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Showing posts from April, 2017

बक्सर के राम आधार तिवारी ने किया गीता का हुआ अंग्रेजी में अनुवाद

 बक्सर के  राम आधार तिवारी ने किया  गीता का हुआ अंग्रेजी में अनुवाद   onenews.co.in   राम बालक राय     विद्वानो का मत है कि  इस मायावी संसार में तीन तरह के महापुरुष अवतरित होते हैं. एक   इतिहास बनाने वाले  दूसरे जिन्हें इतिहास बनाता है और तीसरे जो खुद इतिहास बन जाते हैं.   इसी कड़ी में  बहुआयामी प्रतिभा के धनी, विद्वान रामाधार तिवारी 'आधार' अपने कृतित्व के दम पर इतिहास पुरुष  बनने का काम किया है.बक्सर के ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर के   रिटायर्ड शिक्षक श्री तिवारी ने भागवत गीता का अंग्रेजी मुक्तछंद में अनुवाद कर  एक नया कृतिमान रचा  है. वे दुनिया के दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने गीता को मुक्त छंद में अंगरेजी में अनुवादित किया है. इसके पहले वर्ष 1875 ई. में काशीनाथ त्रिंबक तेलंग द्वारा यह कार्य किया गया था. 'गीता द इंगलिश वर्सेस' नामक पुस्तक में धर्म, अनुशासन व दार्शनिक बिंदुओं पर नोट्स भी अंगरेजी में मुक्तछंद रूप में अनुवादित किये गये हैं. पुस्तक दिल्ली के आयन प्रकाशन से प्रकाशित है. प्रथम संस्करण में इसकी 150 प्रतियां छपी हैं. ताकि मूल तत्व समझ सकें लोग 

25 साल पुराने मामले में 13 बीजेपी नेताओ के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की इजाजत :सुप्रीम कोर्ट

 25 साल पुराने  मामले में 13 बीजेपी  नेताओ  के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की इजाजत :सुप्रीम कोर्ट बिहार वन वेब टीम    जाने वो कौन है जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामला चलने की इजाजत दी है     लालकृष्ण आडवाणी एक समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद भाजपा के दूसरे सबसे बड़े नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी इन दिनों पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में हैं। भाजपा से बाहर आडवाणी के समर्थक और बीजेपी के विरोधी पार्टी पर उन्हें किनारे लगाने का भी आरोप लगाते हैं। आडवाणी फिलहाल गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से सांसद हैं।  मुरली मनोहर जोशी अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के बाद मुरली मनोहर जोशी एक समय भाजपा के तीसरे सबसे बड़े नेता और चेहरा थे। वाजपेयी सरकार में जोशी मानव संसाधन विकास मंत्री का पदभार भी संभाल चुके हैं। प्राथमिक शिक्षा में सार्वजनीकरण को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के लिए एक बारे नाम जाना जाता है.  फिलहाल वे भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में हैं और उत्तर प्रदेश में कानपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। उमा भारती साध्वी उमा भारती केंद्र की मोदी सरकार में जल संसाधन मंत्रालय

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सुबह चंद्रहिया से मोतिहारी तक की आठ किलोमीटर की गांधी स्मृति पदयात्रा की। उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और गणमान्य लोग भी शामिल थे।

       चंपारण सत्याग्रह: गांधी स्मृति पदयात्रा में शामिल हुए सीएम नीतीश, पैदल चले 8km  सौ साल पहले इसी दिन महात्मा गांधी के सत्याग्रह के समक्ष अंग्रेजी हुकूमत ने घुटने टेके थे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए कई आयोजन किए गए हैं। इसमें सीएम नीतीश ने आज गांधी स्मृति पदयात्रा में चंद्रहिया से मोतिहारी तक 8 किलोमीटर की पदयात्रा की।  महात्मा गांधी आदेश के उल्लंघन के आरोप में एसडीओ कोर्ट में पेश हुए थे। वहां उनके बयान से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी। सौ साल बाद उस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोतिहारी पहुंचे और उन्होंने चंद्रहिया से मोतिहारी तक की पदयात्रा की। उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिक्षामंत्री अशोक चौधरी भी पदयात्रा में शामिल हुए।  चंद्रहिया से गांधी मैदान तक पदयात्रा  मुख्यमंत्री ने चंद्रहिया से अपनी पदयात्रा की शुरूआत प्रात: आठ बजे शुरू की। इसके पहले उन्होंने वहां गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा शिलापट्ट का लोकार्पण किया। वहां सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी मुख्यमंत्री नीतीश सहित सभी लोगों ने

चंपारण सत्याग्रह के सौ साल

                            चंपारण सत्याग्रह के सौ साल onenews.co.in  किरण कुमारी  गाँधी जी का चंपारण सत्याग्रह की महत्ता वर्तमान परिवेश में कई प्रेरणा युवाओ के लिए छोड़ती है. उनका सत्याग्रह को आज की परिस्थितियों से करा संघर्षो से जूझना होगा। गाँधी जी ने चम्पारण के  गन्ना किसानो के हित के लिए अंग्रेजो के लाख मना करने के बाबजूद वो चम्पारण गए थे। आज बिहार के शिक्षक अपने मूलभूत सवालो को लेकर सड़को  पर है.  महात्मा गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय विमर्श का उद्घाटन करते हुए सीएम नितीश कुमार ने मंच से ही शराबबन्दी के बाद अभियान 2 दहेजबंदी के लिए अभियान चलने की बात कह दी।  उन्होंने कहा की 11 अप्रैल 1917 को ही गाँधी जी पटना आये थे. आज उनके नाम को हर कोई भुनाना चाहता है। बिहार की महिलाओ ने दहेजबंदी के लिए तथा बाल विवाह रोकने के लिए सुझाव दी है। इसलिए अब वक़्त आ गया है की नशा मुक्ति के साथ साथ बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान चलाया जाय।        हमने शुरू से न्याय के साथ विकास पर जोर

बिहार का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो उच्च शिक्षा सिर्फ 12 प्रतिशत

                बिहार का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो उच्च शिक्षा सिर्फ 12 प्रतिशत   onenews.co.in  राम बालक रॉय   ज्ञान की धरती व बुद्ध के  बिहार कमें  विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में प्रति छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रति वर्ष 22,878 रुपये खर्च करती है.  इसके   बावजूद  पटना आइआइटी को छोड़ कर बिहार का कोई भी शैक्षिक संस्थान देश व दुनिया  के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों में अपना जगह नहीं बना सका . बिहार में 10 विश्वविद्यालय समेत 250 से ज्यादा कॉलेज हैं, जहां सरकार शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन, पेंशन समेत विवि-कॉलेजों के रख-रखाव, जीर्णोद्धार के लिए  या यो कहे की उच्च शिक्षा के विकाश हेतु  हर साल 2834 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करती है. इसमें वेतन मद में सभी विवि में 1766 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. एक छात्र को पढ़ाने के लिए सरकार 22 हजार से ज्यादा राशि खर्च करती है जबकि 1068 करोड़ रुपये की राशि गैर वेतन व सहायता अनुदान में खर्च की जाती है. इन संस्थानों में वर्तमान में 12.39 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. इस आधार पर एक छात्र को पढ़ाने के लिए सरकार 22 हजार