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बिहार में उद्योग धंधों की अपार संभावनायें एवं अवसर हैं:- नितीश कुमार 

बिहार में उद्योग धंधों की अपार संभावनायें एवं अवसर हैं। अपने को स्थापित करने का समय और अवसर अभी है। किसी उद्यमी के साथ यदि कोई घटना होती है तो सरकार उससे सख्ती से निपटेगी। आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार होटल मौर्या में बिहार सरकार के उद्योग विभाग एवं पीएच0डी0 चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित उद्यमी सम्मलेन का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में भाग लेने आये उद्यमियों के साथ सम्मेलन में बातचीत होगी और विचारों का आदान-प्रदान होगा। राज्य में अधिक से अधिक निवेाश का वातावरण बनेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देने के लिये 2006 में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनायी गयी। बाद में इसको और बेहतर बनाने के लिये कतिपय संशोधन किया गया। फूड प्रोसेसिंग, आई0टी0 सेक्टर के लिये नीति बनायी गयी। शुरू से सिंगल विंडो क्लियरेंस सेल बनाया गया ताकि उद्यमियों को भटकना न पड़े और वे आसानी से राज्य में उद्योग स्थापित कर सकें। नीति के अनुसार जो हमारी नीति का लाभ उठाना चाहते हैं, वे स्टेट इन्वेस्टमेंट बोर्ड में अपना प्रस्ताव और प्रेजेंटेशन देते हैं। बोर्ड से स्वीकृति मिलती है, इसके लिये कानून बनाया गया। बिहार में कार्यरत संस्थाओं से सुझाव लिये जाते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। महीने के पाॅचवें सोमवार को उद्यमी पंचायत का आयोजन किया जाता है और उद्यमियों की समस्याओं को सुना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड राज्य बनने के बाद राज्य के तमाम खान और खदान झारखण्ड राज्य में चले गये हैं, मगर बिहार के पास विरासतें रह गयी है। नालंदा, राजगीर, पावापुरी, बोधगया, वैशाली यहाॅ ही हैं। भगवान बुद्ध को ज्ञान यहाॅ ही मिला था। नालंदा विश्वविद्यालय एवं बिक्रमशीला विश्वविद्यालय जैसी विरासत भी हमारे पास है। दुनिया के तमाम बौद्ध धर्मावलंबियों की इच्छा रहती है कि वे जीवन में कम से कम एक बार बोधगया अवश्य आयें। बिहार में देशी एवं विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला निरंतर बढ़ रहा है। दो करोड़ से अधिक प्रतिवर्ष देशी पर्यटक बिहार आते हैं, जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या सलाना 70 हजार से बढ़कर 11 लाख हो गयी है, जो गोवा से अधिक है। हमारी आबादी बहुत है। अविभाजित बिहार का 48 प्रतिशत भू-भाग झारखण्ड में चला गया, जबकि 25 प्रतिशत आबादी झारखण्ड में गयी। बिहार की आबादी 10 करोड़ 38 लाख है। 94 हजार स्वायर मीटर क्षेत्रफल बिहार में है। प्रति किलोमीटर ग्यारह हजार की आबादी बिहार में है। हमारी सभी जमीन उपजाऊ है, बिहार देश का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है। इसी में शहर और गाॅव को रहना है। उतर बिहार में बड़ी-बड़ी नदियाॅ हैं, जो गंगा में जाकर मिलती हैं। दक्षिण बिहार में झारखण्ड से निकलने वाली नदियाॅ हैं। हमारी तुलना समुद्र तट पर बसे राज्यों से नहीं की जा सकती है। हमारे पास पर्याप्त जल, मेहनती लोग उपलब्ध हैं, पारदर्शी नीति है। बहुत बड़ा बाजार सुलभ है। तंग करने वाले भी नहीं हैं। बिहार की आम, लीची का मुकाबला नहीं है, सब्जियाॅ खूब होती है। गन्ना के लिये मुनासीब जलवायु है, मक्का की पैदावार अत्यधिक होती है। यहाॅ पर कृषि की असीम संभावनायें हैं। धान, आलू एवं अन्य फसलों के उत्पादन में हमारे किसान कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। पहले धान की मिलिंग बिहार में नहीं होती थी। मिलिंग के लिये उतर प्रदेश जाना पड़ता था, मगर परिवर्तन हुआ है। धान की मिलिंग के लिये कई उद्योग स्थापित हुये हैं। दूध का उत्पादन यहाॅ हो रहा है, मगर दूध का पाउडर बनाने का संयंत्र नहीं है। बिहार में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की असीम संभावनायें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका दो सपना है कि राज्य के सुदूर कोने से पटना राजधानी पहुॅचने में अधिकतम छह घंटे का समय लगे। किशनगंज को छोड़कर अन्य जगहों पर छह घंटे में पहुॅचने का सपना साकार हो रहा है। किशनगंज की भी दूरी को कम करने के लिये कई नये रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। दूसरा सपना यह है कि कृषि को इतना समुन्नत बनाया जाय कि हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन अवश्य रहे। इन सपनों को साकार करने के लिये व्यापक कृषि रोड मैप बनाया गया है। 250 की आबादी की वाले सभी बसावटों को बारहमासी पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा। इन सबके लिये कृषि रोड मैप में प्रावधान किया गया है। फूड प्रोसेसिंग एवं लेदर उद्योग के क्षेत्र में मुम्बई से लोग यहाॅ आकर उद्योग स्थापित कर रहे हैं। हर क्षेत्र में विशाल संभावनायें यहाॅ पर सुलभ है।
प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष राज्य का दर्जा माॅग रहे हैं। एफ0आर0बी0एम0 एक्ट के लिमिट में रहकर हम निवेश कर रहे हैं। किसी भी कस्बे के लोगों से पूछिये तो लोग कहेंगे कि राज्य के माहौल में बदलाव आया है। सोलर पावर को प्रोत्साहित करने के लिये नीचे मछली, ऊपर बिजली की योजना प्रारंभ की गयी है। मुख्यमंत्री सचिवालय एवं मुख्यमंत्री आवास को सोलर पावर से जोड़ा जा रहा है ताकि लोग सोलर ऊर्जा के महत्व को समझें, सोलर ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा है। विशेष राज्य का दर्जा बिहार को मिल जाता है तो यहाॅ पर निवेश करने वालों को कर में राहत मिलेगी तथा केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में राज्य को हिस्सा पूॅजी कम लगाना होगा।
राज्य में बिजली संकट की चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के दो उपक्रम- एन0टी0पी0सी0 और कोल इंडिया के बीच लड़ाई चल रही है। एन0टी0पी0सी0 मात्रा और गुणवता के आधार पर भुगतान करना चाहता है, जो कोल इंडिया को मंजूर नहीं है। केन्द्र सरकार अपने दोनों उपक्रमों की समस्याओं का समाधान निकालकर विद्युत उत्पादन की स्थिति को ठीक करे। बायोमास ऊर्जा के लिये भी नीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ आवश्यकता इस बात की है कि हम सब मिलकर बिहार के लिये कुछ करें। उद्यमी जमीन के लिये सीधे किसान से सम्पर्क करें। प्राइवेट इन्डस्ट्रीयल एरिया के लिये भी हम काम कर रहे हैं। उद्यमिता का मतलब होता है कि जो हर परिस्थिति में काम कर सकता है। उद्यमी नौकरी देने वाले होते हैं, नौकरी नहीं करते। उद्यमी अपनी क्षमता का पूरा उपयोग बिहार में करें, बिहार से उन्हें लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्रीमती रेणु कुमारी कुशवाहा ने कहा कि बिहार और बिहार के लोगों ने कुछ करने का मन बना लिया है। शून्य से शिखर पर हम हर क्षेत्र में पहुॅच रहे हैं। उद्यमी बिहार की ओर आयें, उन्हें कोई कठिनाई नहीं होने देंगे, उन्हें हर तरह की सहायता दी जायेगी।
इस अवसर पर पी0एच0डी0 चेम्बर आॅफ काॅमर्स के उपाध्यक्ष श्री शरद जयपुरिया ने स्वागत भाषण किया तथा पी0एच0डी0 चेम्बर की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रधान सचिव उद्योग श्री नवीन वर्मा ने बिहार में उद्योग की संभावनाओं पर विस्तार से एक पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया और कहा कि पटना बाजार के मामले में बहुत आगे है। यहाॅ बड़ा बाजार है और व्यापार को फलने-फूलने की पूरी संभावना है। इस अवसर पर देश के विभिन्न कोने से आये पचास से अधिक निवेशकों ने अपने निवेश प्रस्ताव से मुख्यमंत्री को अवगत कराया और राज्य में उद्योग की स्थापना के लिये निवेश करने में इच्छा दिखायी।
इस अवसर पर पी0एच0डी0 चेम्बर आॅफ काॅमर्स की एक बिहार प्रोफाइल स्मारिका का भी लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया। पी0एच0डी0 चेम्बर आॅफ काॅमर्स एवं स्काई फिशर एयरवेज की ओर से मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विकास आयुक्त श्री फूल सिंह, मुख्यमंत्री के सांस्कृतिक सलाहकार श्री पवन कुमार वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक कुमार सिन्हा, प्रधान सचिव श्रम संसाधन श्री ए0के0 चैहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, बियाडा के प्रबंध निदेशक श्री दीपक कुमार सिंह, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष प्रो0 सुभाष सिंह, बिहार चेम्बर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री के0पी0एस0 केसरी सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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