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Showing posts from February, 2014
अनसन पर बैठे नियोजित शिक्षक  नियोजित शिक्षकों का अनशन शुरू   समस्तीपुर     बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले नियोजित शिक्षकों का अनिश्चितकालीन अनशन बीईपी कार्यालय परिसर में छह सूत्री मांगों के समर्थन  शनिवार कोसामूहिक अनसन  शुरू हुआ। आंदोलन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष रामचन्द्र राय ने किया। अनशन में जिले के लगभग एक हजार शिक्षक सम्मिलित हुए। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा नियोजित शिक्षकों के छह सूत्री मांगों पर पहल नहीं किए जाने से शिक्षकों का आक्रोश चरम पर था। बार बार आग्रह करने के बावजूद भी नियोजित शिक्षकों के वेतन विसंगति सहित अन्य मागों पर पदाधिकारियों द्वारा टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है। अनशन को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को उनकी सेवा के तीन वर्ष पश्चात प्रशिक्षित शिक्षकों के मामले में 500 रुपये एवं अप्रशिक्षित शिक्षकों को 300 रुपये वृद्धि का प्रावधान नई नियमावली में की गयी है। डीपीओ द्वारा जुलाई सेवा के छह वर्ष बाद वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाना हास्यास्पद है। डीपीओ द्वारा निर्गत पत्र पूरी तरह से मनगढ़ंत है। मांगों को पूरा नह

आम आदमी बनाम गरीब आदमी

राहुल राजेश की वैचारिक आलेख  आम बनाम गरीब आदमी  जब-जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ती हैं, तब-तब आम आदमी मीडिया के फोकस में आ जाता है. मीडिया के रिपोर्टर पेट्रोल-पंपों पर जाकर खड़े हो जाते हैं और पेट्रोल-डीजल लेने पहुँचे हरेक वाहनधारी से उनकी प्रतिक्रिया लेने लगते हैं. फिर चीख-चीखकर कहने लगते हैं- आप देख रहे हैं, पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने से आम आदमी को कितनी परेशानी हो रही है. ऐसा तब भी होता है जब साग-सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं. मीडिया के रिपोर्टर गृहणियों के रसोईघरों तक पहुँच जाते हैं और उनसे महँगाई के बारे में राय जानने लगते हैं. और फिर चीख-चीखकर बताने लगते हैं- आप देख रहे हैं, महँगाई की मार आम आदमी पर, उनकी थाली पर, उनके बजट पर किस तरह पड़ रही है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और बढ़ती महँगाई पर इस तरह से प्रतिक्रिया लेने के ऐसे उपक्रम प्राय: महानगरों तक सीमित रहते हैं. इनका ज्यादा से ज्यादा विस्तार राँची-पटना-रायपुर जैसे शहरों तक देखा जा सकता है. लेकिन गौर करने वाली बात यहाँ यह है कि जिन लोगों से ऐसी राय ली जाती है, वे अमूमन मध्यम-वर्गीय शहरी और सा

ab tak ke bharat ratna

1  Chakravarti Rajgopalachari 1878–1972 1954 Independence activist, last Governor-General Tamil Nadu 2. C. V. Raman 1888–1970 1954 Physicist Tamil Nadu 3. Sarvepalli Radhakrishnan 1888–1975 1954 Philosopher, second President Andhra Pradesh 4. Bhagwan Das 1869–1958 1955 Independence activist, author Uttar Pradesh 5. Mokshagundam Visvesvarayya 1861–1962 1955 Civil engineer, Diwan of Mysore Karnataka 6. Jawaharlal Nehru 1889–1964 1955 Independence activist, author, first Prime MinisterP Uttar Pradesh 7. Govind Ballabh Pant 1887–1961 1957 Independence activist, Chief Minister of Uttar Pradesh, Home Minister Uttar Pradesh 8. Dhondo Keshav Karve 1858–1962 1958 Educator, social reformer Maha- rashtra 9. Bidhan Chandra Roy 1882–1962 1961 Physician, Chief Minister of West Bengal West Bengal 10. Purushottam Das Tandon 1882–1962 1961 Independence activist, educator Uttar Pradesh 11. Rajendra Prasad 1884-1963 1962 Independence activist, jurist, first President Bihar 12. Zakir Huss
 भारतीय  रेलवे में करीब ढाई लाख पद रिक्त हैं जिनमें करीब डेढ लाख पद संरक्षा (सेफ्टी) श्रेणी से संबंधित हैं.रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि क्षेत्रीय रेलवे में कुल 251936 रिक्तियां हैं. इनमें 142311 रिक्तियां संरक्षा श्रेणी की हैं. रेलवे में एक अप्रैल 2013 को क्षेत्रीय रेलवे में कर्मचारियों की कुल क्षमता 12 लाख 27 हजार 318 थी.   चौधरी ने बताया कि रेलवे रिक्त पदों को भरने के काम को उच्च प्राथमिकता देती है  और वर्ष 2012 2013 में भर्ती बोडरे को समूह सी श्रेणी के 28467 पदों और समूह डी श्रेणी के 128463 पद आवंटित किये गये.
-मिशन मानव विकास की बैठक में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने का फैसला-   बिहार में तीन नये मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. अन्य कॉलेजों में सीट बढ़ायी जायेगी. मिशन मानव विकास की बैठक में उक्त निर्णय लिये गये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई.  बैठक के बाद योजना व विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने बताया कि फिलहाल मेडिकल कॉलेज कहां खुलेंगे.  यह तय नहीं है, लेकिन अगले तीन साल में तीन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो जायेगी. इसके अलावा राज्य में चल रहे मेडिकल कॉलेजों में 2017 तक सीट बढ़ायी जायेगी. फिलहाल मेडिकल कॉलेजों में एक हजार सीट है. इसे बढ़ा कर 1800 किया जायेगा. इसके अलावा नर्सिग स्कूलों में भी सीटों की संख्या बढ़ा कर 160 की जायेगी. सभी प्रखंड में एक स्टेडियम और सभी पंचायत में एक खेल का मैदान बनाये जाने का निर्णय लिया गया. मिशन मानव विकास की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की इस छठी बैठक में शिक्षा मंत्री पी के शाही, ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाहिद अली खान, विज्ञान प्रोवैधिकी मंत्री गौतम सिंह, मुख्य सचिव अशो

बिहार के समाज कल्याण मंत्री पद से परवीन अमानुल्लाह के इस्तीफा

नये समाज कल्याण मंत्री नीतीश मिश्रा   बिहार के समाज कल्याण मंत्री पद से परवीन अमानुल्लाह के इस्तीफा देने के बाद ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री नीतीश मिश्र को समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि बीती रात जारी एक अधिसूचना के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुझाव पर राज्यपाल डी वाई पाटिल ने ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री नीतीश मिश्र को समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. उल्लेखनीय है कि परवीन अमानुल्लाह का इस्तीफा मुख्यमंत्री द्वारा भेजे जाने पर राज्यपाल ने कल देर शाम स्वीकार कर लिया था. पूर्व राजनयिक और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सदस्य सैयद शाहबुद्दीन की पुत्री और वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अफजल अमानुल्लाह की पत्नी परवीन अमानुल्लाह ने यह कहकर दो दिन पूर्व समाज कल्याण मंत्री, विधायक और जदयू की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था कि उनके विभाग में जो पारदर्शिता छह महीने में लायी जा सकती थी, वह अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान नहीं ला सकीं.
भारत रत्‍न डॉ0 सी. एन. आर. राव (CNR Rao)  monday November 17, 2013 (04 फरवरी, 2014 को भारत के राष्‍ट्रपति डॉ. राव को 'भारत रत्‍न' से सम्‍मानित करते हुए) भारत के सी वी रमन और पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के बाद तीसरे वैज्ञानिक हैं, जिनके नाम के साथ यह सम्‍मान जुड़ रहा है। मशहूर रसायन विज्ञानी प्रोफेसर सीएनआर राव देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्‍मानित किए जाएंगे। सॉलिड स्टेट और मैटेरियल केमिस्ट्री के विशेषज्ञ प्रोफेसर राव जन्‍म एवं शिक्षा: डॉ0 चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव (Dr. Chintamani Nagesh Ramchandra Rao) अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनका जन्‍म 30 जून 1943 को बंगलुरू के एक कन्‍नड़ परिवार में हुआ था। उनकी बचपन से ही विज्ञान में गहरी रूचि थी। वे नोबेल पुरस्‍कार विजेता वैज्ञानिक सी वी रमन से बहुत प्रभावित थे। अपनी पढाई के दौरान उन्‍होंने अपने अध्‍यापक की मदद से रमन से मिलने में कामयाब हुए। वे उनकी प्रयोगशाला देखकर बहुत प्रभावित हुए और आगे चलकर विज्ञान के क्षेत्र में कुछ करके दिखाने की प्रेरणा प्राप्‍त की। राव ने 1951 में मैसूर विश्‍वविद्याल