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Showing posts from November, 2013
Satish Dhawan Born 25 September 1920 Srinagar ,  Jammu and Kashmir , India Died 3 January 2002 (aged 81) India Fields Mechanical  and  aerospace Engineering Institutions Indian Space Research Organization Indian Institute of Science California Institute of Technology National Aerospace laboratories Indian Academy of Sciences and Indian Space Commission Alma mater University of Punjab  ( Pakistan ) University of Minnesota California Institute of Technology Doctoral advisor Hans W. Liepmann Known for Indian space program Notable awards Padma Vibhushan Satish Dhawan  (25 September 1920 – 3 January 2002) was an Indian  aerospace engineer , widely regarded as father of experimental  fluid dynamics research in India. Born in  Srinagar , Dhawan was educated in India and further on in the United States. Dhawan was one of the most eminent researchers in the field of  turbulence  and  boundary layers , leading the successful and ingenious development of Indian sp
एंड्रयू वर्सडेल ने सिनेमा में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मजबूत सहयोग की उम्‍मीद जताई 44वें अंतरराष्‍ट्रीय भारतीय फिल्‍म महोत्‍सव, आईएफएफआई में पत्रकारों से वार्ता करते हुए दक्षिण अफ्रीकी निर्देशक, लेखक और पत्रकार एंड्रयू वर्सडेल ने विविधतापूर्ण फिल्‍मों के निर्माण के लिए भारतीय फिल्‍म जगत की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी फिल्‍म उद्योग अभी प्रगतिशील स्‍तर पर है और फिल्‍म निर्माण की कला में महत्‍वपूर्ण विशेषताओं को जोड़ने के लिए सिनेमा जगत में भारत और दक्षिण अफ्रीक के बीच मजबूत सहयोग इसमें व्‍यापक भूमिका निभा सकता है। फिल्‍म निर्माता के तौर पर एंड्रयू वर्सडेल कुछ छोटे वृत्‍तचित्रों के अलावा ‘शॉट डाउन’ नामक एक फीचर फिल्‍म का भी निर्माण कर चुके हैं, लेकिन यह फिल्‍म उनके देश में प्रतिबंधित है। आईएफएफआई में प्रदर्शित की जा रही अपनी फिल्‍म ‘डरबन पॉयज़न’ के बारे में बताते हुए उन्‍होंने कहा कि यह फिल्‍म वंचित तबके के बीच प्रेम संबंधों की सच्‍ची कहानी पर आधारित है और यह फिल्‍म ज़मीनी हकीकत से जुड़ी है। एंड्रयू वर्सडेल ने विभिन्‍न विधाओं, जातियों और संस्‍कृतियों की फिल्‍मों को
  शासन और लोक सेवाओं पर चौथा वार्षि‍क व्‍याख्‍यान केन्‍द्रीय कार्मि‍क, लोक शि‍कायत और पेंशन राज्‍यमंत्री श्री वी. नारायणसामी द्वारा आज दि‍ए गए चौथे व्‍याख्‍यान का सार नि‍म्‍न है- ‘महामहि‍म राष्‍ट्रपति‍ का इस समारोह में स्‍वागत करते हुए मैं बहुत गौरवान्‍वि‍त महसूस कर रहा हूँ। महामहि‍म को शासन और लोक सेवा के क्षेत्र में कई दशकों का अनुभव है। हम सब उनका व्‍याख्‍यान सुनने के लि‍ए उत्‍सुक हैं। राष्‍ट्रपति‍ जी ने 18 अक्‍तूबर, 2013 को मसूरी के लाल बहादुर शास्‍त्री राष्‍ट्रीय प्रशासनि‍क अकादमी(एलबीएसएनएए) में अच्‍छे शासन और लोक सेवा की आवश्‍यकता और महत्‍व पर वि‍स्‍तार से बात की थी और मुझे वह व्‍याख्‍यान सुनने का अवसर मि‍ला था। राष्‍ट्रपति‍ ने अपने भाषण में सरकारी कर्मचारि‍यों के लि‍ए राजनीति‍ से प्रेरि‍त पक्षपात नहीं करने की आवश्‍यकता पर जोर दि‍या था। उन्‍होंने सरकार के साझा लक्ष्‍यों को हासि‍ल करने को उच्‍च प्राथमि‍कता देने पर भी जोर दि‍या, जि‍न्‍हें लैंगि‍क समानता, शि‍क्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, ग्रामीण वि‍कास, समाज कल्‍याण आदि‍ कार्यक्रमों को दृढ़ता से लागू कर हासि‍ल कि‍या जा सकता हैं। कि‍सी भी
बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर की शांति पर सीरियल ब्लास्ट का कोई असर नहीं पड़ा है, उल्टे इसकी चमक -दमक बढ़ गयी है.  ब्लास्ट के लगभग पांच माह के अंदर इसके माथे पर स्वर्ण मुकुट लग गया है. गर्भगृह में समाधि की मुद्रा में बैठे महात्मा बुद्ध की प्रतिमा से निकलेवाले तेज को ऊपर गुंबद पर सोने की चमक ने और प्रभावकारी बना दिया है. विश्व धरोहरों में शामिल इस मंदिर के गुंबद पर कुल 290 किलो सोने की पत्र चढ़ाया गया है, जिसे थाइलैंड के बौद्ध श्रद्धालुओं ने दान में दिया है. भारतीय बाजार के अनुसार, इसकी कीमत 90 करोड़ से भी ज्यादा है. पिछले साल मिला था प्रस्ताव :  दान में मिले इस सोने को थाईलैंड से भारत लाने के लिए जरूरी प्रक्रिया करीब 17 महीने में पूरी हो सकी.  प्रस्ताव पिछले वर्ष जुलाई में ही मिला था, तब से इसकी फाइल बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी (बीटीएमसी), आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ), केंद्रीय वित्त मंत्रलय, संस्कृति मामलों का मंत्रलय और कई अन्य सरकारी महकमों में घूमती रही. आखिरकार दान हस्तांतरण की कागजी प्रक्रिया एक नवंबर को पूरी हुई और इसके साथ ही  थाईलैंड से सोने की खेप लाने के लिए ह

भ्रष्टाचार को पूरी दुनिया के लिए नया कैंसर

 भ्रष्टाचार को पूरी दुनिया के लिए नया कैंसर करार देते हुए तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने आज कहा कि राजनीति गंदी नहीं है, बल्कि राजनीति में नैतिक मूल्यों के पतन के कारण वह गंदी हो रही है और सभी पेशों में यह स्थिति है. दलाई लामा ने कहा, भ्रष्टाचार न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष नये कैंसर के रुप में उभर कर सामने आया है. यह हमारे भीतर और हमारी शिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों एवं सिद्धांतों की कमी और जागरुक ज्ञान के अभाव के कारण है.  इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के एक समारोह में उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति को गंदा मानते हैं लेकिन राजनीति गंदी नहीं है. राजनीति में नैतिक मूल्यों के पतन के कारण यह गंदी हो रही है. उन्होंने कहा, यह स्थिति सभी पेशों में है. अगर नैतिक मूल्य का पतन हो जाये तब किसी पेश में गिरावट आती है. तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु ने कहा,  समाज और व्यक्ति के उत्थान के लिए हमारी शिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों और मानवतावादी दृष्टीकोण को समाहित किये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और आज हम अपने जीवन में भौत

Chandrayaan-1 ISRO – India’s Moon Mission

Chandrayaan-1 ISRO – India’s Moon Mission   Chandrayaan-1 October 22nd, 2008 – India launches unmanned moon mission The Indian Space Research Organisation (ISRO) has launched its first moon mission a few hours ago, using a domestically produced rocket system. A Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV-XL-C11) lifted-off from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota on Wednesday morning at around 6.40 am. This satellite will be tooling about for two years, primarily modeling the surface of the moon. Large crowds had gathered at Sriharikota since early Wednesday morning to see this historic event. India has joined what’s shaping up as a 21st century space race with Chinese and Japanese crafts already in orbit around the moon. There are plans to put the first Indian into space by 2014 and to launch a manned lunar mission by 2020 which is four years ahead of China’s target date.

चंद्रमा पर जाने का अपना पहला अभियान शुरु करेगा चीन

 चीन अंतरिक्ष शक्ति बनने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत पहली बार चंद्रमा की सतह पर एक मानवरहित अंतरिक्ष यान उतारने का अपना अभियान अगले सप्ताह शुरु करेगा. अभियान के प्रक्षेपण मुख्यालय ने आज यहां बताया कि शीचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से सोमवार को देर रात डेढ बजे चांगे-3 चंद्रयान प्रक्षेपित किया जाएगा. चीन पहले ही अपने दो चंद्र अभियान भेज चुका है जो चंद्रमा की कक्षा में घूमते हैं. ऐसा पहली बार होगा जब चीन एक मानवरहित अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर भेजेगा जो वहां अनुसंधान करेगा. सरकारी संवाद समिति शिंहुआ ने अंतरिक्ष अधिकारियों के हवाले से बताया कि प्रक्षेपण स्थल पर सुविधाओं की स्थिति अच्छी है और प्रक्षेपण की तैयारियां अच्छी चल रही हैं.
बाल साहित्य के सजग सैनिक को शोकाकुल पाठक की भावभीनी श्रद्धांजलि! प्रसिद्ध बाल-कथा लेखक  हरिकृष्ण देवसरे  का निधन हो गया. वे  ' पराग '  के संपादक थे. ऐसा लगा जैसे हमारी बचपन की स्मृतियों का एक स्थायी कोना खाली हो गया हो. उनके अवदान को याद करते हुए लेखक  प्रचण्ड प्रवीर  ने बहुत अच्छा लेख लिखा है. इस लेख के साथ देवसरे जी को बिनम्र  श्रद्धांजलि-  ========================== आर. के. नारायण ने किसी साक्षात्कार में कहा था कि किसी अच्छे पाठक को लेखक से नहीं मिलना चाहिए। इसका कारण यह कि लेखक/ कवि का श्रेष्ठ अस्तित्व उसके कविता ,  कहानियों में पहले ही दिख चुका होता है. उसके बाद उनसे मिलना ,  नितांत निराशाजनक होता है।हालाँकि मुझे इन बातों का अभिमान है कि मैंने क्या और कितना कुछ पढ़ा है ,  क्योंकि पढ़ना और समझना कर्म है ,  पर लिखना कुछ हद तक प्राकृतिक गुण। इस अभिमान के कारण उन सभी लेखकों से एक अनकहा ,  अनजाना जुड़ाव है। मेरा मत है कि ऐसे जुड़ाव का प्रमाण मिलने की उत्कंठा में नहीं , विचार- आचरण और व्यव्हार के शुभ स्वरुप में होना चाहिए। ऐसे ही विचारों से मैंने कभी कन्हैयालाल नंद
कलाकार और बलात्कार आज वरिष्ठ पत्रकार  राजकिशोर  ने जनसत्ता में तरुण तेजपाल प्रकरण के बहाने लेख लिखा है. उनके तर्क गौर करने लायक हैं- =============================== तरुण तेजपाल को मैं कलाकार मानता हूँ  –  अभिधा और व्यंजना ,  दोनों स्तरों पर।  व्यंग्यार्थ को छोड़िए ,  क्योंकि इस अर्थ में बहुत-से लोग आ जाएँगे  –  सुनार से पाकेटमार तक। कलाकार ये सब भी हैं ,  लेकिन गलत काम करनेवाले। सही अर्थों में कलाकार वे हैं जो अपनी कला से समाज का भला करते हैं। जैसे प्रेमचंद ,  रवींद्रनाथ टैगोर ,  अमृता शेरगिल ,  रविशंकर और एमएफ हुसेन। कोई बढ़ई या दर्जी भी कलाकार हो सकता है। पत्रकारिता भी कला है और तरुण तेजपाल हमारे समय के उल्लेखनीय कलाकारों में एक हैं। और लोग खबर लिखते हैं ,  तरुण खबर पैदा करते हैं। उनके काटे हुए कई लोग आज भी बिलबिला रहे हैं।       फिर तरुण ने ऐसा क्यों किया ?     मुझे लगता है कि जिस केस की चर्चा हो रही है ,  वह यौन शोषण या उत्पीड़न के ग्लेशियर की सिर्फ ऊपरी परत है। भीतर कुरेदेंगे ,  तो   ‘ किस्से अरबों हैं ’ ।   काश ,  किसी अन्य खोजी पत्रकार    ने तरुण का स्टिंग
डॉ विजय संघवी अमेरिका के सिनसिनाटी में मेडिकल जगत  में जाने-पहचाने नाम हैं. उनके और उनकी पत्नी डॉ खुशमन संघवी के नाम पर सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में एक मेडिकल चेयर की स्थापना की गयी है, जिसके लिए दंपती ने करोड़ों रुपये का दान दिया है. इस पैसे से न केवल शोधकर्ताओं को शोध के लिए पैसे दिये जायेंगे, बल्कि कॉर्डियोलॉजी इमेजिंग तकनीक के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा.  भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर दंपती डॉ विजय संघवी और डॉ खुशमन संघवी ने अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में एक चेयर स्थापित करने के लिए 12 करोड़ 60 लाख रुपये (20 लाख डॉलर) का दान दिया है. विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ मेडिसिन में स्थापित होनेवाली इस चेयर को ‘डॉ विजय एंड खुशमन संघवी इनडोएड चेयर इन कार्डियक इमेजिंग’ या संघवी चेयर के नाम से जाना जायेगा. इसका मुख्य उद्देश्य कार्डियेक एडवांस्ड इमेजिंग प्रोग्राम को सपोर्ट करना है. डॉ संघवी भारतीय मूल के पहले अमेरिकी हैं, जिन्होंने सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में चेयर की स्थापना की है. कार्डियोलॉजी में फेलोशिप : संघवी चेयर विश्वविद्यालय के कार्डियोवैस्कुलर विभाग के किसी फैकल