एंड्रयू वर्सडेल ने सिनेमा में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मजबूत सहयोग की उम्मीद जताई |
44वें अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव, आईएफएफआई में पत्रकारों से वार्ता करते हुए दक्षिण अफ्रीकी निर्देशक, लेखक और पत्रकार एंड्रयू वर्सडेल ने विविधतापूर्ण फिल्मों के निर्माण के लिए भारतीय फिल्म जगत की सराहना की। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी फिल्म उद्योग अभी प्रगतिशील स्तर पर है और फिल्म निर्माण की कला में महत्वपूर्ण विशेषताओं को जोड़ने के लिए सिनेमा जगत में भारत और दक्षिण अफ्रीक के बीच मजबूत सहयोग इसमें व्यापक भूमिका निभा सकता है। फिल्म निर्माता के तौर पर एंड्रयू वर्सडेल कुछ छोटे वृत्तचित्रों के अलावा ‘शॉट डाउन’ नामक एक फीचर फिल्म का भी निर्माण कर चुके हैं, लेकिन यह फिल्म उनके देश में प्रतिबंधित है। आईएफएफआई में प्रदर्शित की जा रही अपनी फिल्म ‘डरबन पॉयज़न’ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह फिल्म वंचित तबके के बीच प्रेम संबंधों की सच्ची कहानी पर आधारित है और यह फिल्म ज़मीनी हकीकत से जुड़ी है। एंड्रयू वर्सडेल ने विभिन्न विधाओं, जातियों और संस्कृतियों की फिल्मों को एकल मंच प्रदान करने के लिए आर्इएफएफआई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका इतिहास और संस्कृति में सहभागिता रखते हैं, जिससे दक्षिण अफ्रीका में भारतीय फिल्म निर्माताओं को एक शानदार व्यासायिक मंच मिल सकता है। |
युवाओ के प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद को शत शत नमन . 12 जनवरी 2013 स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती : राष्ट्रिय युवा दिवस। युवाओ के सच्चे मार्गदर्शक के रूप में अपने देश को एक देवतुल्य इंसान मिला . इन्हें दार्शनिक , धार्मिक ,स्वप्न दृष्टा या यो कहे की भारत देश की सांस्कृतिक सभी अवधारणा को समेटने वाले स्वामी विवेकानंद अकेले व असहज इंशान थे .इन्हें एक सच्चा यायावर संयाशी भी कहा जाता है हम युवा वर्गे इनकी सच्ची पुष्पांजलि तभी होगी जब हमारे देश में आपसी द्वेष व गरीबी भाईचारा आदि पर काबू पा लेंगे .हम युवाओ के लिए स्वामी जी हमेशा प्रासंगिक रहेंगे .देश के अन्दर कई जगहों पर इनके नाम पर कई संस्थाए कार्यरत है उनके बिचारो को आम आदमी तक पहुचाने का बीरा हम युवा साथी के कंधो पर है . विश्व के अधिकांश देशों में कोई न कोई दिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती , अर्थात १२ जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1985 ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया। इसके महत्त्व
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