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15augest keawsar par cm nitish kumar sahab ka speech

[राम बालक रॉय और केसव कुमार ]
 15 औगेस्ट 2012 गाँधी मैदान पटना
देष की स्वतंत्रता प्राप्ति की पैंसठवीं वर्षगांठ पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से राज्य कि जनता को संबोधित करते हुए कहा कि  आप सबको हार्दिक बधाई और शुभकामनाए। सदियों की गुलामी के बाद आज ही के दिन हमारा देष स्वतंत्र हुआ था। इसके लिए हमारे राष्ट्रभक्तों को अनेक कुर्बानिया देनी पड़ी। आज के दिन हम मातृभूमि के उन सपूतों का स्मरण करते हैं, उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं और उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लेते हैं।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार वासियों का भी अग्रणी योगदान रहा है। हम बिहारी राष्ट्रनिर्माण में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं और अपने लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करते रहे हैं। हमारी सरकार न्याय के साथ विकास के मार्ग पर चल रही है। राज्य की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हम दृढ़संकल्पित हैं।
आप सब के सहयोग से बिहार में आज साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द का माहौल है। सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता राज्य में कानून का राज स्थापित करना रही है। पिछले छः वर्षों  में लगभग 74 हजार अपराधियों को सजा मिली है। अपराध पर प्रभावकारी अंकुष लगाने के उद्देष्य से जमानत के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले अपराधियों की पहचान की जा रही है और अब तक ऐसे 222 मामलों में जमानत रद्द करने हेतु उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी है। विधि व्यवस्था को दुरूस्त रखने एवं अनुसंधानों की गति और गुणवत्ता में वृद्धि लाने के दृष्टिकोण से पटना जिले के नगर क्षेत्र के पुलिस थानों में अनुसंधान इकाई एवं विधि व्यवस्था इकाई को अलग-अलग किया गया है। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
राज्य में शांति-व्यवस्था की स्थिति को निरन्तर ठीक बनाये रखने के लिए पुलिस को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके लिए नये थानों का निर्माण, पद सृजन, नियुक्ति, प्रशिक्षण एवं आधुनिकीकरण का कार्य तेजी से जारी है। अनुसंधान को वैज्ञानिक सम्बल प्रदान करने के लिए पटना स्थित विधि विज्ञान प्रयोगषाला को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है। घटना स्थल पर फोरंेसिक विषेषज्ञों की मदद पहंुचाने हेतु मोबाईल फोरेंसिक लेबोरेटरी की व्यवस्था की गयी है। राज्य के पुलिस-पब्लिक अनुपात को अखिल भारतीय स्तर पर पहंुचाने के लिए अगले पांच वर्षाें में 43 हजार से अधिक नये पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई की जायेगी।
राज्य में आर्थिक अपराधों की रोक-थाम के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्र आर्थिक अपराध इकाई का गठन किया गया है। साथ ही साइबर अपराध की घटनाओं की रोकथाम हेतु साइबर थाने का गठन किया गया है जो कम्प्यूटर एवं इंटरनेट से जुड़े अपराध कांड का अनुसंधान करेगा।
भ्रष्टाचार के अपराध के लिए सरकार ने जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई है। बिहार विषेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के अंतर्गत गठित विषेष न्यायालयों के आदेष पर 5 सरकारी सेवकों द्वारा अर्जित अवैध सम्पत्ति को जब्त किया जा चुका है। प्रदेष में लोक सेवा का अधिकार कानून लागू है। इसके अंतर्गत अब तक लगभग दो करोड़ लोग विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं। वर्तमान में 50 लोक सेवायें इसके दायरे में हैं तथा पाॅंच और सेवाओं को शामिल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्रों को उपलब्ध कराने की अवधि 21 दिनांें से घटाकर 14 दिन की जा रही है। ई-षक्ति परियोजना को राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के सभी वयस्क नागरिकों के लिए विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में ई-षक्ति कार्ड एवं डाटावेस का उपयोग मनरेगा योजना तक ही सीमित था, किन्तु अब इस कार्ड का उपयोग राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं में भी किया जायेगा ।
12वीं पंचवर्षीय योजना के लिये लगभग 2 लाख 72 हजार करोड़ की योजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। राज्य की धारभूत संरचना के विकास एवं अन्य लाभकारी योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य योजना के लिये 28 हजार करोड़ रूपये के व्यय का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य के समग्र विकास में मानव विकास की विषिष्ट भूमिका है । प्रारम्भिक षिक्षा के क्षेत्र में इस शैक्षिक सत्र से प्रारम्भिक विद्यालयों में नामांकित बच्चों की कम से कम 80 प्रतिषत नियमित उपस्थिति का लक्ष्य रखा गया है। षिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने षिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया हैै। प्रारम्भिक षिक्षा के विस्तार से माध्यमिक षिक्षा की मांग बढ़ी है। सरकार ने यह नीतिगत फैसला लिया है कि राज्य के हर ग्राम पंचायत में एक माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जाए। प्राथमिक एवं माध्यमिक षिक्षा के क्षेत्र में पोषाक, साईकिल, एवं छात्रवृत्ति योजनाओं को अभूतपूर्व सफलता मिली है। इन कार्यक्रमों को निरंतर सुदृढ़ किया जा रहा है।
सात वर्ष पूर्व बिहार की स्थिति यह थी कि उच्च षिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर का एक भी षिक्षण संस्थान यहाॅ नहीं था। हमारे छात्र उच्च षिक्षा के लिए राज्य के बाहर जाते थे। अब स्थिति बदल चुकी है। चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, निफ्ट, आई॰आई॰टी॰ पटना, आर्यभट्ट विष्वविद्यालय, बिहार कृषि विष्वविद्यालय, सबौर की स्थापना के साथ-साथ आई.जी.आई.एम.एस., पटना में मेडिकल की षिक्षा प्रारम्भ की गयी है। सरकार राज्य में स्थापित चुनिन्दा महाविद्यालयों को सेन्टर आॅफ एक्सीलेन्स के रूप मे विकसित करना चाहती है जिसके लिए कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। राज्य के हर जिले में पाॅलिटेकनिक एवं हर अनुमंडल में औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है।
हमने स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। बिहार राज्य में जहाॅ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्ष 2006 में मात्र 39 मरीज प्रतिमाह आते थे वहीं 2012 में औसतन 9000 मरीज प्रतिमाह इलाज हेतु आ रहे हैं। नयी पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी कार्यक्रम में अब तक लगभग ढ़ाई करोड़ बच्चों के स्वास्थ्य की जाॅंच कर उन्हें स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया गया है। हमारे प्रयासों से राज्य में टीकाकरण एवं  मृत्यु दर के आंकड़े राष्ट्रीय औसत से बेहतर हो गये हैं। बाल मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से बेहतर बनाने हेतु हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।
राज्य के नागरिकों के चहुमुखी विकास के साथ-साथ उन्हें गरिमापूर्ण जीवन स्तर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मानव विकास मिशन का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधायें, गुणात्मक शिक्षा, स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, पोषण आदि से जुड़े कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का अनुश्रवण किया जाएगा।
हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। गत चार वर्षों से क्रियान्वित हो रहे पहले कृषि रोड मैप की उपलब्धियों से उत्साहित होकर हमने अगले 5 वर्षाें के लिए एक नया समग्र कृषि रोड मैप तैयार किया है। कृषि कैबिनेट का गठन किया गया है, जिसमें 18 विभाग सम्मिलित हैं। यह कृषि कैबिनेट कृषि रोड मैप से संबंधित कार्य-योजना हेतु दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ उनकी प्रगति की भी समीक्षा कर रहा है ताकि प्रथम हरित क्रान्ति से अछूता बिहार, द्वितीय हरित क्रान्ति यानी इन्द्रधनुषी क्रान्ति की शुरूआत कर लाभ उठा सके। हमारा सपना है कि हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का कोई न कोई व्यंजन जरूर हो। अगले पांच वर्षाें में कृषि रोड मैप के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डेढ़ लाख करोड़ रूपये खर्च करने की योजना है। कृषि रोड मैप पर आधारित योजनाओं का शुभारम्भ करने के लिए हमने महामहिम राष्ट्रपति जी को बिहार आने का निमंत्रण दिया है।
राज्य सरकार के प्रयास एवं राज्य के किसानों की मेहनत से पहली बार राज्य में धान और गेहॅूं की उत्पादकता देष के औसत से ऊपर गयी है। वर्ष 2011-12 में राज्य में लगभग 170 लाख मेट्रिक टन खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ हम किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में 22 लाख 87 हजार मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गयी है। पैक्स में गोदाम निर्माण तथा बायोमास, गैसीफायर के साथ चावल मिलें स्थापित की जा रही हैं। इससे प्राथमिक कृषि साख सहयोग  समितियाँ अर्थक्षम हो सकेगी एवं अधिप्राप्ति में भी मदद मिलेगी।
इस साल वर्षा की अनिष्चितता के कारण हम बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों की मार झेल रहे हैं। राज्य के 14 जिलों में कम वर्षा की स्थिति के मद्देनजर सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये हैं। खरीफ फसलों की सिंचाई हेतु डीजल अनुदान के लिए 619 करोड़ रूपये की राषि स्वीकृत की गई है। जिला पदाधिकारी इसका वितरण सुनिष्चित करा रहे हैं। हमने राज्य विद्युत बोर्ड को ग्रामीण क्षेत्रों में 6 से 8 घंटे बिजली आपूर्ति करने का निदेष दिया गया है। जल संसाधन विभाग विभिन्न नहर प्रणालियों में अंतिम छोर तक पानी पहॅुंचाने की कार्रवाई कर रहा है ताकि किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर सकें। इस व्यवस्था का सघन पर्यवेक्षण विकास आयुक्त एवं मुख्य सचिव के स्तर पर किया जा रहा है। हमने मंत्रिपरिषद की बैठक में भी इसकी समीक्षा प्रारम्भ कर दी है।
हमारी सरकार ने राज्य केे सुदूर इलाकों को राजधानी पटना से जोड़ने एवं अधिकतम छः घंटे में इस दूरी को तय करने का लक्ष्य रखा था। किषनगंज जिला को छोड़कर राज्य के सभी जिलों से राजधानी पटना की दूरी अधिकतम 6 घंटों के अंदर तय किया जाना संभव हो गया है। इस लक्ष्य को पूर्ण करने के क्रम में पिछले 6 वर्षाें में लगभग तेरह हजार किलो मीटर राष्ट्रीय एवं राज्य उच्च पथ तथा वृहद जिला पथों का उन्नयन किया गया है। राज्य में पहली बार जन-निजी भागीदारी के अंतर्गत बख्तियारपुर से ताजपुर के बीच गंगा नदी पर पुल एवं आरा-मोहनियाॅं पथ का फोर लेनिंग का कार्य चल रहा है। रजौली-बख्तियारपुर पथ का फोर लेनिंग एवं दीघा से दीदारगंज साढ़े बीस किलोमीटर लंबे गंगा पथ का निर्माण जन-निजी भागीदारी के आधार पर कराने का निर्णय लिया गया है।
राज्य के गांवों की समृद्धि एवं विकास के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत कोटि की बारहमासी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इस उद्देष्य की प्राप्ति के लिए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 30 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। राज्य के 250 से अधिक आबादी वाले अनजुड़े सभी बसावटों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य कोर नेटवर्क तैयार करने का कार्य अंतिम चरण में है।
हमारे प्रयासों से राज्य में उद्योगों के विकास का वातावरण बना है। औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत औद्योगिक इकाइयों को अब तक विभिन्न मदों में लगभग 412 करोड़ रूपये का लाभ दिया जा चुका है। गत पांच वर्षाें में राज्य निवेष प्रोत्साहन पर्षद् द्वारा दी गई सहमति के विरूद्ध 143 औद्योगिक इकाइयों का कार्य अग्रिम चरण में है एवं 89 इकाइयाॅ उत्पादन में आ गई हैं। इसके अन्तर्गत मुख्यतः 54 इकाई कृषि प्रसंस्करण, 10 इकाई सेकेंड्री स्टील एवं सीमेंट, 8 चीनी मिल एवं 17 अन्य प्रयोजनों से संबंधित हैं। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु अब तक पांच हजार करोड़ रूपये का पूॅजी निवेष हुआ है।
हस्तकरघा के क्षेत्र में कार्यरत बुनकरों के समग्र विकास के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 150 करोड़ रूपये के अनुमानित व्यय पर मुख्यमंत्री समेकित हस्तकरघा विकास योजना स्वीकृत की गयी है। तसर क्षेत्र के विकास के लिए बांका, मुंगेर, नवादा एवं कैमूर जिलों के लिए मुख्यमंत्री तसर विकास परियोजना स्वीकृत की गयी है। कोषी क्षेत्र में मलबरी रेषम विकास के लिए भी परियोजना बनायी जा रही है।
बिजली के उत्पादन, संचरण, उपसंचरण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष कदम उठाये गये हैं। बरौनी तथा कांटी थर्मल पावर स्टेषन के 110 मेगावाट पावर के चारों यूनिटों का नवीनीकरण इस वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा। राज्य सरकार ने नये विद्युत इकाइयों की स्थापना के अतिरिक्त लम्बी अवधि के लिये लगभग 1000 मेगावाट विद्युत की खरीदगी के लिये एकरारनामा किया है। संचरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए पाॅंच शहरों में ग्रीड सबस्टेशन का निर्माण होगा। पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के अंतर्गत उपसंचरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण का कार्य मार्च 2013 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उपसंचरण के क्षेत्र में सात नए ग्रीड उपकेन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। पुनर्गठित, त्वरित, बिजली विकास एवं सुधार कार्यक्रम तहत 64 शहरों एवं एशियाई विकास बैंक से ऋण लेकर  7 शहरों में वितरण नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 55 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण, 72000 किलोमीटर जर्जर तारों एवं खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने के साथ मीटरीकरण पर राज्य कोष से 853 करोड़ रूपये खर्च किये जा रहे हंै। कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिये डेडिकेटेड फीडर बनाया जाएगा।
सकारात्मक सामाजिक बदलाव हेतु महिलाओं सहित वंचित वर्गों का उत्थान कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हम कृत संकल्प है। नारी सषक्तिकरण हमारे विकास की रणनीति का महत्वपूर्ण अंग है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की आमदनी बढ़ाने के लिये जीविका परियोजना को राज्य के सभी जिलों में विस्तारित कर महिलाओं के 10 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन करने का निर्णय लिया गया है। पंचायती राज व्यवस्था एवं नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिषत आरक्षण के काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
राज्य मंे पचास लाख से अधिक वृद्ध, निःषक्त व्यक्तियों तथा विधवाओं को पेंषन दिया जा रहा है। विधवाओं एवं निःषक्त व्यक्तियों के लिए पेंषन की राषि बढ़ा कर दो सौ से तीन सौ रूपये प्रतिमाह कर दी गयी है। राज्य में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण कानून लागू किया गया है, जिसमें उनके आश्रितों द्वारा प्रतिमाह अधिकतम दस हजार रूपये भरण-पोषण राषि के रूप में दिये जाने का आदेष दिया जा सकता है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अब सभी स्कूली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है एवं इसकी राषि बढ़ाकर तीन गुणा कर दी गयी है। इसी प्रकार अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सभी स्कूली छात्र-छात्राओं को बढ़ी हुई संषोधित दर पर छात्रवृत्ति दी जा रही है। छुटे हुए वासरहित महादलित परिवारों का पुनः सर्वेक्षण कराया जा रहा है और सर्वेक्षण के उपरांत उन्हें आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। महादलित बस्तियों के टोला सेवकों को अब महादलित अक्षर आंचल योजना से जोड़कर इन बस्तियों के बच्चों को विद्यालय में बनाए रखने के साथ महादलित महिलाओं के बीच साक्षरता बढ़ाने के कार्यक्रम भी इस वर्ष संचालित होंगे। इसी तर्ज पर तालिमी मरकज के अनुदेषकों को अल्पसंख्यक महिला साक्षरता के कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
साम्प्रदायिक सौहार्द कायम करने की कड़ी में कब्रिस्तान की घेराबंदी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 3500 सौ कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है। अल्पसंख्यको के कल्याण के लिए मुख्य मंत्री अल्पसंख्यक षिक्षा ऋण योजना तथा मुख्य मंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना की स्वीकृति दी गयी है।
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों एवं षिल्पकारों के लिये मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रितों को एक लाख रूपये अनुदान देने के लिये बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं षिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ की गयी है। राज्य में दुर्घटना तथा आपराधिक घटनाओं में मरने वाले सभी व्यक्तियों के लिए बीस हजार का मुआवजा राषि देने हेतु मुख्य मंत्री परिवार लाभ योजना प्रारम्भ की गयी है।
बिहार की सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक धरोहरों को प्रदर्षित करने हेतु पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार संग्रहालय की स्थापना की जा रही है। बौद्ध सर्किट के विकास के लिए वैषाली में बौद्ध स्तूप, पटना में बुद्ध स्मृति पार्क में संग्रहालय एवं नालन्दा जिला के घोड़ा-कटोरा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा की स्थापना का निर्णय लिया गया है। बिहार के पुरातात्विक स्थलों के विकास एवं अन्वेषण हेतु बिहार विरासत विकास समिति का गठन किया गया है। इस संस्था के माध्यम से राज्य के महत्वपूर्ण स्थलों के उत्खनन का कार्य किया जायेगा।
राज्य के विकास के साथ पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ी को हरित एवं खुषहाल बिहार देने के लिए प्रयासरत हैं। अगले पाॅंच वर्षों में बिहार के वृक्ष आवरण को वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 15 प्रतिषत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हरियाली मिषन की स्थापना की गयी है। अगले पांच वर्षाें में विभिन्न वृक्ष रोपण कार्यक्रमों के अन्तर्गत राज्य में कुल
24 करोड़ पेड़ लगाये जायेंगे। लगाये गये वृक्षों की सुरक्षा में जन सहभागिता बढ़ाने हेतु वृक्ष-संरक्षण योजना भी प्रारंभ की जा रही है।
हमारी सरकार एवं राज्य की जनता के परिश्रम का ही यह परिणाम है कि हमारे विकास की दर गत वित्तीय वर्ष में 16.7 प्रतिषत रही है। यदि हम इसी गति से आगे बढ़ते रहे तो भी हमें विकास का औसत राष्ट्रीय स्तर प्राप्त करने में 25 वर्ष लगेंगेे। बिहार की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। हम मानव विकास के विभिन्न सूचकांक में पीछे हैं। हमारा जनसंख्या घनत्व अधिक है और हमारे राज्य में कृषि एवं औद्योगिक विकास की असीम संभावनाएॅं हैं। इसीलिए हमें विषेष सहायता मिलनी चाहिए। इसी कारण से हम विषेष राज्य का दर्जा की मांग लगातार कर रहे हैं ताकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केन्द्रांष बढ़ सके और राज्य में निवेषकों को विभिन्न करों में रियायतें और छूट मिल सके। इससे राज्य में बड़ी मात्रा में पूॅंजी निवेष हो सकेगा और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे।
समाज के नव-निर्माण के लिए सभी तबकांे, संप्रदायों एवं सामाजिक समूहों के लोगों से और खास कर नई पीढ़ी एवं महिलाओं से हमें ज्यादा उम्मीद है। सभी को आगे बढ़कर रचनात्मक कार्यों में अपना योगदान देना होगा। स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हमारे पुरखों द्वारा दी गई कुर्बानियाॅं हमारे ऊपर कर्ज है और ये कर्ज तभी उतरेगा जब हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में हाथ बटाएॅंगे। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आप सबों का आह्वान करता हूॅं कि राज्य के नवनिर्माण में आप सभी अपना पूरा योगदान करें ताकि बिहार शीघ्र ही देष के विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाए।
स्वतंत्रता दिवस के इस पुनीत अवसर पर पुनः एक बार आप सबों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएॅं देता हूॅं।
जय हिन्द

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