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मोदी के मंच से गायब हुए कई पुराने दिग्गज


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narendar modi  garajte hue
मोदी के मंच से गायब हुए कई पुराने दिग्गज 
 मुकेश 

 बिहार ओहे भूमि हई जहां सूर्य के देव के रूप में पूजा होव हइ. सूर्योदय के पूजा होव हइ, सूर्यास्त के पूजा होव हइ. बिहार के लोग अवसरवादी न होखेला, कुछ अपवाद के छोड़ के. भारत माता की जय. भाजपा की यह महारैली नहीं है. यह तो भारत की महाशक्ति का अनुष्ठान है. वीर कुंवर सिंह के धरती के प्रणाम. देश में कउनो परिवर्तन बिहार के माटी के बिना संभव नइखे. भारत के जो स्वर्णिम इतिहास बा उ पूरा के पूरा बिहार से बा. चाहे नंद वंश के काल होखे, मौर्य वंश के काल होखे या गुप्त वंश के काल.
बिहार ओहे भूमि हई जहां सूर्य के देव के रूप में पूजा होव हइ. सूर्योदय के पूजा होव हइ, सूर्यास्त के पूजा होव हइ. बिहार के लोग अवसरवादी न होखेला, कुछ अपवाद के छोड़ के. मैं जानता हूं आप क्या सुनना चाहते हैं. बिहार क समस्या कर जड़ सीमांचल छइ.पूरा मिथिलांचल बाढ़ से त्रस्त रहइ छइ, कुसहा कर समस्या कर समाधान हो जइतइ त बिहार खुशहाल भ-जैतइ.
भाइयों और बहनों, अगर रामायण काल की याद करें, तो माता सीता की याद आती है. महाभारत काल की याद करें, तो कर्ण की याद आती है. गुप्तकाल में चंद्रगुप्त की राजनीति प्रेरणा देती है. वैशाली का गणतंत्र भी याद आता है. आज राजा अशोक के बाद कोई सम्राट नजर नहीं आता. पाटलिपुत्र में पटना की गली-गली याद आती है. नालंदा की बात करें, तो विक्रमशिला और..की याद आती है.
भाइयों और बहनों, देश की आजादी के दो पड़ाव हुए. पहला गांधी का चंपारण सत्याग्रह और दूसरा गुजरात में डांडी यात्रा.
ये हुंकार हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की है, जो बिहार से उठा है. ये सीता माता की भूमि है और मैं जब स्मरण करता हूं- जब माता सीता का अपहरण हुआ था, तो सारे वानर उन्हें खोजने चले थे. उनको कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. कहां जाये, कैसे जाये, कैसे खोजे. सभी अधर में थे. तभी जामवंत की नजर हनुमान पर गयी. जामवंत ने हुनमान से उनके पूर्वजों की शक्ति का एहसास कराया और कहा- पवन तनय बल पवन समाना, का चुप साधि रहेहु बलवाना. ये हुंकार रैली भी यही मंत्र है. देश हुंकार करना चाहता है. देश को प्रेरणा देने का काम बिहार की धरती से हो रहा है.
बिहार की विशेषता है कि जब-जब देश को इसकी जरूरत पड़ी, बिहार ने दिया है. गौतम बुद्ध की जरूरत थी, तो बुद्ध ने दिया, महावीर की जरूरत थी, तो महावीर ने दिया, गुरु गोविंद सिंह की जरूरत थी, तो गुरु गोविंद सिंह को दिया. जब देश भ्रष्टाचार में डूब रहा था, तब यही बिहार है, जिसने जय प्रकाश नारायण को दिया था. भाइयों और बहनों मैं भाग्यशाली नहीं हूं, जिसे जेपी की उंगली पकड़ने का मौका मिला, लेकिन मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे उनकी चरणों में अंगूठे के पास बैठ कर सीखने वालों के साथ काम करने और सीखने को मिला है.
यहां पर हमारे मित्र मुख्यमंत्री हैं (नीतीश का नाम लिये बिना). यहां के सीएम हमारे मित्र हैं. मेरे जाननेवालों ने मुझसे पूछा आपके मित्र ने आपको क्यों छोड़ दिया? मैंने कहा कि जो जेपी को छोड़ सकता है, वो बीजेपी को क्यों नहीं छोड़ सकता. भाइयों और बहनों राम मनोहर लोहिया ने देश को कांग्रेस से छुड़ाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. अपना जीवन दे दिया, लेकिन उनके चेलों ने क्या किया, उनकी पीठ पर खंजर घोपा है. जयप्रकाश और लोहिया की आत्मा उन्हें कभी माफ नहीं करेगी. 2006-07 की घटना है. हमारे मित्र मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) गुजरात आये थे. कथा सुनोगे ? ( कार्यकर्ताओं की आवाज आयी- सुनेंगे), तो चलो ठीक है.. हमारे मित्र मुख्यमंत्री शादी समारोह में आये, हम भी गये थे. एक टेबल पर खाना आया. उन्हें इतना खिलाया-ढोकला खिलाया, गुजराती दाल और गुजराती कढ़ी खिलायी, कई तरह की मिठाइयां खिलायी. पेट और मन उनका दोनों भर गया. मेहमान नवाजी करना हमारे देश की परंपरा है भई.
सार्वजनिक जीवन के चरित्र होते हैं. लालू प्रसाद मुझे गाली देने का कोई मौका नहीं छोड़ते. कहते थे मोदी को पीएम बनने नहीं दूंगा. लालू जी की अकस्मात तबीयत बिगड़ी. मैंने लालू जी को फोन किया. उनका हाल-चाल पूछा. मैंने मीडिया को कुछ नहीं बताया, मैंने सोचा पर्सनल बात है. इसको मीडिया को क्या बतायी जाये. पर लालू जी ने मीडिया को बुलाया. मीडिया से उन्होंने कहा कि मैं जिसको गाली देता हूं, देखो वो मुझे फोन करता है. लालू जी यदुवंश के राजा कृष्ण द्वारिका में ही बसे थे. आपको कुछ हो जाये, तो हमारी चिंता स्वाभाविक है. मैं द्वारिका से आशीर्वाद लेकर आया हूं. अब आपकी (यदुवंशी समाज) चिंता करने का जिम्मा लेता हूं. कृष्ण के काम को हम सब मिल कर करेंगे.
भाइयों और बहनों, साल में एक-दो बार मुख्यमंत्रियों की बैठक प्रधानमंत्री करते हैं. लंच भी होता है. पांच-छह मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के साथ एक ही टेबल पर बैठे थे. खाने की प्लेट लगी थी. भोजन परोसा जा रहा था, लेकिन मेरे मित्र मुख्यमंत्री खाना छोड़ इधर-उधर देख रहे थे. मैं कभी प्रधानमंत्री को देख रहा था, तो कभी अपने मित्र मुख्यमंत्री को. मुझसे रहा नहीं गया, मैंने कहा- कोई कैमरे वाला नहीं है, खा लो. हिपोक्रेसी की भी सीमा होती है. बिहार की जनता यह न भूले. भाजपा के वसूल को समझें.
भाइयों और बहनों, जिस समय बिहार में जंगलराज से मुक्ति का अवसर आया भाजपा के विधायक जदयू से अधिक थे. भाजपा के सुशील कुमार मोदी मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन बीजेपी के लिए दल से बड़ा देश होता है. पार्टी ने अधिकार की बली चढ़ा दी. हफ्ते भर में सरकार गिर गयी थी. उसके बाद गंठबंधन की सरकार बनी. अर्थशास्त्री व राजनीतिक पंडितों को मैं आह्वान करता हूं कि जब तक सरकार चली. भाजपा के मंत्रियों ने ही विकास किया, अच्छा काम किया. एक बार सवाल आया कि बिहार में फिर दो-दो चुनाव हुए, मोदी को चुनाव प्रचार के लिए लाया जाये या नहीं. हर नेता का प्यार था कि वे बिहार लाने के लिए आग्रह कर रहे थे. सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर जी ने फोन किया, कैलाशपति मिश्र ने आग्रह किया, गिरिराज सिंह का अनुरोध और अश्विनी चौबे का आदेश भी आया. गंठबंधन जाने का भी खतरा था. मैंने कहा- हमें ले जाने का आग्रह न करें. बस जंगल राज दोबारा नहीं आना चाहिए.
नरेंद्र मोदी बिहार में न जाये कोई बात नहीं, लेकिन जंगल राज नहीं आना चाहिए. इसलिए हमने अपमान सहना पसंद किया. पर हमारे मित्र मुख्यमंत्री का इरादा नेक नहीं था. उनके चेलों ने उन्हें सलाह दी कि कांग्रेस से जुड़ जाओ. प्रधानमंत्री बनने का अवसर है. वे ख्वाब देखने लगे. यह भाजपा के साथ विश्वासघात नहीं है, यह विश्वासघात बिहार की कोटी-कोटी से है. विश्वासघात आपके साथ किया है. विश्वासघात करने वालों को सजा देनी है, उखाड़ना है. उन्हें साफ करना है.
बहनों और भाइयों गांधीजी ने चंपारण में अंगरेज मुक्त भारत की बात कही थी. उसी तरह पटना के इस गांधी मैदान से हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे. ऐसा हम यहां से संकल्प लें. कल टीवी देख रहा था. कांग्रेस के मित्र परेशान हैं. नींद नहीं आ रही है. बेचैन हैं. कह रहे हैं मोदी शाहजादा क्यों कह रहा है. अगर उन्हें मेरे शाहजादा कहने पर ऐतराज है, तो हमें शाहजादा कहने की नौबत क्यों आयी. अगर आपको बुरा लगता है, तो आप वंशवाद, परिवारवाद छोड़ें. हम शाहजादा कहना छोड़ देंगे.  जयप्रकाश नारायण लोकतंत्र के लिए जीये, जूझते रहे, जेल में भी रहने को तैयार हो गये.
लोकतंत्र के चार दुश्मन हैं. पहला परिवारवाद-वंशवाद, दूसरा जातिवाद का जहर, तीसरा संप्रदायवाद और चौथा अवसरवाद यानी मौकापरस्ती. देश को दुर्भाग्य है कि बिहार की राजनीति में सभी चीजें उभर कर आ गयी हैं. चारों चीजें यूपीए के राज में उभरी है. भारत सरकार के दस साल पूरा होने को है. शुरू में ही यूपीए ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया. घोषणा हुई कि 100 दिन में महंगाई कम कर देंगे. महंगाई कम नहीं हुई. महंगाई और बढ़ी. अब उनको घर भेजने की तैयारी है. अब यूपीए को उखाड़ फेंकने की बारी है.
मैं यूपीए को आह्वान करता हूं कि 2004 व 2009 में सरकार बनायी. देश की भलाई की बात कही, लेकिन 100 दिन के काम करने की घोषणा में 80 फीसदी भी काम नहीं किये गये. क्या देश की जनता उसे माफ करेगी? गंगा की सफाई की बात कही थी. साफ नहीं हुआ. बीमारियों का घर गंगा का तट बन चुका है. रोजगार देने का वादा किया था. क्या रोजगार मिला? गरीबी बड़ी समस्या है. महंगाई के कारण चूल्हा नहीं जलता है. बच्चे रोते-रोते सोते हैं. मां आंसू पिला कर सुलाती हैं. किसान भी महंगाई से मर रहे हैं. किसान को खाद नहीं मिल रहा है और बरौनी कारखाना में ताला लटका हुआ है. देश का नुकसान हो रहा है, पर सरकार को इसकी परवाह नहीं है.
केंद्र सरकार की ओर से 20 सूत्री कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसे लागू करने वाले पहले पांच राज्यों में भाजपा शासित राज्य हैं. गरीबों की बात करने वाले मेरे मित्र का राज्य बिहार का नंबर 20वें पायदान पर है. गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं. योजना आयोग 26 रुपये रोज कमाने वालों को गरीब नहीं मानती है. 26 रुपये में तो एक परिवार के लिए चाय भी नहीं मिलती है. कांग्रेस के एक नेता तो 12 रुपये में ही खाना की बात करने लगे. गरीबी क्या है. उन लोगों को पता नहीं है. हमने गरीबी देखी है. गरीब घर में पैदा हुए हैं. बचपन गरीबी में ही बीती. बिहार ने ढेर सारे रेल मंत्री दिये. मैं तो रेल मंत्री का सपना नहीं देखता हूं. मैं रेल डिब्बे में चाय बेचा करता था. कितनी मुसीबत होती थी. टीटीई व गार्ड को मैनेज करना पड़ता था. मंत्री तक को भी रेल के बारे में  इतनी जानकारी नहीं होगी जितनी मुझे जानकारी है. संप्रदाय को भड़काने का काम राजनेताओं ने किया है.
जातिवाद व संप्रदायवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. चाणक्य का काल स्वर्णिम काल था. छोटे-छोटे राज्यों को भी जोड़ा जाता था. एक होने पर जोर था, लेकिन कांग्रेस ने विभाजन का नारा दिया. जातिवाद को बढ़ावा दिया. जाति के अंदर भी जाति पैदा की. बिहार में फिर से स्वर्णिम काल को लाना है, तो हम जोड़ने से आगे बढ़ेंगे, तोड़ने से नहीं. हर जाति-समुदाय को जोड़ना है, तभी आगे बढ़ेंगे. जब सिकंदर आया, तो विश्व जीत कर आया. इसी बिहार की धरती ने उसे परास्त किया और मार भगाया. इसी भूमि पर वे वीर पैदा हुए थे. वीरों के गौरव की धरती बिहार रही है.
हिंदुस्तान की रक्षा करते-करते बिहार के चार जवान शहीद हुए. पाकिस्तान ने चार जवानों को मार गिराया. हिंदुस्तान का हर बच्च शहीद से प्रेरणा लेता है. गौरव करता है, तो बिहार के एक मंत्री कहते हैं कि सेना में शहीद होने के लिए ही जवान जाता है. डूब मरो-डूब मरो. यह अपमान सहन करोगे. इनको हमेशा के लिए ऐसा सबक दो कि देश के जवानों की शहादत पर कभी भी कीचड़ न उछालें. मुझ पर चारों ओर से कीचड़ उछाला जा रहा है. कीचड़ उछालने वालों, जितना कीचड़ उछालोगे. कमल उतना ही खिलेगा. विश्वास के साथ आगे बढ़ना है. यही संकल्प लेकर आगे बढ़ना है.
यह ऐतिहासिक रैली नहीं है. नये इतिहास की नींव रखने वाली रैली है. एक नये विश्वास, नयी उमंग के साथ हम आगे बढ़ें. यह संकल्प लें. बिहार भाजपा ने केंद्र से 50 हजार करोड़ का पैकेज मांगा है. दिल्ली दे या न दे, 200 दिन का सवाल है. बिहार को पैकेज मिलना चाहिए. जो प्यार बिहार ने दिया है, पलक पांवड़े बिछाया है. मुझे नहीं लगता है कि हिंदुस्तान के किसी नेता को ऐसा  सौभाग्य मिला होगा. मैं उसे ब्याज के साथ चुकता जरूर करूंगा. हमारा मंत्र है विकास. सारी जाति का विकास. मुसलिम भाई हज यात्रा पर जाते हैं. भारत सरकार ने कोटा तय कर रखा है.
गुजरात से 4800 और बिहार से सात हजार से कुछ अधिक. मेरे मित्र के राज्य बिहार से मुश्किल से छह हजार लोग ही हज यात्रा पर जा पाते हैं. आवेदन ही नहीं आते हैं. कारण, गरीब मुसलमानों के पास इतने पैसे नहीं होते कि वे हज यात्रा क्या करें. गुजरात में साढ़े चार हजार कोटा के लिए 40 हजार से अधिक आवेदन आते हैं. गुजरात का मुसलमान सुखी है. कच्छ व भरूच जिलों में मुसलिम अधिक हैं. गुजरात में अगर किसी जिले में अधिक प्रगति हो रही है, तो वह है कच्छ व भरूच. लोगों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है. लोग मूर्ख बना रहे हैं.
गरीब हिंदू-मुसलिम आपस में नहीं लड़ना चाहते. वे गरीबी से लड़ना चाहते हैं. हम मिल कर गरीबी को परास्त करें. हमारी सरकार का मजहब है नेशन फर्स्‍ट, इंडिया फर्स्‍ट, भारत सबसे आगे. भारत का संविधान ग्रंथ है. भारत की भक्ति और शक्ति ही हमारी असली शक्ति है. बिहार के साथ देश में शांति और एकता को बनाये रखना है. ऐसा कोई काम नहीं करना है, जिससे बिहार की शान को चोट आये.
* राजनाथ बोले, जीवन में नहीं देखी इतनी बड़ी रैली
रेलवे प्लेटफॉर्म पर चाय बेचनेवाले पिछड़े वर्ग के बेटे को जनता प्रधानमंत्री बनायेगी. ये बातें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा, इस ऐतिहासिक रैली के संकल्प से इसका पक्का भरोसा हो गया है. नरेंद्र मोदी केवल भाजपा के पीएम उम्मीदवार नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की जन-जन की आशा और विश्वास बन गये हैं. अपने राजनीतिक जीवन में इतनी बड़ी रैली कभी नहीं देखी. गांधी मैदान की रैलियां देश का इतिहास बदलती रही हैं. यह रैली भी इतिहास बनायेगी.
- यूपीए सरकार ने जनता का विश्वास तोड़ा : उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता के विश्वास को तोड़ा है. कांग्रेस ने 55 वर्षो तक देश में अकेले शासन किया, किंतु उसने गरीबी, बेरोजगारी और कंगाली बढ़ायी. नरेंद्र मोदी जनता का भरोसा कायम करेंगे. भाजपा की सरकार बनी, तो महंगाई कम होगी. किसानों की माली हालत सुधारी जायेगी. किसानों की जेब में पैसे होंगे, तो व्यापार, दुकानदारी, डॉक्टरी व वकालत भी चलेगी. उन्होंने कहा कि साढ़े नौ वर्षो के यूपीए शासनकाल में घपले-घोटालों का साम्राज्य बना है. कोयला घोटाला मामले की सीबीआइ जांच कर रहा है, लेकिन वह पीएम से कुछ भी नहीं बोलवा पायेगी, क्योंकि उनके मुंह खुलते ही नहीं हैं.
- बुआई के पहले तय होगी आमदनी : उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पहली बार किसानों को चार, तीन और दो प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिलाने का सिलसिला शुरू किया था. उसके पहले तक साढ़े आठ प्रतिशत की ब्याज पर ऋण मिलता था. भाजपा शासित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो शून्य ब्याज दर पर ऋण दिये जा रहे हैं. कहा कि किसानों के लिए भाजपा ने एक फॉमरूला तय किया है. बोआई के पूर्व ही खेती की आमदनी तय होगी. बीमा कंपनियां बाढ़-सुखाड़ की स्थिति में किसानों को तय आमदनी का भुगतान करेगी. इसका सर्वाधिक लाभ बिहार के किसानों को मिलेगा.
- जनता की भावनाओं का शोषण न करें राहुल : उन्होंने कहा कि देश को नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व करनेवाला चाहिए, न कि राहुल गांधी तरह रोना रोनेवाला. राहुल कह रहे हैं कि दादी व पिता जी की तरह उन्हें भी मार दिया जायेगा. उन्होंने राहुल गांधी को अपनी सुरक्षा में बड़ी सेना लगा लेने की सलाह दी. उन्होंने राहुल से जनता की भावनाओं का शोषण न करने की अपील की. कहा कि मोदी यदि पीएम बने, तो चीन-पाक भारत को आंखें नहीं दिखा सकेंगे. भाजपा सबको साथ ले कर चलेगी. जदयू व कांग्रेस की तरह सांप्रदायिकता की राजनीति नहीं करती.
* जेटली बोले, एक नहीं, दो सिंहासन खाली करायेगी जनता
देश और बिहार की जनता एक नहीं, दो सिंहासन खाली करायेगी. एक दिल्ली का और दूसरा बिहार का. ये बातें राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने हुंकार रैली में कही. उन्होंने कहा, सन 77 की रैली से भी अधिक उत्साह दिख रहा है. जिन्हें लहरें समझ में नहीं आ रही, वे बह जायेंगे. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का भाजपा उम्मीदवार घोषित हुए 44 ही दिन हुए हैं, किंतु इतने ही दिनों में देश की राजनीति का नजरिया बदल गया है. उनकी रैलियों और सभाओं में लाखों लोग जुट रहे हैं. गांधी मैदान में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की सभा में कवि दिनकर ने कहा था- सिंहासन खाली करो कि जनता आती है.
आज की रैली उससे एक कदम आगे बढ़ गयी है. जनता एक नहीं, दो सिंहासन खाली करायेगी. उन्होंने कहा कि देश में 1977, 1979 और 1998 में गैर कांग्रेसी सरकारें बनीं. अब 2014 के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगली गैर कांग्रेसी सरकार का नारा दिया है. आज की रैली को देख कर मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगली सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनेगी. केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उसने देश की शासन व्यवस्था और आर्थिक स्थिति बरबाद कर दी है. उन्होंने कहा कि लोकसभा की सभी 40 सीटें भाजपा की झोली में डाल कर बिहार परिवर्तन का आगाज करेगा.
* सीएम के बाद पीएम बनना चाह रहे थे नीतीश : शाहनवाज
पटना. भाजपा सांसद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनना चाह रहे थे. इसी चाह में उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया. अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति हो रही है. कोई और बात कर डरायें, तो बेहतर होगा. टोपी पहनने व तिलक लगानेवाले नेता को बताना चाहिए कि आखिर अल्पसंख्यकों के लिए उन्होंने क्या किया है. अल्पसंख्यक को इफ्तार पार्टी की तरह उपयोग किया गया है. बिहार की शासक पार्टी नरेंद्र मोदी से क्या लड़ेगी, सुशील मोदी ही काफी हैं. अब राजनीति बंटवारे के लिए नहीं होगा. पाकिस्तान का डर दिखा कर वोट लेना चाहते हैं.
फीयर-फैक्टर की राजनीति बंद होनी चाहिए. जिस समय गले मिले, सांप्रदायिकता नहीं थी. भीड़ को उन्होंने जोरदार आवाज लगाने के लिए कहा. यह भी दोहराया कि भाजपा का न केवल सात रेस कोर्स, बल्कि एक अणो मार्ग पर भी कब्जा होगा.
* भाजपा ने नीतीश को नेता बनाया
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार को पार्टी ने नेता बनाया. एनडीए शासन में रेलमंत्री व फिर मुख्यमंत्री बने. भाजपा से अलग होते ही वे नफरत की राजनीति कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी का केवल इसलिए विरोध कर रहे हैं कि  वे गरीब का बेटा हैं. नीतीश कुमार को पंखे व जनता की हवा में अंतर नहीं पता चलता. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद बिहार आयेंगे, तो क्या वे उनका स्वागत नहीं करेंगे. नीतीश कुमार व लालू प्रसाद आज कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए आतुर हैं. बिहार की जनता लालटेन, हाथ व तीर के साथ नहीं, बल्कि कमल के साथ जाने का फैसला कर लिया है.
भाजपा सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने कहा कि गुजरात व बिहार का रिश्ता पुराना है. उत्तर बिहार में जिस तरह से लोग मिलने पर एक -दूसरे का हाल पूछते हैं, उसी तरह गुजरात में लोग एक -दूसरे का कुशलक्षेम पूछते हैं. जिस दिन बिहार में मोदी का भोज रद्द किया गया था, मुझे प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते काफी तकलीफ हुई. उसी दिन सोच लिया था कि मोदी को पीएम बनाना है.
* सुशील मोदी बोले, गंठबंधन तोड़नेवालों को जनता सिखायेगी सबक
भाजपा की हुंकार रैली में पूर्व उपमुख्यमंत्री सह भाजपा नेता सुशील मोदी के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनकी सरकार रही. उन्होंने कहा कि 17 साल की दोस्ती को तोड़ा गया. नवाज शरीफ को बधाई देने में संकोच नहीं है. पी चिदंबरम को हाथ पकड़ कर सदाकत आश्रम तक ले जाने में भी संकोच नहीं होता, लेकिन एक राज्य के मुख्यमंत्री को बधाई देने में संकोच व शर्म आती है. चाय बेचनेवाले, गरीब व पिछड़े समुदाय के एक नेता का भोज कार्यक्रम रद्द कर दिया गया, जबकि हमारी संस्कृति मेहमाननवाजी की है. कोसी के पीड़ितों के लिए दिया गया पांच करोड़ लौटाने में शर्म नहीं आयी. इतिहास ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा. गंठबंधन तोड़नेवालों को बिहार की जनता लोकसभा की सभी 40 सीट भाजपा के खाते में डाल कर जवाब देगी. केवल विशेष राज्य का दर्जा मिलने से कुछ नहीं होगा. 50 हजार का विशेष पैकेज भी मिलना चाहिए.
विकास की वाहवाही लूटनेवालों को यह याद रखना चाहिए कि अगर हम नहीं होते, तो 14 प्रतिशत विकास दर नहीं होता. अगर भाजपा कोटे के मंत्री नहीं होते, तो राज्य का विकास नहीं होता. जो भी विकास हुआ है, वह भाजपा कोटे के मंत्रियों के कारण ही हुआ है. विकास की कौन कहे, अगर हम नहीं होते तो बिहार में शासन चलानेवाले भी नहीं होते. हमारे नहीं रहने पर उनकी जय-जयकार भी नहीं होती. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कांग्रेस से नहीं मिलेगा. भाजपा और इसके नेता नरेंद्र मोदी ही बिहार को दर्जा व पैकेज दे सकते हैं. वर्ष 2010 में नरेंद्र मोदी का भोज रद्द होने की घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भोज का बदला लिया जायेगा. देश के पीएम बनने के बाद 2014 में बिहार में भाजपा की सरकार बनेगी, तो एक अणे मार्ग में भोज का निमंत्रण दिया जायेगा.
हुंकार रैली को अब तक सबसे बड़ी व अधिक भीड़वाली ऐतिहासिक रैली बताते हुए कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण से भी अधिक भीड़ हुंकार रैली में आयी है. आजाद भारत में इतनी बड़ी रैली नहीं हुई.

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