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Showing posts from January, 2018

'तेजस' विमान की नींव रखने वाले दरभंगा के वर्मा को मिला पद्म श्री

बिहार वन न्यूज़ डेस्क।  बिहार के दरभंगा के  डॉ मानस बिहारी वर्मा को पद्म श्री अवॉर्ड देने की घोषणा से मिथिलांचलवासी फुले नहीं समां रहे   है। हाल में एयरफोर्स के बेड़े में शामिल 'तेजस' विमान की नींव रखने वाले वैज्ञानिकों में एक वैज्ञानिक डॉ मानस बिहारी वर्मा भी इसी गांव से हैं।ज्ञात हो कि समस्तीपुर पूसा स्थित डॉक्टर राजेंदर प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आना था। वही उनके खासे मित्र मानस बिहारी वर्मा से भी मिलने कार्यक्रम था। इस क्रम में उनका आदेश था की श्री वर्मा को जानकारी दी जाय की राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे कलाम साहब आपसे मिलना चाहते है। तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय दरभंगा में। .......खोजा गया।  तब जाकर दोनों की मुलाकात हुई। दोनों महापुरुषो की मुलाकात का नतीजा हुआ की मिथिलांचल की धरती दरभंगा में पहली वॉर 21 स्कूलों के बच्चे आमने सामने अपने राष्ट्रपति अंकल से प्रत्यक्ष बात किये। आजभीइस दिशा में ऑगस्ट फाउंडेशन कीओरसे कार्यकाल रहा है।      -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निकटतम सहयोगी रहे। -2005 में एलसीए के प्रोग्राम डायरेक्टर और एयरनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी क

अंतरराज्यीय बैंक लुटेरा गिरोह चढ़ा समस्तीपुर पुलिस के हत्थे

बिहार वन न्यूज़ लाइव डेस्क।  बैंक लुटेरा गिरोह समस्तीपुर में आकर यहाँ के कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा था। वही निगरानी से आये समस्तीपुर एसपी दीपक रंजन ने समस्तीपुर शहर के गोला रोड में हुए लूट को चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने इस घटनाक्रम पर पूरी एक टीम बनायीं। इतना हिनहि उन्होंने इसमें आखिरकार सफलता भी प्राप्त कर लिया। सभीलूटेरे पकड़े गए। समस्तीपुर एसपी दीपक रंजन के मुताबिक  लूट कांड में शामिल अपराधी कितने शातिर हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगता है कि यह गिरोह 1995 से ही पूरे देश के अलग अलग शहरों में करीब दो दर्जन बैंक लूट की घटना को अंजाम दे चुका है लेकिन पहली बार पुलिस गिरफ्त में आया है. गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के सामने जब इस बैंक लूट के साथ ही बैंक लूट की दूसरी वारदातों को अंजाम देने के तरीकों का खुलासा किया तो इसने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया. इस मामले में पुलिस ने जमशेदपुर, पटना और वैशाली में छापेमारी कर लूटी गयी रकम में से करीब 22 लाख रुपये, भारी मात्रा में हथियार, लूट में उपयोग की गयी 2 बाइक, मोबाइल लूट के समय पहने गए कपड़े के साथ अंतरप्रांतीय अपराधियों को गिरफ्ता
 15 अगस्त 1947को लोकतांत्रिक देश में  आजादी हासिल होने  के बाद देश में अब तक 26 मंत्रियों ने वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाला है। इस दौरान 82  बार बजट पेश किए गए, जिनमें से 65 साधारण सालाना बजट थे, 12 अंतरिम बजट थे और चार विशेष अवसर के बजट थे, जिसे छोटा बजट भी कहा जाता है। जाने अब तक के वित् मंत्री को। लियाकत अली खान   29 अक्टूबर 1946 से 14 अगस्त 1947 तक  आर के शंमुक्हम चेट्टी 15 अगस्त 1947 से 1949 तक जॉन मथाई 1949 से 1950 तक सी डी देखमुख 1950 से 1957 तक टी टी कृष्णमाचारी 1957 से 13 फरवरी 1958 तक जवाहर लाल नेहरू 13 फरवरी 1958 से 13 मार्च 1958 तक मोरारजी देसाई 13 मार्च 1958 से 29 अगस्त 1963 तक टी टी कृष्णमाचारी 29 अगस्त 1963 से साल 1965 तक सचिंद्रा चौधरी 1965 से 13 मार्च 1967 तक मोरारजी देसाई 13 मार्च 1967 से 16 जुलाई 1969 तक इंदिरा गांधी 1970 से 1971 तक यशवंतराव चव्हाण 1971 से 1975 तक चिदंबरम सुब्रह्मण्यम 1975 से 1977 तक हरिभाई एम पटेल 24 मार्च 1977 से 24 जनवरी 1979 तक चौधरी चरण सिंह 24 जनवरी 1979 से 28 जुलाई 1979 तक हेमवती नंदन बहुगुणा 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक आर वेंकटर

मानव सभ्यता के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा ख़तरा

                   वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इस 48वीं वार्षिक बैठक बिहार वन  न्यूज़/राम बालक राय  विश्व आर्थिक मंच (WEF) के स्विटजरलैंड के दावोस शहर में 48वें समिट में आज पीएम नरेंदर मोदी प्लेनरी सेशन को संबोधित किये । उन्होंने अपने संबोधन में  कहा कि वदावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इस 48वीं वार्षिक बैठक में शामिल होते हुए मुझे बेहद हर्ष की अनुभूति हो रही है  है। सबसे पहले मैं क्लॉजश्वाब को उनकी इस पहल पर और डब्लूईएफ को एक सशक्त और व्यापक मंच बनाने पर बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि आज गरीबी, अलगाववाद, बेरोजगारी हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है इस दरार को हमें दूर करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि मानव सभ्यता के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा ख़तरा है। मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है, कई द्वीप डूब गए हैं या फिर डूबने की कगार पर हैं. प्रकृति को बचना भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारत ने अपना बिजली उत्पादन 60 गीगावॉट तक पहुँचा दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि उनके विजन में एक महत्वकांक्षी एजेंडा है जिसका उद्देश्य है दुनिया के हालात सुधारन

मंदार पर्वत से सटे गुरुधाम आश्रम को ......

Bihar One News/Neha बिहार के बौंसी(बांका)योग क्रिया को लेकर  गुरुधाम आश्रम हमेशा चर्चाओं में रहा है। पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण मंदार पर्वत से सटे गुरुधाम आश्रम को योग प्रवर्तक भूपेन्द्र नाथ सान्याल ने बसाया था। मूल रूप से पश्चिम बंगाल के नदियामा जिले के निवासी योगाचार्य सान्याल बाबा ने 1927 में इस आश्रम की नींव रखी थी। आश्रम का निर्माण कार्य 1940 से प्रारंभ हुआ जो 1944 में बनकर तैयार हुआ। वे इस आश्रम में आने से पूर्व शांति निकेतन में गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर के समकालीन थे। इस आश्रम में क्रिया योग (ब्रह्म दीक्षा) शिष्यों को दी जाती थी, यह आज भी जारी है। उन्होंने क्रिया योग की दीक्षा अपने परमगुरुदेव योगीराज श्यामाचरण लाहिड़ी से प्राप्त किया था। विलुप्त हो गया योग योगाचार्य के शिष्यों के मुताबिक क्रिया योग पृथ्वी पर से भगवान श्रीकृष्ण के बाद विलुप्त हो गया था। उनके बाद परम गुरुदेव श्री श्यामाचरण लाहिड़ी ने ही इसे जन-जन तक पहुंचाया। इसलिए क्रिया योग की पुर्नस्थापना के लिए श्यामाचरण लाहिड़ी महाशय ने दीक्षा दान दी। सूक्ष्म रूप में आज भी विद्यमान है। गुरुधाम से जुडे़ उनके अनुयायी ड