-- ग्रामीण संस्कृति व गांव के लोगों के बीच का भाईचारा व अपनापन का मिशाल अब भी कायम
समस्तीपुर। इक्कीसवीं सदी के इस अर्थ युग का लोगों पर हावी होती जा रही प्रभाव के बीच ग्रामीण संस्कृति व गांव के लोगों के बीच का भाईचारा व अपनापन आज भी मिशाल के रूप में समाज को समझने वालो के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। जिले के उजियारपुर प्रखंड के चैता दक्षिणी वार्ड 5 में एक अत्यधिक गरीब व परिस्थिति के मारे व्यक्ति के लड़की की समाजिक सहयोग से धूमधाम से शादी कराकर उसके ससुराल विदा कर लोगों ने एक मिशाल कायम किया। गांव के जिवंत मानवीय मूल्यों की चर्चा क्षेत्र में हो रही है। गरीब के बेटी की शादी में पंचायत व क्षेत्र के कई गणमान्य लोग शामिल हुए तथा लोगों ने अपने स्तर से सहयोग दिए। शादी में डढिया असाधर निवासी सह संभावित जिला परिषद प्रत्याशी राकेश कुमार पप्पू, पूर्व मुखिया सकलदीप राय, सरपंच सुधीर पांडेय, रामकुमार यादव, दिनेश दास, राम अशीष दास, आनंदलाल दास, रामबली दास सहित दर्जनों ग्रामीण व अन्य लोग उपस्थित थे।
युवाओ के प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद को शत शत नमन . 12 जनवरी 2013 स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती : राष्ट्रिय युवा दिवस। युवाओ के सच्चे मार्गदर्शक के रूप में अपने देश को एक देवतुल्य इंसान मिला . इन्हें दार्शनिक , धार्मिक ,स्वप्न दृष्टा या यो कहे की भारत देश की सांस्कृतिक सभी अवधारणा को समेटने वाले स्वामी विवेकानंद अकेले व असहज इंशान थे .इन्हें एक सच्चा यायावर संयाशी भी कहा जाता है हम युवा वर्गे इनकी सच्ची पुष्पांजलि तभी होगी जब हमारे देश में आपसी द्वेष व गरीबी भाईचारा आदि पर काबू पा लेंगे .हम युवाओ के लिए स्वामी जी हमेशा प्रासंगिक रहेंगे .देश के अन्दर कई जगहों पर इनके नाम पर कई संस्थाए कार्यरत है उनके बिचारो को आम आदमी तक पहुचाने का बीरा हम युवा साथी के कंधो पर है . विश्व के अधिकांश देशों में कोई न कोई दिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती , अर्थात १२ जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1985 ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया। इसके महत्त्व
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