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Showing posts from October, 2013

गुजरात पुलिस की बिहार पहुंची

गुजरात पुलिस की बिहार पहुंची  एक टीम ने हुंकार रैली के मद्देनजर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. गुजरात पुलिस की प्रारंभिक सुरक्षा समन्वय (एएसएल) टीम ने कार्यक्रम स्थल का भी मुआयना किया. साथ ही पुलिस महानिदेशक अभयानंद अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय रवींद्र कुमार एवं अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था एसके भारद्वाज से मुलाकात की. गुजरात पुलिस के अधिकारियों में अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हैं. गुजरात पुलिस के एडीजी प्रवीण सिन्हा व डीआइजी अविनाश कुमार झा भी बिहार पहुंच चुके हैं. एनएसजी की टीम भी पहुंचेगी बिहार:  पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर एनएसजी की टीम भी बिहार पहुंचेगी. मोदी का जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है. ऐसे में बिहार पुलिस के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भी व्यवस्था को लेकर कार्रवाई शुरू की जा चुकी है. गुजरात पुलिस के अधिकारियों द्वारा इसमें समन्वय किया जा रहा है. विधि व्यवस्था बनाये रखने की पूरी जिम्मेवारी बिहार पुलिस द्वारा निभायी ज
 बम धमाकों के बाद भी पटना में मोदी की रैली शुरू हुई. नरेंद्र  मोदी ने बिहार की जनता को  भोजपुरी भाषा में संबोधित किया. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने 40 मिनट के अपने भाषण में भोजपुरी, मैथिली और मगही का भी उपयोग किया जो राज्य की तीन प्रमुख बोलियां हैं. मोदी के संबोधन से पहले पटना में कई विस्फोट हुए जिसमें से पांच रैली स्थल के पास हुए. इसमें पांच व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए. मोदी भारत को प्रभावी नेतृत्व नहीं दे सकते: न्यूयॉर्क टाइम्स मोदी ने अपने भाषण में विस्फोट का जिक्र नहीं किया लेकिन लोगों से सुरक्षित घर जाने की अपील की.  बिहार के मुख्यमंत्री पर चुटकी लेते हुए मोदी ने एक घटना का जिक्र किया, जब वह उनके साथ दिल्ली में प्रधानमंत्री के समेत टेबल पर बैठे थे और नीतीश खाना नहीं खा रहे थे, असहज थे और इधर उधर देख रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं माजरा समझ गया और उनसे (नीतीश) कहा कि यहां कोई कैमरा नहीं है, आप खाना खा सकते हैं. यह पाखंड की हद है.’’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह सम्प्रदायिकता के नाम पर लोगों को भ्रमित कर र
 बिहार में  प्रगतिशील लेखक संघ की गतिविधि  - सिद्ध सरहपा से आधुनिक युवा कवियों तक कोसी अंचल की काव्य परम्परा में निरंतरता रही है । - गौरवमयी रही है कोसी अंचल की साहित्यिक गरिमा, इतिहास कभी विराम नहीं लेता- शलभ   प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय क्षितिज पर कोसी अंचल की युवा हिन्दी कविता’ विषयक परिचर्चा का शुभारंभ साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के उपसंपादक देवन्द्र कुमार देवेश तथा अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने की। अयोजन के मुख्य अतिथि सुपौल से पधारे कवि अरविन्द ठाकुर थे। स्वगताध्यक्ष वंदन कुमार वर्मा एवं परिचर्चा सत्र का संचालन अरविन्द श्रीवास्तव व कवि सम्मेलन सत्र का रामचैतन्य धीरज ने किया। श्री देवेश ने अपने वक्तव्य में कोसी अंचल की साहित्यिक विरासत को हिन्दी के प्रथम कवि सिद्ध सरहपा से जोड़ते एवं उसकी विकास यात्रा को स्पष्ट करते हुए प्रमुख कवियों और उनकी कविता प्रवृत्तियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि वर्तमान समय में लगभग पांच दर्जन युवा कवि विभिन्न स्तरों पर सक्रिय हैं। उन्होंने दर्जन भर कवियों के विभ

दरभंगा में राजद-भाजपा-जद यू. में होगा महासंग्राम

विकास कुमार दरभंगा में राजद-भाजपा-जद यू. में होगा महासंग्राम प्रस्तावित मिथिला राज्य की घोषित राजधानी दरभंगा होने के कारण मिथिलांचल का दरभंगा लोस क्षेत्र बिहार की राजनीति में एक विशिष्ट स्थान रखता है। दरभंगा लोस का प्रतिनिधित्व बड़े-बड़े नामचीन एवं कद्दावर नेताओं ने किया है जिसमें सत्यनारायण सिन्हा (1967), बिनोदानंद झा (1971), ललित नारायण मिश्र (1971), आचार्य सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ (1977), हरिनाथ मिश्र (1980), विजय कुमार मिश्र (1984), सकीलुर रहमान (1989), अली अशरफ फातमी (1996, 1998 एवं 2004) एवं निवत्र्तमान सांसद कीर्ति झा आजाद (1999 एवं 2009) शामिल हैं। इनमें से राष्ट्रीय जनता दल के अली अशरफ फातमी को अब तक सबसे अधिक तीन बार यहां का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। वत्र्तमान सांसद भाजपा के कीर्ति झा आजाद भी दो बार यहां से जीत का स्वाद चख चुके हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत गौड़ा बौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा, दरभंगा ग्रामीण एवं बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र आते हैं। बागमती नदी के किनारे बसा दरभंगा एक जिला एवं प्रमंडल मुख्यालय है। दरभंगा प्रमंडल के अंतर्गत तीन जिले दरभंगा, म

चीन के प्रधानमंत्री के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता

चीन के प्रधानमंत्री के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री का मीडिया के लिए वक्‍तव्‍य चीन के प्रधानमंत्री के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की ओर से मीडिया के लिए जारी वक्‍तव्‍य का मूलपाठ निम्‍नलिखित है:- ''प्रधानमंत्री ली के आमंत्रण पर एक बार फिर पेइचिंग आकर मुझे प्रसन्‍नता हो रही है। चीन सरकार और चीन की जनता के गर्मजोशी भरे स्‍वागत और उदार मेजबानी ने मेरे दिल को छू लिया है। मैंने प्रधानमंत्री ली को याद दिलाया कि पदभार ग्रहण करने के बाद पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुनने के उनके फैसले की भारत ने कितनी सराहना की थी। इस साल, बहुपक्षीय बैठकों के दौरान मुझे राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली के साथ मुलाकात के कई अवसर मिले और मुझे खुशी है कि इस यात्रा के दौरान मुझे उनसे मुलाकात करने का एक बार फिर अवसर मिला है। प्रधानमंत्री ली और मेरे बीच अभी-अभी बहुत उपयोगी बातचीत हुई है और हम दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण सहमतियां बनी हैं। पहला, हमारे बीच इस बात को लेकर सहमति है कि भारत और चीन की ढ़ाई अरब जनता की समृद्धि और प्रग

उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला

 उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ सीबीआइ ने 2005 में कोल ब्लॉकों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मंगलवार को आपराधिक साजिश व भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किये. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआइ की टीमों ने मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और भुवनेश्वर में करीब छह जगहों पर सर्च अभियान चलाया. इनमें हैदराबाद और सिकंदराबाद में हिंडालको के दफ्तर और पारेख के आवास शामिल हैं. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक ओडि़शा में 10 नवंबर, 2005 को आवंटित किये गये तालाबीरा के दो कोयला ब्लॉकों को लेकर आदित्य बिड़ला समूह और समूह की कंपनी हिंडालको के प्रप्रतिनिधि के तौर पर कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ मामला दर्ज किया. आवंटन के समय पारेख कोयला सचिव थे. उन पर भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के साथ ही आपराधिक षड्यंत्र और अन्य अपराधों के आरोप हैं. 22 को दाखिल करनी है रिपोर्ट : सीबीआइ को हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट में अप्रिय सवालों का सामना करना पड़ा है. कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया था कि वह इस साल दिसंबर तक उन तमाम कंपनियों के खिलाफ जांच पूरी कर ले जिन्हें कोयला ब्लॉक आवंटित किये गये हैं.
जान-माल की रक्षा के उपाय करने पर जोर दिया गया 10 अक्तूबर को मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को संभावित तूफान से निबटने व सतर्कता बरतने का निर्देश दिया था. पेडों व कमजोर छत के नीचे कमजोर वर्ग के लोगों को नहीं रहने के लिए सचेत करने के निर्देश दिये थे. 14 अक्तूबर को दशहरे के दिन भी मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों के साथ सभी डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और निरंतर चौकसी करने व जानमाल की रक्षा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये. तूफान आने के पहले मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में आपदा प्रबंधन विभाग और मुख्य सचिव के स्तर पर बैठकेंकी गयीं और चौकसी व जान-माल की रक्षा के उपाय करने पर जोर दिया गया. पूर्णिया में टूट कर गिरे केले के पौधे तेज हवा, बारिश और बाढ़ ने लगभग 400 करोड़ रुपये के केले के पौधों को नुकसान पहुंचा दिया. छठ पर्व में केला बेच कर लाभ कमाने की उम्मीद कर रहे किसानों को जबरदस्त आर्थिक क्षति हो गयी. छठव्रतियों को केले की अधिक कीमत चुकानी तय है. इतना ही नहीं, बचे गये केले के पौधों को विल्ट बीमारी का खतरा उत्पत्र हो गया है. कई राज्यों में भेजा जाता है : प्रति हेक्टेयर केले
gaya kesp bachhu singh meena ko award dete hue cm nitish kumar
maa tufan se bachao
मुख्यमंत्री ने विडियो काफ्रेसिंग के जरिये जिलाधिकारियों को दिये निर्देश  :  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि फैलिन चक्रवात से उत्पन्न स्थिति और पड़ने वाले प्रभावों पर निरंतर चैकसी रखें तथा जान-माल की सुरक्षा और राहत के लिए प्रभावी कदम उठाएँ। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के साथ-साथ फैलिन चक्रवात के कारण हो रही वर्षा और इससे उत्पन्न स्थिति से भी निपटने की चुनौती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देश और स्टैण्ड्रड आॅपरेटिंग प्रोसिज्योर का पालन करते हुये वे अपनी क्षमता, बुद्धिमत्ता और धैर्य की बदौलत इस चुनौती का सफलता पूर्वक सामना करेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विगत सितम्बर माह में भी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा ‘‘हैवक रेन‘‘ की चेतावनी के मद्देनजर जिलास्तर पर पूरी तैयारी की गई थी और और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी व्यापक दिशा निर्देश दिये थे। फैलिन चक्रवात के कारण अभी हो रही वर्षा से खेतों में नमी आयेगी और भू-जल
Quick medical team of the Indian Army arrived in Orissa Filin IAF's 37-member medical team quickly after the storm disaster medical Jorhat, Assam, Orissa had to deal with.  A surgeon, an anesthetist (anesthetist) and a female medical officer.  इस दल के साथ दो नर्सिंग अधिकारी तथा अन्‍य पारामेडिकल कर्मी हैं।  दल का नेतृत्‍व कर रही डॉक्‍टर स्‍केवर्डन लीडर लवनीत कौर ने कहा कि हमने हर स्थिति से निपटने की तैयारी की है।  शल्‍य चिकित्‍सा विशेषज्ञ विंग कमांडर एस वी कुलकर्णी ने बताया कि हमारी टीम ने 30 patients, treating the injured, most of them were children and women.  IAF in 1999 to deal with the disaster Bangalore, Jorhat and quick medical team was formed in Hindon. The team from Berhampur, Orissa is now gone. cradit pib
Cabinet gives major fillip to the Battle against Child Labour Save the Children welcomes much awaited Cabinet approval to the ban against all forms of child labour below the age of 14 years. Save the Children whole heartedly welcomes the government’s decision to ban all forms of child labour below the age of 14 . Save the Children has been actively campaigning for a total ban against all forms of child labour for children up to the age of 14, in order to both protect children from the hazards of work, as well as ensure all children of India get an elementary schooling as enshrined in the Constitution of India. It is a historic decision in the right direction and gives child rights groups a lot of encouragement in their efforts to make India a child-labour free country. The amendment is also in line with the International Labour Organization (ILO)'s convention on child labour that seeks to provide minimum age of employment and says that no children below the age of 14 sh
cradit by prabhat khabar अरुंधती भट्टाचार्य सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चेयरमैन बनीं. अरुंधती भट्टाचार्य सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चेयरमैन बनीं. देश के इस सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक के 207 साल के इतिहास की पहली बार कोई महिला इसका नेतृत्व महिल रही है. 57 साल की भट्टाचार्य अभी तक इसी बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी थीं. सेवानिवृत्ति में बचे समय के लिहाज से वह चेयरमैन पद की दौड़ में सबसे आगे थीं. एसबीआइ ने आज शाम एक बयान में कहा कि भट्टाचार्य ने आज से अध्यक्ष का पद संभाल लिया है. पिछले चेयरमैन प्रतीप चौधरी 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गये थे. एसबीआइ में अध्यक्ष और चार प्रबंध निदेशक हैं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पद संयुक्त होता है. भट्टाचार्य की प्रोत्रति से प्रबंध निदेशक का एक पद खाली हो गया है. बैंक में दर्जन भर उपप्रबंध निदेशक और करीब 35 मुख्य महाप्रबंधक हैं.  अरुंधती भट्टाचार्य 1977 में एसबीआइ में प्रोबेशनरी आफिसर के रूप में जुड़ी थीं और अपनी 36 साल की सेवा में दौरान खुदरा बैंकिंग, ट्रेजरी और कॉरप