बिहार नयूज एक्सप्रेस
राम बालक राय
समस्तीपुर। वेतनमान के लिए शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को शिक्षकों ने कहीं धरना-प्रदर्शन किया तो कहीं मांगों के समर्थन में उपवास रखा। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले शुक्रवार को शिक्षकों ने समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर सरकारी बस पड़ाव में प्रदर्शन कर धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष रामचंद्र राय ने कहा कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों की हकमारी कर रही है। यह शिक्षकों के संवैधिक अधिकार का हनन है। संघ इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। समान वेतनमान मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कोर्ट से रोड तक लड़ाई होगी। धरना में शामिल रालोसपा बुद्धजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत कुमार राय ने शिक्षकों की मांगों को जायज ठहराते हुए नैतिक समर्थन दिया। मांगों के समर्थन में 21 मार्च को मशाल जुलूस, 23 मार्च को पटना में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन में भागीदारी का संकल्प लिया गया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ने की। संचालन महासचिव कुमार गौरव ने किया। धरना को वरीय उपाध्यक्ष संजीव आर्य, संयुक्त सचिव अभय आजाद, शंभू कुमार सुमन, रिजवाना खातुन, रामबालक, अशोक कुमार विमल, हरिमोहन चौधरी, कुमार रजनीश, रामनाथ कुमार, राजीव कुमार, मधुरेन्द्र कुमार, कृष्ण कुमार ¨सह, जयकिशोर राय, कुंवर कन्हैया ¨सह, संजीव कुमार, मो. शब्बीर, अभय कुमार, नंद किशोर यादव, अमरनाथ चौधरी, कैलाश राय, अमित कुमार, रेणु कुमारी ज्योति, राजेश कुमार राजू, सुभाष कुमार राय, सुनील कुमार झा, अनिल कुमार ईश्वर, राज कुमार, अंजनी कुमारी, मंजू सहनी, मिथिलेश ¨सह, विनोद कुमार झा, अजीत कुमार, मधु कुमारी, यशवंत कुमार, अमरजीत कुमार, संगीता कुमारी, बबीता कुमारी, सपना कुमारी, सुनीता कुमारी, सुप्रिया आदि ने संबोधित किया।
युवाओ के प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद को शत शत नमन . 12 जनवरी 2013 स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती : राष्ट्रिय युवा दिवस। युवाओ के सच्चे मार्गदर्शक के रूप में अपने देश को एक देवतुल्य इंसान मिला . इन्हें दार्शनिक , धार्मिक ,स्वप्न दृष्टा या यो कहे की भारत देश की सांस्कृतिक सभी अवधारणा को समेटने वाले स्वामी विवेकानंद अकेले व असहज इंशान थे .इन्हें एक सच्चा यायावर संयाशी भी कहा जाता है हम युवा वर्गे इनकी सच्ची पुष्पांजलि तभी होगी जब हमारे देश में आपसी द्वेष व गरीबी भाईचारा आदि पर काबू पा लेंगे .हम युवाओ के लिए स्वामी जी हमेशा प्रासंगिक रहेंगे .देश के अन्दर कई जगहों पर इनके नाम पर कई संस्थाए कार्यरत है उनके बिचारो को आम आदमी तक पहुचाने का बीरा हम युवा साथी के कंधो पर है . विश्व के अधिकांश देशों में कोई न कोई दिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती , अर्थात १२ जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1985 ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया। इसके महत्त्व
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