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मुख्यमंत्री ने विडियो काफ्रेसिंग के जरिये जिलाधिकारियों को दिये निर्देश  : 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि फैलिन चक्रवात से उत्पन्न स्थिति और पड़ने वाले प्रभावों पर निरंतर चैकसी रखें तथा जान-माल की सुरक्षा और राहत के लिए प्रभावी कदम उठाएँ। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के साथ-साथ फैलिन चक्रवात के कारण हो रही वर्षा और इससे उत्पन्न स्थिति से भी निपटने की चुनौती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देश और स्टैण्ड्रड आॅपरेटिंग प्रोसिज्योर का पालन करते हुये वे अपनी क्षमता, बुद्धिमत्ता और धैर्य की बदौलत इस चुनौती का सफलता पूर्वक सामना करेंगे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विगत सितम्बर माह में भी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा ‘‘हैवक रेन‘‘ की चेतावनी के मद्देनजर जिलास्तर पर पूरी तैयारी की गई थी और और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी व्यापक दिशा निर्देश दिये थे। फैलिन चक्रवात के कारण अभी हो रही वर्षा से खेतों में नमी आयेगी और भू-जल स्तर भी बढ़ेगा। लेकिन उत्तर बिहार की नदियों में पानी का जल-स्तर बढ़ सकता है। गंडक और कोसी का जल-स्तर अभी तो नीचे है, अधवारा समूह की नदियों में गहराई कम होने कारण पानी का फैलाव हो सकता है। भारी वर्षा से उत्पन्न खतरों का अनुमान कर पूरी चैकसी और सजगता बरती जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि वर्षा के कारण कच्चे मकान गिरते हंै तो ऐसी स्थिति में ऐसे मकानों की सूची तैयार की जाये और लोगों को अनुमान्य सहायता दी जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फैलिन चक्रवात के कारण बिजली के खंभे और तार गिरने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर ग्रिड से कम बिजली ही फिडर ले रहे है और ऐसी स्थिति कुछ दिन और रह सकती है। प्राकृतिक आपदा टल जाने के बाद बिजली आपूर्ति स्वतः सामान्य हो जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को यह विश्वास दिलाना है कि यदि आपदा की ऐसी स्थिति आती है, तो राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और मुस्तैद है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि इतनी तैयारी सुनिश्चित करे कि आसन्न प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को कम से कम तकलीफ हो, और जो भी तकलीफ हो उसे तत्काल दूर करने का हर संभव प्रयास पूरी तत्परता से किया जाये। इसके लिए पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ने जिलाधिकारियों को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त हो रहे पूर्वानुमान को समय-समय पर बताया है तथा टेलीविजन और इंटरनेट पर भी उन्हें जो सूचनायें उपलब्ध हो रही है, उन पर नजर रखते हुये आवश्यक कदम तत्परतापूर्वक उठाये जाये।
विडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिये प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री ब्यास जी ने एक संक्षिप्त प्रेजेन्टेशन के जरिये भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा किये गये पूर्वानुमान की जानकारी देते हुये बताया कि बिहार में अगले 48 घंटों तक 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवायें चलेगी और फैलिन चक्रवात नेपाल में रहेगा इसके कारण नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र और बिहार के मैदानी इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है जिसके कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि और मैदानी इलाकों में पानी का फैलाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में पूरी स्थिति की समीक्षा की गई है। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी( स्टैण्ड्रड आॅपरेटिंग प्रोसिज्योर ) का पालन करने, वल्नरेबल क्षेत्र की पहचान करने, सुरक्षित स्थलों की पहचान करने, नावों की व्यवस्था करने, तटबंधों की पेट्रोलिंग बढ़ाये जाने और बाढ़ सुरक्षा सामाग्रियों के साथ अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति, कम्युनिकेशन प्लान को अद्यतन करने, जरूरी दवाओं के साथ मोबाइल मेडिकल टीम तैयार रखने और जिला नियंत्रण कक्षों के प्रभावी संचालन का निर्देश जिलाधिकारियों को देते हुये बताया कि विभागीय प्रधान सचिव/सचिव स्तर पर भी फिल्ड फाॅरमेशन तैयार कर आवश्यक निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने कहा कि सुपौल, सीतामढ़ी, दरभंगा, गोपालगंज और बिहटा में एनडीआरएफ की टीम तैयार है। भागलपुर, बेगूसरा, जहानाबाद, भोजपुर, गोपालगंज और बिहटा में एसडीआरएफ की भी टीम को तैयार रखा गया है।
विडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिये जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुये मुख्य सचिव श्री एके सिन्हा ने कहा कि वर्षा के कारण जलजमाव से उत्पन्न स्थिति और नेपाल में होने वाली वर्षा के कारण नदियों के जल-स्तर में वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तैयारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिन नदियों पर तटबंध नहीं है, वहाॅ पानी का फैलाव हो सकता है और जिन नदियों पर तटबंध है उन तटबंधों पर पानी के दबाव में वृद्धि का खतरा है। इसके साथ ही दुर्गा पूजा के बाद शांतिपूर्वक मूर्ति विसर्जन करा लेने का भी दायित्व है। उन्होंने जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्र में पूरी चैकसी बरते तथा आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी स्टैण्ड्रड आॅपरेटिंग प्रोसिज्योर का समुचित पालन सुनिश्चिित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि दुर्गा पूजा के अवसर पर जिन पूजा समितियों ने लाइसेंस नहीं लिया हो, उनके द्वारा भी मूर्ति विसर्जन करा लिया जाये किन्तु पूजा के बाद उन्हें चिन्हित कर उनके विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जाये।
विडियो काॅन्फ्रेसिंग में मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त ए0के0 चैहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव स्वास्थ्य दीपक कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ब्यास जी, प्रधान सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग शिशिर सिन्हा, प्रबंध निदेशक राज्य खाद्य निगम डाॅ0 दीपक प्रसाद, सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय तथा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ब्रजेश मेहरोत्रा, सचिव नगर विकास विभाग डाॅ एस0 सिद्धार्थ, सचिव पथ निर्माण विभाग प्रत्यय अमृत, सचिव भवन निर्माण विभाग चचंल कुमार, सचिव ग्रामीण कार्य विभाग बी0 राजेन्द्र, निदेशक कृषि एम0 सरवणन, निगम आयुक्त पटना नगर निगम कुलदीप नारायण, प्रबंध निदेशक साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड संजय अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष पदाधिकारी गोपाल प्रसाद सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे। cradit by keshaw kumar editor ubnews.com

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