्ष थे उस समय सरकार के पास जो भी रिपोर्ट सौंपी थी, उसे सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया। उस पर काम रुक गया। उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीइ) की आलोचना करते हुए कहा कि इसके लिए जो मानक तय किये गये थे, उसका पालन नहीं हो रहा है। 0-6 व 14-18 वर्ष के बच्चे इन अधिकारों से वंचित ही रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद सह बिहार माध्यमिक शिक्षा संघ के शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा बचाओ, देश बचाओ का नारा लगाते हुए कहा कि वे अब गिरती शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन करेंगे तथा लोगो

नालंदा के पुरातत्व अश्थल हो बिश्वा बिरासत में सामील नितीश कुमार

 नालंदा के पुरातत्व  अश्थल हो बिश्वा बिरासत में सामील  नितीश कुमार बिहार  के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोधगया की तरह नालंदा के पुरातत्व स्थल को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में दर्जा दिलाने की मांग की.मुख्यमंत्री ने कहा कि खान और खनिज संपदा झारखंड में चले जाने के बाद हमारा ‘कोर कंपीटेंस’ यहां के विरासत स्थल और कृषि रह गया है. केंद्र सरकार को नालंदा को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास करना चाहिए. इससे बोधगया की तरह विदेशी पर्यटक भारी संख्या में आयेंगे और अर्थव्यवस्था सुदृढ होगी.पटना में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की एक पुस्तक ‘बिहार विकास और संघर्ष’ के विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार एक साल तक प्रयास करे तो नांलदा विश्व धरोहर सूची में शामिल हो जाएगा, जितना प्रयास नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के लिए हो रहा है नालंदा स्थल के लिए भी होना चाहिए.उन्होंने कहा कि बिहार में प्रथम लोकतंत्र की धरती वैशाली, भागलपुर में विक्रमशिला, नव पाषाण युग के स्थल चिरांद (छपरा) जैसे कई स्थल हैं, जिनकी खुदाई केंद्र सरकार को करने में मदद कर

bikshit bharat foundation ne kiya computer awerness program

साभार दी टेलीग्राफ Mobile laboratory drives in, science turns fun practically - Around 1600 students of Jayanand High School to benefit from programme under Sarva Shiksha Abhiyan JITENDRA KUMAR SHRIVASTAVA An instructor demonstrates experiments to students at Jayanand High School in Bagera on Tuesday. Picture by Mohan Mahato Students of Jayanand High School, Bahera,दरभंगा . today had a practical experience of natural science at the auditorium of the institution. A mobile laboratory, well equipped with modern instruments required to conduct all experiments for the Plus Two level, visited the school under Benipur block in the district. Sonam Kumari, a Class VIII student of the school, told The Telegraph : “The instructors made us aware of a number of facts through experiments. They demonstrated that air occupies space. They also showed, with the help of a balloon, that it exerts pressure. The experiments were novel but easy to understa

BIDHAN SABHA ADHAYAKSH AUR SIDHIKKI BEDMINTON KHELTE HUE

bedminton एसोसिएशन के प्रोग्राम में सत्ता और बिपक्ष एक साथ  एम् नरेगा योजना  में हुआ गर्बरी की जाँच के लिए बिधन सभा में बिपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिध्की के नेतृत्वा में  राज्यपाल से मिलकर  सीबीआई जाँच करने की मांग की गयी .जिसमे रस्मी ज्योति .सोम प्रकाश , दुर्गा प्रसाद सिंह ,सम्राट चौधरी, नवल किशोर कुमार . अख्तरुल असलम साहिन  आदि थे . 

MERE GAUO BIRNAMA SAMASTIPUR ME GRAMIN CHHATH BRAT KARTE

नेहा मेरे गाव बिरनामा  में ग्रामीण माता व बहने छठ ब्रत करते हुए .

Rajendra babu ko naman

साभार क्रांतिस्वर संयोजन राम बालक रॉय डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 03 दिसंबर 1884 को और  मृत्यु 28 फरवरी 1963 मे हुई थी । वह स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे और स्वाधीनता आंदोलन मे उनकी अग्रणी भूमिका रही थी। उनकी मृत्यु के 48 वर्ष बाद भी उनके विचारों की प्रासंगिकता आज भी है और आज का राजनीतिक संकट उन विचारों से हट जाने के कारण ही उत्पन्न हुआ है। राजेन्द्र बाबू का व्यक्तित्व कैसे प्रभावशाली बन सका इसका विवेचन गत वर्ष किया था।  राजेन्द्र बाबू का जन्म एक जमींदार परिवार मे हुआ था और उन्हें सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त थीं। वह काफी प्रतिभाशाली थे। वकालत पास करने के बाद यदि प्रेक्टिस करते तो और धनशाली ही बनते। किन्तु उस समय के बड़े कांग्रेसी नेता गोपाल कृष्ण गोखले ने उन्हें बुला कर उनसे कहा कि तुम्हें किसी चीज की कमी नहीं है और वकालत करके खूब पैसा कमा लोगो लेकिन मै चाहता हूँ कि तुम देश-सेवा मे लगो  तो तुम्हारी प्रतिभा का लाभ देशवासियों को भी मिल सके। राजेन्द्र बाबू ने गोखले जी की सलाह को आदेश मान कर शिरोधार्य कर लिया और आजीवन उसका निर्वहन किया। जन्म से प्राप्त सुख-सुविधाओं